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सुपेबेड़ा निवासियों को फ्लोराइड युक्त दूषित पानी से कब मिलेगी मुक्ति ?*
सुपेबेड़ा निवासियों को फ्लोराइड युक्त दूषित पानी से कब मिलेगी मुक्ति ?*
*किडनी की बीमारी के कारण कब तक रहेंगे मरते ?*
*प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर घर नल जल योजना की गारंटी हुई फेल*
सन 2000 में छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना, 3 साल तक कांग्रेस की सरकार रही, रायपुर के पूर्व कलेक्टर अजीत जोगी प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, उसके बाद चुनाव हुए तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में बनी और छत्तीसगढ़ के पहले इलेक्टेड मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह बने जो लगातार 15 सालों तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे |
आप लोग सोच रहे होंगे यह सब क्यों बताया जा रहा है ? यह तो सबको पता है,
परंतु हम आपको बता दें कि 3 साल के कांग्रेस के कार्यकाल और 15 साल भारतीय जनता पार्टी के शासन के बाद फिर 2018 से 2023 तक कांग्रेस का शासन छत्तीसगढ़ में रहा और इस दौरान भूपेश बघेल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे |
इन 23 सालों में छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा नामक गांव के निवासी साफ पीने के पानी के अभाव में किडनी की बीमारी से मौत के शिकार होते रहे डॉक्टर रमन सिंह के 15 साल के कार्यकाल में उन्होंने सुपरबेड़ा के फ्लोराइड युक्त पानी से ग्रामीणों की मौत पर दुख तो व्यक्त किया मुआवजा भी दिया परंतु साफ पानी पहुंचाने में उनकी योजनाएं और घोषणाएं उनके मुंह की आवाज और कागज कलम तक सीमित रह गई , सुपेबेड़ा गांव के नागरिक मजबूरी में फ्लोराइड युक्त दूषित पानी पी पीकर किडनी की बीमारी से ग्रसित होकर अपनी जान गंवा रहे हैं,
ग्राम वासियों को शासन प्रशासन की तरफ से पीने का स्वच्छ पानी नसीब नहीं हो रहा है, भाजपा शासन के बाद कांग्रेस सरकार के 5 सालों के दौरान भी नेता, मंत्री, डॉक्टर और अनुसंधान टीम के साथ-साथ पूर्व राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उईके ने भी इस दूषित पानी वाले गांव का दौरा कर उनकी पीड़ा को समझा और शीघ्र स्वच्छ साफ पीने के पानी की व्यवस्था करने के निर्देश राज्य शासन को दिए परंतु आज की तारीख तक भी गरियाबंद जिले के इस सुपेबेड़ा गांव में पीने का स्वच्छ साफ पानी उपलब्ध नहीं हो पाया है |
गांव से करीब 2 किमी की दूरी पर तेल नदी है। इसका पानी मुहैया कराने की मांग कई बार ग्रामीण कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में साल 2008 से लेकर 2019 तक किडनी मरीजों की संख्या 160 का आंकड़ा पार चुकी है। इनमें से 32 मरीजों की जान चली गई। पूर्व की भाजपा सरकार के कार्यकाल में सुपेबेड़ा में मौतों का सिलसिला शुरू हुआ, लेकिन सरकार ने 2016 तक कोई ध्यान नहीं दिया। 2017 में जब मौतों की खबरें अखबारों की हेडलाइन बनीं तो सरकार जागी। तत्कालीन मंत्रियों ने दौड़ा लगाई। डॉक्टरों को भी भेजा गया। कैंप लगाए गए, गंभीर मरीजों को रायपुर रेफर किया गया। जबलपुर आइसीएमआर की टीम पहुंची। जांच में सामने आया कि पानी में ही खराबी है। इनमें फ्लोराइड समेत अन्य हानिकारक मिनरल्स पाए गए हैं, जो सीधे किडनी को इफैक्ट कर रहे हैं। तत्कालीन सरकार ने निजी अस्पतालों की मदद भी ली, लेकिन मरीजों की संख्या ने कम होने का नाम नहीं लिया।
2018 के बाद कांग्रेस की सरकार ने सुपेबेड़ा में शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए योजना बनाई है। करीब दो करोड़ रुपये की इस योजना से पास में बहती तेल नदी से पानी पहुंचाया जाएगा। तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने यहां दौरा किया था। गांव के लोगों से बात की, समस्याएं सुनीं और फिर सरकार ने गांव वालों को स्वच्छ साफ पानी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया परंतु वह आश्वासन आज तक आश्वासन ही बना हुआ है |
अब छत्तीसगढ़ में पुनः भारतीय जनता पार्टी का शासन है और 6 माह बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वास्थ्य विभाग की बैठक में सुपेबेड़ा के दूषित पानी के कारण किडनी की बीमारियों की रोकथाम के लिए कार्य योजना तैयार की है, जिसके अनुसार सुपेबेड़ा में एक किडनी यूनिट आरंभ करने की व्यवस्था की जाएगी | सुपेबेड़ा के निवासियों को किडनी संबंधी समस्याओं से पूरी तरह मुक्त किया जाएगा |
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस मैराथन बैठक में सुपेबेड़ा गांव के लिए स्वच्छ पीने के पानी की व्यवस्था पर कोई निर्णय नहीं लिया है, इसे इस तरह भी कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री ने गांव तक नदी से पिछली रमन सरकार द्वारा घोषित पाइपलाइन बिछाकर शुद्ध स्वच्छ पीने लायक पेयजल पहुंचाने की योजना की समीक्षा नहीं की और ना ही अभी की समीक्षा बैठक में सुपेबेड़ा के निवासियों को दूषित फ्लोराइड युक्त पानी से मुक्ति दिलाने की कोई नई कार्य योजना भी नहीं बनाई है |
*मोदी की गारंटी यहां फेल हो रही है*
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर घर नल जल योजना का लाभ भी छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के सुपे बेड़ा गांव के किडनी पीड़ित निवासियों को नहीं मिला और ना ही मिलने की उम्मीद है | CG 24 News - Singhotra
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