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दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने एनआईटी रायपुर ने 1044 बी.टेक और बी.आर्क छात्रों, 225 एमसीए और एम.टेक छात्रों, और 170 पीएचडी छात्रों को डिग्रियाँ प्रदान कीं
एनआईटी रायपुर में 14वां दीक्षांत समारोह किया गया आयोजित, भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु रही मुख्य अतिथि
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर ने 25 अक्टूबर, 2024 को अपना 14वां दीक्षांत समारोह पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित किया, जिसमें भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। इस समारोह में छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, और माननीय राज्य मंत्री, नगरीय एवं नगर योजना तोखन साहू भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। समारोह की अध्यक्षता एनआईटी रायपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. सुरेश हावरे ने की और इस कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना ,सीनेट सदस्य, रजिस्ट्रार, डीन, विभागाध्यक्ष और संकाय सदस्य उपस्थित रहे।
इस दीक्षांत समारोह में एनआईटी रायपुर ने 1044 बी.टेक और बी.आर्क छात्रों, 225 एमसीए और एम.टेक छात्रों, और 170 पीएचडी छात्रों को डिग्रियाँ प्रदान कीं। कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को 13 गोल्ड और 12 सिल्वर मेडल बी.टेक और बी.आर्क के लिए और 11 गोल्ड तथा 11 सिल्वर मेडल एमसीए और एम.टेक के लिए दिए गए। कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के बी.टेक छात्र यश बंसल को संस्थान का ओवरऑल टॉपर घोषित किया गया।
अपने संबोधन में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने सभी स्नातक छात्रों को उनकी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर बधाई दी और शिक्षकों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा, "आज, जब आप जीवन के एक नए अध्याय में कदम रख रहे हैं, तो दुनिया की चुनौतियों का समाधान करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका को हमेशा याद रखें। एनआईटी रायपुर में अर्जित ज्ञान का उपयोग जलवायु परिवर्तन, वैश्विक भूख, गरीबी और तकनीकी विकास जैसी चुनौतियों को सुलझाने में करें।" श्रीमती मुर्मू ने भारत की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में उपलब्धियों का उल्लेख किया और हालिया नोबेल पुरस्कारों उधारण दिया, जो एआई में प्रगति की ओर इशारा करते हैं। उन्होंने भारत के स्टार्टअप और नवाचार को समर्थन देने के संकल्प को दोहराया और स्नातकों को प्रेरित किया कि वे इस क्षेत्र में योगदान दें और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जैसे वैज्ञानिकों की विरासत को आगे बढ़ाएं।
छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने श्रीमती मुर्मु का आभार व्यक्त किया, और उनके दीक्षांत समारोह में शामिल होने को सभी उपस्थितजनों के लिए गर्व और प्रोत्साहन का स्रोत बताया। उन्होंने एनआईटी रायपुर की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा, "छत्तीसगढ़ के लिए यह गर्व का क्षण है कि हमारे छात्र इतने प्रतिष्ठित संस्थान से स्नातक हो रहे हैं। इंजीनियरिंग शिक्षा केवल तकनीकी ज्ञान तक सीमित नहीं है; यह ज्ञान को समाज की जरूरतों के साथ जोड़ने का माध्यम है।" उन्होंने स्नातकों से छत्तीसगढ़ के विकास में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया। "छत्तीसगढ़, जहाँ अधिकतर जनसंख्या ग्रामीण और वन क्षेत्रों में निवास करती है, ग्रामीण और पर्यावरणीय विकास में युवाओं के तकनीकी कौशल से बहुत लाभान्वित हो सकता है"। मुख्यमंत्री साय ने छात्रों को प्रेरित किया कि वे अपने ज्ञान का उपयोग अपने आसपास के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में करें और राज्य को प्रगति की ओर अग्रसर करें।
माननीय राज्यपाल श्री रमेन डेका ने स्नातकों को उनके कठिन परिश्रम और उपलब्धियों के लिए बधाई दी। अपने संबोधन में उन्होंने छात्रों को दृढ़ संकल्प और साहस बनाए रखने का महत्व बताया। उन्होंने कहा, "आज की चुनौतियाँ जटिल हैं, जिनमें जलवायु परिवर्तन, लैंगिक असमानता और बेरोजगारी शामिल हैं। लेकिन एक इंजीनियर के रूप में आपके पास इन क्षेत्रों में बदलाव लाने के लिए अद्वितीय कौशल और दृष्टिकोण हैं।" श्री डेका ने छात्रों से अनुरोध किया कि वे केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समाज की सेवा के लिए अपने ज्ञान का उपयोग करें। "कठिन परिस्थितियों से डरें नहीं। आपकी शिक्षा का उद्देश्य केवल पेशेवर उत्कृष्टता नहीं है, बल्कि वैश्विक मुद्दों को संबोधित करना और अपने तकनीकी कौशल से सतत विकास लाना है," उन्होंने जोर दिया। उनकी बातों ने छात्रों को इस बात की याद दिलाई कि उनकी जिम्मेदारियाँ कार्यस्थल से आगे जाकर एक बेहतर भविष्य की दिशा में योगदान देने में निहित हैं।
संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ सुरेश हावरे ने अपने भाषण में भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें राष्ट्रपति मुर्मु के आगमन से अत्यंत हर्ष की अनुभूति हो रही है | उन्होंने माननीय राष्ट्रपति की जीवन यात्रा पर बात करते हुए कहा कि माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी की यात्रा गांव से ज्ञान तक की यात्रा है | उन्होंने उनकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और कहा कि हमें माननीय राष्ट्रपति के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए| उन्होंने सभी से खुद की क्षमता पहचानने और कभी एक सीमा में न बंधे रहने की बात कही | उन्होंने कहा कि बड़े चैलेंज लो और बड़े बनो , हार से निराश न हो बल्कि उससे सिख के और बड़ी जीत की और बढ़ो |
अपने भाषण में एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव ने माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु व अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और संस्थान की 1956 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में स्थापना से लेकर 2005 में इसे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के रूप में परिवर्तित होने तक की यात्रा को साझा किया। उन्होंने संस्थान की उपलब्धियों की सराहना की, जिसमें 2025 के टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में #1001-1200 की रैंकिंग और एनआईआरएफ इंजीनियरिंग श्रेणी में 71वीं रैंक (48.88 अंक) शामिल है। डॉ. राव ने संस्थान की हाल की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया: 95 प्रायोजित शोध परियोजनाएँ (32.9 करोड़ रुपये मूल्य), 43 एमओयू पर हस्ताक्षर, शहरी योजना में पीजी पाठ्यक्रम की शुरुआत, और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की सूची में 15 शिक्षक शामिल थे। इसके अतिरिक्त, संस्थान के संकाय और छात्रों को 14 पेटेंट और डिज़ाइन पुरस्कार प्राप्त हुए, जो नवाचार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ सुरेश हावरे ने अपने भाषण में भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें राष्ट्रपति मुर्मु के आगमन से अत्यंत हर्ष की अनुभूति हो रही है | उन्होंने माननीय राष्ट्रपति की जीवन यात्रा पर बात करते हुए कहा कि माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी की यात्रा गांव से ज्ञान तक की यात्रा है | उन्होंने उनकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और कहा कि हमें माननीय राष्ट्रपति के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए| उन्होंने सभी से खुद की क्षमता पहचानने और कभी एक सीमा में न बंधे रहने की बात कही | उन्होंने कहा कि बड़े चैलेंज लो और बड़े बनो , हार से निराश न हो बल्कि उससे सिख के और बड़ी जीत की और बढ़ो |
कार्यक्रम के दूसरे भाग में पी एच डी विद्यार्थीयों को उपाधि प्रदान की गई साथ ही पी जी प्रोग्राम के विद्यार्थियों को मेडल्स प्रदान किए गए | इसके अतिरिक्त अन्य विद्यार्थियों को भी डिग्री प्रदान की गई |
समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिससे एनआईटी रायपुर के स्नातक छात्रों, संकाय और विशिष्ट अतिथियों के लिए यह एक यादगार दिन बन गया।
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