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यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लाने के ऑपशेन गंगा के तहत 200 भारतीयों को लेकर एयरफोर्स( airforce) का पहला C-17 ग्लोबमास्टर विमान आज तड़के हिंडन एयरबेस पर उतरा। इस विमान ने रोमानिया ( romania)के बुखारेस्ट से उड़ान भरी थी। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एयरबेस पर यात्रियों का स्वागत किया।
भारतीयों ने यूक्रेन छोड़ा
उधर, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि रोमानिया,हंगरी, स्लोवाकिया और पोलैंड से 9 विमानों ने उड़ान भरी है। 6 और विमान जल्द ही उड़ान भरने वाले हैं। इनमें एयरफोर्स (airforce) ग्लोब मास्टर भी शामिल हैं। अब तक 17 हजार भारतीयों ने यूक्रेन छोड़ दिया है।
भारतीय स्टूडेंट्स को बनाया बंधक ( areest)
यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स में से कुछ को यूक्रेनी सेना ने बंधक बना लिया है, जिससे उनका इस्तेमाल मानवीय कवच के रूप में किया जा सके। यह दावा भारत स्थित रूसी एम्बेसी ने किया है।
दिल्ली- मुंबई पहुंची उड़ानें( delhi mumbai)
उधर,एअर इंडिया का एक और विमान भी गुरुवार तड़के दिल्ली पहुंचा। केंद्रीय राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने एयरपोर्ट पर यात्रियों का स्वागत किया। चौधरी ने बताया कि अब तक कुल 16 उड़ानों से करीब 3000 भारतीयों को यूक्रेन से भारत लाया जा चुका है। वहीं इंडिगो का विशेष विमान भी बुखारेस्ट से 200 भारतीयों को लेकर दिल्ली पहुंचा। इसमें आए स्टूडेंट्स ( students) स्वागत केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने किया।
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गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की जगह गढ़बों नवा रायपुर तक सिमट रही प्रदेश सरकार क्यों ? - विशेष लेख 24-Feb-2022
*गढ़बो नवा छत्तीसगढ़* छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद वैसे तो कोई बड़े काम शुरू होते नजर नहीं आए सिर्फ घोषणा ही हुई हैं, परंतु छोटे-छोटे कार्यों की कोई कमी इस प्रदेश में नहीं है, चौक चौराहों को सजाने की बात हो, बिना वजह के खर्चों की बात हो, कुछ भी तोड़ो फिर बनाओ की बात हो तो यह सब कमाई के साधन प्रदेश में लगातार चल रहे हैं| अब हम आपको बताते हैं कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार जो गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की बात करती है अब ऐसा लगता है कि वह अपने उस नारे से किनारा कर सिर्फ *गढ़बो नया रायपुर* में सिमटती नजर आ रही है और यह हम नहीं कह रहे हैं यह स्वयं सरकार कह रही है |
गढ़बो नया रायपुर का नारा वैसे तो नए रायपुर के लिए होना चाहिए परंतु प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार इसे पुराने रायपुर पर आजमा रही है | मुख्यमंत्री निवास के आसपास अच्छे भले बिजली के खंभों को काटकर, उखाड़ कर उसी जगह नए खंभे लगाकर कर्ज लेने वाली यह सरकार बिना वजह के खर्च करके अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की अवैध आवक के साधन पैदा कर रही है ! इस तस्वीर से आप समझ जाएंगे कि अच्छे भले बिजली के पोल जिन पर महंगी लाइटें इस मार्ग को रोशन कर रही थी उन्हें हटाकर इन चौरस काले खंभों के माध्यम से बिना वजह का खर्च दिखाकर कमाई का रास्ता निकाला गया है और यह सब कुछ नागरिकों से वसूले जा रहे हैं टैक्स के अलावा कर्ज लेकर प्रदेश के नागरिकों पर कर्ज लादने वाली सरकार का कारनामा है | वैसे तो इन सब मामलों में जो जिम्मेदारी विपक्ष को दमदार तरीके से निभानी चाहिए थी परंतु पता नहीं विपक्ष सिर्फ दिखावे के धरना - प्रदर्शन और बयान जारी करने तक ही सीमित क्यों है ? इन मामलों को लेकर संबंधित अदालतों में याचिका दायर करने का दायित्व विपक्ष को निभाना चाहिए! आम नागरिक महंगे अदालती खर्चों के कारण शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर कार्यवाही करने से पीछे हट जाता है और अपने सामने अपने द्वारा दिए गए टैक्स की बर्बादी को देखकर खून के आंसू रोता है और अंदर ही अंदर घुट घुट कर शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत को देखता रहता है | यहां यह सवाल भी उठता है कि जब प्रदेश सरकार लगातार करोड़ों रुपए का कर्ज लेकर गुजारा कर रही है तो फिर इस तरह के फालतू खर्चों पर खर्च कर वह क्या दिखाना चाहती है ? , क्या इन खर्चों से वह जनता का दिल जीत पाएगी ? क्या इन फालतू के खर्चों के दम पर वह प्रदेश का विकास कर पाएगी ?
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एनसीपी नेता एवं महाराज सरकार में मंत्री नवाब मलिक को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है प्रदेश में ईडी के द्वारा प्रदेश के मंत्री की यह दूसरी गिरफ्तारी है | उल्लेखनीय है कि इससे पहले महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री रहे अनिल देशमुख पहले ही गिरफ्तार हैं | और अब प्रदेश के दूसरे मंत्री नवाब मलिक भी आज गिरफ्तार कर लिए गए हैं | बताया जाता है कि बाजार मूल्य से बहुत ही कम कीमत में जमीन की खरीदी के मामले में ईडी ने नवाब मलिक के घर सुबह दबिश दी और उन्हें पूछताछ के लिए आईडी दफ्तर लाया गया जहां पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार घोषित किया गया और उनकी डॉक्टरी जांच के बाद नियमानुसार कोर्ट में पेश किया जाएगा | उल्लेखनीय है कि आर्यन खान की गिरफ्तारी के समय प्रदेश के मंत्री नवाब मलिक ने खुलकर विरोध किया था, ई डी एवम नारकोटिक्स क्राइम ब्यूरो पर पत्रकार वार्ता के माध्यम से लगातार हमले किए थे | आम लोगों द्वारा माना जा रहा है कि उसी के परिणाम स्वरूप उन पर या कार्यवाही की गई है | अपनी गिरफ्तारी घोषित होने के बावजूद नवाब मलिक हंसते हुए भी दफ्तर से बाहर आए और उन्होंने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि लड़ेंगे लेकिन डरेंगे नहीं | महाराज सरकार के मंत्री नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद पक्ष विपक्ष के बीच वार प्रति वार शुरू हो गया है |
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साल 2008 में गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) में हुए सीरियल बम धमाकों (Bomb Blast) के मामले में दोषियों को सजा सुना दी गई है. विशेष न्यायाधीश एआर पटेल की अदालत ने 49 अभियुक्तों में से 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है. बाकी 11 दोषियों को उम्र कैद हुई है.
साल 2008 में गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) में हुए सीरियल बम धमाकों (Bomb Blast) के मामले में दोषियों को आज सजा सुनाई गयी . इस मामले में 49 अभियुक्तों की सजा का एलान गुजरात की एक विशेष अदालत ने किया | सजा पर सुनवाई मंगलवार को खत्म हुई थी और विशेष न्यायाधीश ए आर पटेल की अदालत ने आदेश देने के लिए 18 फरवरी की तारीख तय की थी.
70 मिनट के भीतर हुई थी 56 लोगों की मौत
अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को हुए सिलसिलेवार बम धमाके में 70 मिनट के भीतर 56 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक घायल हो गए थे. अदालत में 13 साल से भी ज्यादा समय तक मामला चलने के बाद पिछले सप्ताह 49 लोगों को दोषी ठहराया गया और 28 अन्य को बरी कर दिया गया था.
आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े हैं दोषी- पुलिस
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बचाव पक्ष ने सजा पर मंगलवार को अपने दलीलें समाप्त की. सोमवार को अभियोजन पक्ष ने दलीलें खत्म की थीं और अभियुक्तों को अधिकतम सजा देने का अनुरोध किया था. आरोपियों को गैर कानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आजीवन कारावास और मौत की सजा हो सकती है. उन पर कानून की अन्य धाराओं में भी मामला दर्ज है. अदालत ने 77 अभियुक्तों के विरुद्ध पिछले साल सितंबर में मुकदमे की कार्यवाही समाप्त की थी. विचाराधीन 78 आरोपियों में से एक सरकारी गवाह बन गया था. पुलिस का दावा है कि उक्त आरोपी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े हैं. आरोप था कि इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने 2002 में हुए गोधरा दंगे का प्रतिशोध लेने के लिए बम धमाके की साजिश रची थी.
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*हिजाब विवाद पर कुछ सवाल* कर्नाटक के स्कूल कॉलेज से उठा हिजाब का विवाद पूरे देश में फैल रहा है | अनेक तरह के बयान सामने आ रहे हैं, कोई कह रहा है कि मुसलमान लड़कियों को बेपर्दा किया जा रहा है, कोई कह रहा है कि उन्हें पढ़ाई से रोका जा रहा है, कोई कह रहा है कि मुसलमान लड़कियां को शिक्षित होने से रोका जा रहा है, कोई कह रहा है कि हिजाब पहनकर ही मुस्लिम लड़कियां जाएंगी अगर कोई बीच में आएगा तो उसका हाथ तोड़ दिया जाएगा, कोई कह रहा है कि मुस्लिम धर्म में हिजाब पहनना आवश्यक है, हिजाब से सर बाल ढके जाते हैं, किसी को मुस्लिम लड़कियों के बाल क्यों देखने हैं ? और भी ना जाने क्या-क्या सवाल-जवाब, मुद्दे टीवी चैनलों, अखबारों और सोशल मीडिया पर चल रहे हैं | *कोई मुस्लिम महिला या लड़की अगर!* इन सबसे हटकर मेरा भी एक सवाल है कि क्या कोई मुस्लिम महिला या लड़की अगर किसी भी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, ट्रेनिंग सेंटर, कोचिंग सेंटर में पढ़ाई करने हिजाब पहनकर ही जाएंगी या जाती हैं ? क्या कोई मुस्लिम महिला या लड़की अगर पुलिस में भर्ती होगी तो क्या हिजाब पहनकर ही पुलिस की ड्यूटी करेगी ? पुलिस की वर्दी नहीं पहनेगी ? कोई मुस्लिम महिला या लड़की अगर डॉक्टर बनेगी तो क्या हिजाब पहनकर ही लोगों का इलाज करेगी ? कोई मुस्लिम महिला या लड़की अगर जल थल और वायु सेना में भर्ती होगी तो क्या हिजाब पहनकर ही अपनी ड्यूटी निभायेगी, देश की रक्षा करेगी सेना की वर्दी नहीं पहनेगी ? कोई मुस्लिम लड़की या महिला अगर देश के लिए क्रिकेट खेलेगी तो क्या हिजाब पहनकर क्रिकेट खेलेगी ? या खेलतीं है ? कोई मुस्लिम लड़की और महिला अगर किसी भी तरह के स्पोर्ट्स में भाग लेगी तो क्या हिजाब पहनकर खेलेगी ? या खेलती है ? कोई मुस्लिम महिला या लड़की अगर एंकर या रिपोर्टर बनेगी तो क्या हिजाब पहनकर ही एंकरिंग और रिपोर्टिंग करेगी ? या करती है ? कोई मुस्लिम महिला या लड़की अगर कलेक्टर कमिश्नर है या बनेगी तो क्या हिजाब पहन कर ही ड्यूटी पर जाती है या जाएगी ? कोई मुस्लिम महिला या लड़की जो देश में कहीं भी विधायक, सांसद, मंत्री या जनप्रतिनिधि है वह हिजाब पहनकर ही अपने दायित्व का निर्वहन करेगी ? या करती हैं? कोई भी मुस्लिम महिला या लड़की अगर खुद का व्यवसाय कर रही है तो क्या हिजाब पहनकर ही कर रही है ? या करेगी ? कोई मुस्लिम महिला या लड़की शासकीय या निजी किसी भी तरह की कोई भी नौकरी कर रही है या करेगी तो क्या हिजाब पहनकर ही करेगी ? या हिजाब पहनकर ही कर रही है ? कोई मुस्लिम महिला या लड़की अगर मजदूरी करती है या करेगी तो क्या हिजाब पहनकर ही करती है ? या हिजाब पहनकर ही करेगी ? कोई मुस्लिम महिला या लड़की अपने जान पहचान वालों या पड़ोसी जो किसी अन्य धर्म के हैं उनके विवाह, सगाई, एनिवर्सरी, बर्थडे या अन्य खुशी या दुख के अवसर पर उनके यहां जाएगी तो क्या हिजाब पहनकर ही जाती हैं ? या हिजाब पहनकर ही जाएगी ? कोई मुस्लिम महिला या लड़की अगर मिस प्रदेश, मिस इंडिया, मिस यूनिवर्स, के अलावा किसी भी तरह की प्रतियोगिता में भाग लेगी तो क्या हिजाब पहनकर ही लेगी ? या लेती हैं ? कोई मुस्लिम महिला या लड़की अगर फिल्म लाइन में किसी भी तरह का कोई रोल अदा करती हैं तो क्या हिजाब पहनकर ही करती हैं या करेंगी ? मुस्लिम समाज के सांसद, मंत्री, बड़े जनप्रतिनिधि, मुस्लिम समाज के चौधरी जो जगह-जगह बयान देते फिरते हैं कि देश में मुसलमान 15% हैं | उन्हें यह भी समझ लेना चाहिए कि जब मुस्लिम समाज 15% है और वह अपने आप को समाज के नाते हिंदुस्तान में अलग-थलग अपनी नीतियां चलाएंगे कहते फिरते हैं तो 85% प्रतिशत अन्य समाज अगर उनसे लेनदेन, खरीदी - बिक्री, उठना - बैठना, मिलना जुलना बातचीत करना सुख दुख में बुलाना और जाना छोड़ देगा क्या यह संभव है ? हर समाज के मुखिया से अपील है कि वे समाज को धार्मिक भावनाओं के आधार पर ना बांटें, सामाजिक दूरी ना बनाएं, आपस में मेलजोल रखें, संविधान के अनुसार चलने की बातें बताएं, और अगर संविधान में कोई कमी है तो संविधान में संशोधन होने तक इंतजार करें या संशोधन करवाएं लेकिन कानून के खिलाफ जाकर धार्मिक मतभेद पैदा ना करें, आपसी मेलजोल, उठना - बैठना, सुख दुख में जाना आना प्रभावित ना करें | कोई मुस्लिम महिला या लड़की अगर किसी अपराध में गिरफ्तार होती है तो उसे जेल में भी हिजाब पहनाया जाएगा क्या ?
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जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा लिया गया ऐतिहासिक कदम
रायपुर 07 फरवरी 2022/ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर में परिवर्तित नाम श्रीमती कल्पना गुप्ता निवासी हनुमान नगर रायपुर द्वारा सूचना प्रेषित की गयी कि, उनकी आयु और उनके पति की आयु 70-72 साल से अधिक है। उन्होंने अपने मकान को अपनी एक बेटी को इस उद्देश्य से दान दिया था कि वह बुढ़ापे में उनका भरण-पोषण एवं जीवन-यापन करेगी। लेकिन बेटी ने मकान अपने नाम होने के पश्चात् माता-पिता का भरण-पोषण करने से इंकार करते हुए उन्हें दो वक्त की रोटी के लिए भी मोहताज कर दिया। विधिक सहायता हेतु बुजुर्ग दंपत्ति ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर में जानकारी प्रेषित की। इस पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर अरविंद कुमार वर्मा ने मामले का त्वरित संज्ञान लेकर जिले में पहली बार छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित योजना ‘‘करूणा” के तहत बुजुर्ग दंपत्ति के घर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, के माध्यम से उन्हें हर संभव सहायता पहुंचाने हेतु प्रतिधारक अधिवक्ता श्रीमती सुनीता तोमर, पैरालीगल वालिंटियर देवेन्द्र धीवर तथा कर्मचारी अमित गार्डिया को भेजा।
उक्त टीम बुजुर्ग दंपत्ति के घर पहुंचकर उनके सारे दस्तावेज निःशुल्क तैयार करने में सहयोग किया और दंपत्ति को यह बताया कि उनकी हर संभव सहायता प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क रूप से सुनिश्चित की जाएगी। उक्त प्रकरण के संबंध में अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि माता पिता की सेवा करना हर संतान का कर्तव्य है और ऐसे बुजुर्ग माता-पिता के लिए न्याय भी उनकी संतान की तरह अपने कर्तव्य का निर्वहन करता है और कानूनन रूप से हर बुजुर्ग माता-पिता या वरिष्ठजन के अधिकारों की सुरक्षा हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, प्रतिबद्ध है। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर प्रवीण मिश्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ‘करूणा योजना‘ बहुत ही प्रभावशाली एवं लाभकारी है।
इस योजना के तहत वरिष्ठजन प्राधिकरण में फोन के माध्यम से भी सूचना दे सकते है। ऐसे प्रकरण में जिनकी संतान अपने माता-पिता का भरण पोषण नहीं कर रही हैं, प्राधिकरण उसमें समझौता कराकर भरण-पोषण उपलब्ध कराने का प्रयास करता है यदि समझौता सुनिश्चित न हो सके तो भरण-पोषण के विभिन्न कानूनों के माध्यम से त्वरित न्याय प्रदान कराने हेतु निःशुल्क सारे कानूनी कार्यवाही करके प्रकरण न्यायालय में पेश करने में भी प्राधिकरण सहयोग करता है। -
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रायपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बजट की जानकारी विस्तार से दी | उन्होंने अपने विभाग के बारे में भी पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए | रायपुर में कार्गो सुविधा की बात भी उन्होंने कही, बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार के बारे में उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री से अनेकों बार चर्चा करने के बावजूद भूमि हस्तांतरण एयरपोर्ट अथॉरिटी को नहीं किया जा रहा है, इसलिए विस्तार रुका हुआ है | इसी प्रकार अंबिकापुर दरिमा हवाई अड्डे के बारे में उन्होंने कहा कि अब प्रदेश सरकार का अपना एयरपोर्ट है परंतु हम अति शीघ्र उसे भी मुख्यधारा में लाएंगे | एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि देश में हवाई अड्डों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और हवाई यात्रा आसान हुई है , नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रेल यात्रा और हवाई यात्रा की तुलना करते हुए बताया कि रेल के सेकंड एसी और फर्स्ट एसी के मुकाबले हवाई यात्रा का फेयर 15% कम है | एयरपोर्ट की संख्या में वृद्धि एवं सस्ती हवाई यात्रा के बावजूद यात्रियों को हवाई जहाज की टिकट से ज्यादा खर्च एयरपोर्ट से बाहर शहर जाने में लगता है इस पर नागरिक उड्डयन विभाग ध्यान क्यों नहीं देता ?* एक सवाल के जवाब में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हमारा विभाग टैक्सियों का संचालन नहीं करता इसलिए इस बारे में हम कुछ नहीं कर सकते | यहां यह बताना उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री शायद यह भूल गए हैं कि एयरपोर्ट पर टैक्सियों का संचालन करने के लिए कंपनियों को ठेका दिया जाता है और यह ठेका इतना महंगा होता है कि टैक्सी संचालन करने वाले ठेकेदार ठेके की राशि को समायोजित करने के लिए महंगी दर पर टैक्सिया उपलब्ध कराते हैं और बाहर की टैक्सियों को एयरपोर्ट में आने की पूरी तरह मनाही रहती है | एयरपोर्ट में टैक्सियों का संचालन करने वाले ठेकेदार एयरपोर्ट अथॉरिटी के साथ मिलकर खुलेआम दादागिरी करते हैं, यात्रियों को मजबूर करते हैं कि एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा निर्धारित कंपनी की महंगी टैक्सियों से ही अपने गंतव्य तक जाएं अन्यथा उन्हें पैदल ही जाना पड़ेगा | एयरपोर्ट से शहर तक जाने के लिए हवाई जहाज के टिकिट फेयर के बराबर तथा कभी कभी उससे भी ज्यादा किराया टैक्सी संचालक मांगते हैं | Ola और uber ऑनलाइन बुकिंग वाली कैब को भी एयरपोर्ट से यात्री ले जाने की इजाजत नहीं होती है |
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*राहुल गांधी का रायपुर प्रवास, टी.एस. सिंहदेव निराश - राहुल गांधी भी मीडिया के सामने नहीं आए
भूपेश बघेल की योजनाओं को हरी झंडी*
कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़े साहब आए और चले गए, प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सपनों को हरी झंडी दिखाकर उन्होंने साबित कर दिया कि प्रदेश में सब कुछ ठीक ठाक है परंतु प्रदेश में चल रहे कुर्सी के विवाद पर कुछ नहीं बोले |
हम बात कर रहे हैं इंडियन नेशनल कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की जो छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अमर जवान ज्योति की आधारशिला रखने, राजीव गांधी भूमिहीन कृषक गरीब कल्याण योजना एवं राजीव मितान क्लब योजना का लोकार्पण करने के बाद दिल्ली वापस लौट गए | एयरपोर्ट से राहुल गांधी को बस के द्वारा सभा स्थल लाया गया जहां उन्होंने प्रदेश की योजनाओं, प्रदेश के कार्यक्रमों को प्रदर्शनी के माध्यम से प्रत्यक्ष देखा और समझा और सराहा | यहां तक तो सब कुछ ठीक-ठाक रहा परंतु इन सभी कार्यक्रमों के दौरान छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद की कुर्सी के अढ़ाई साल के दावेदार प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव दीन हीन की स्थिति में उनके पीछे पीछे घूमते रहे, स्टेज पर भी उन्हें राहुल गांधी के बाजू में जगह नहीं दी गई | कुछ क्षणों के लिए उन्हें राहुल गांधी से बात करने का मौका मिला परंतु उस मौके का उन्होंने क्या उपयोग किया यह सार्वजनिक नहीं हो पाया है, एक अंदाजा लगाया जा सकता है कि टी एस सिंहदेव ने उस छोटे मगर कीमती समय का उपयोग करते हुए राहुल गांधी से प्रदेश में उनके साथ हो रहे अपमान के बारे में बताने की कोशिश की होगी परंतु शोरगुल वाले उत्सवी कार्यक्रम में उनकी आवाज शायद दब कर रह गई होगी और हो सकता है कि राहुल गांधी ने भी उन्हें कोई तवज्जो नहीं दी होगी ! कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद राहुल गांधी भी मीडिया के सामने नहीं आए क्योंकि वह जानते थे अगर वह मीडिया के सामने आए तो हो सकता है कि मीडिया की तरफ से सबसे पहला सवाल इस मामले में ही आ सकता है कि भूपेश बघेल और टी एस सिंहदेव के बीच कुर्सी विवाद पर क्या निर्णय लिया गया |
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी के रायपुर प्रवास के दौरान उनके स्वागत के लिए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव द्वारा लगाए गए स्वागत बोर्ड होल्डिंग्स को नगर निगम रायपुर द्वारा राहुल गांधी के रायपुर पहुंचने से पहले ही उतार कर हटा दिया गया था और यह अपमान भरा कड़वा घूंट टीएस सिंहदेव को पीना पड़ा और वे चुप रहे | अब राहुल गांधी के जाने के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव मीडिया का सामना किस तरह करेंगे और क्या जवाब देंगे यह तो उनके बयान के बाद ही पता चलेगा |
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मंत्री टीएस सिंहदेव द्वारा लगाए गए स्वागत बोर्ड उतारे गए : राहुल के सामने हो सकता है विवाद 02-Feb-2022मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के बीच कुर्सी विवाद एक बार फिर खुलकर सामने आ गया है | इस बार यह विवाद राहुल गांधी के रायपुर दौरे के 1 दिन पहले उनके स्वागत के लिए लगाए गए होल्डिंग और पोस्टर को लेकर सामने आया है | अपने राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी के रायपुर दौरे के लिए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव द्वारा साइंस कॉलेज मैदान के आसपास उनके स्वागत के लिए बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए थे इन पोस्टों में राहुल गांधी के साथ स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के फोटो थे | पुलिस की उपस्थिति में नगर निगम की टीम द्वारा बैनर पोस्टर को उतारने दो दो वाहन लेकर उतारने की कार्यवाही शुरू की गई , इस तरह प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा राहुल गांधी के स्वागत के लिए लगाए गए होल्डिंग और पोस्टरों को उतरवाने के पीछे किसका हाथ है और क्या मजा है यह तो बिना बताए ही समझी जा सकती है परंतु इस तरह बैनर पोस्टर उतार कर शायद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को राहुल गांधी के सामने नीचा दिखाने का प्रयास नजर आता है | यह भी संभावना नजर आती है कि कल राहुल गांधी के रायपुर प्रवास के दौरान हो सकता है स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को उनसे दूर रखा जाए उन्हें स्टेज पर ना आने दिया जाए | और अगर यदि ऐसा होता है तो प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल होना स्वाभाविक है | राहुल गांधी के रायपुर दौरे के दौरान इस तरह का विवाद उत्पन्न होना राहुल गांधी मुश्किलें उत्पन्न कर सकता है | अब देखने वाली बात यह है कि राहुल गांधी के स्वागत के लिए लगाए गए होल्डिंग बैनर उतारे जाने के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव क्या कदम उठाते हैं ? क्या बयान जारी करते हैं ? प्रदेश के एक वरिष्ठ मंत्री के साथ इस तरह का व्यवहार हो सकता है तो आम आदमी के साथ क्या कुछ नहीं हो सकता ? राहुल गांधी के रायपुर आने और वापस जाने के बीच क्या क्या घटनाएं घटेगी, इस पर मीडिया सहित प्रदेश के नागरिकों की नजर रहेगी | इस घटनाक्रम से यह संभावना प्रबल नजर आती है कि प्रदेश में मंत्रिमंडल के पुनर्गठन के दौरान हो सकता है की टी एस सिंहदेव को मंत्री पद से हटा दिया जाए | CG 24 News-Singhotra *मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच का विवाद आया सड़कों पर* https://youtu.be/ukWNQC7wRkg *राहुल गांधी के दौरे के दौरान हो सकता है बड़ा राजनीतिक विवाद* *टी एस सिंहदेव के खिलाफ हुई कांग्रेस, नगर निगम ने उतारे बोर्ड* *CG 24 News-Singhotra*
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*मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के एक्शन पर विशेष लेख* 30-Jan-2022*मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के एक्शन पर विशेष लेख* छत्तीसगढ़ में 15 साल की सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने 3 साल के कार्यकाल के बाद एक्शन मोड में आए हैं| प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के माफिया राज को खत्म करने के लिए जो अभियान चलाया है वह सराहनीय है | पिछले 15 सालों में और कांग्रेस के 3 सालों को मिला लें तो 18 सालों में छत्तीसगढ़ में कभी भी इस तरह का सख्त अभियान कभी नहीं चला | देर से ही सही परंतु प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जो अभियान चलाया है उससे प्रदेश की जनता बहुत खुश है| यहां यह उल्लेख करना भी आवश्यक है जब छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना हुई थी उस समय के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने गुंडाराज पर जो अभियान चलाया था वह भी सराहनीय था | उन्होंने प्रदेश के जितने भी माफिया - गुंडे थे उन्हें चुन चुन कर समाप्त करने का जो अभियान चलाया था तत्कालीन समय में प्रदेश की जनता में खुशी की लहर थी, प्रदेश गुंडाराज से मुक्त हुआ था| प्रदेश की जनता उनकी गुंडा विरोधी गतिविधियों से काफी खुश थी | मुख्यमंत्री अजीत जोगी के शासन के बाद 15 सालों तक डाक्टर रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में राज किया परंतु कभी भी कोई सख्त कार्रवाई नजर नहीं आई | रमन सिंह के 15 सालों के शासन के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य की सत्ता संभाली, सत्ता संभालने के बाद भूपेश बघेल 3 साल शांत रहे परंतु अब जो उन्होंने एक्शन लिया है वह सराहनीय है | प्रदेश में जो भ्रष्टाचार चरम सीमा पर था उसे समाप्त करने के लिए उन्होंने सख्त कदम उठाया | *मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में गांजा तस्करी, रेत माफिया, चिटफंड कंपनी, हुक्का बार और शराब के अवैध कारोबार को बंद करने के लिए शासन, प्रशासन, पुलिस अधिकारियों को जो चेतावनी दी उसके बाद से तो प्रदेश में जो ताबड़तोड़ कार्यवाहियां हो रही हैं उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है |* चिटफंड कंपनियों के शिकार आम आदमी के साथ इन कंपनियों के एजेंट राहत की सांस ले रहे हैं | हुक्का बार जो रमन सरकार के समय चरम सीमा पर था खुलेआम युवक-युवतियों को गर्त की ओर धकेला जा रहा था, उस पर भूपेश बघेल ने सख्त कदम उठाकर प्रतिबंध का जो कड़ा आदेश जारी किया उससे युवक-युवतियों के माता पिता भारी खुश है | गांजा तस्करी के बारे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र की एजेंसी को खुलेआम आमंत्रित किया था कि आप मुंबई में 10 ग्राम, 20 ग्राम, 50 ग्राम, 100 ग्राम गांजे को जप्त करने के लिए रात दिन एक कर अभियान चला रहे हैं , छत्तीसगढ़ में टनों टन गांजा माफियाओं द्वारा तस्करी किया जाता है, यहां का आबकारी विभाग, पुलिस विभाग उन पर कार्रवाई करता है, जप्त करता है | केंद्र की नारकोटिक एजेंसी यहां आए और कार्यवाही करें | परंतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आमंत्रण के बावजूद कोई भी केन्द्रीय एजेंसी छत्तीसगढ़ नहीं आई | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करने की कार्यशैली इस बात का सूचक है कि वे प्रदेश में गुंडाराज और माफिया राज को समाप्त करना चाहते हैं परंतु केंद्र से उन्हें सहयोग नहीं मिल रहा | प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल देर आए दुरुस्त आए, परंतु प्रदेश के हित के लिए उन्होंने जो अभियान चलाया है उस अभियान को गलत कहना, अभियान की आलोचना करना किसी भी तरह से सही नहीं माना जा सकता | नियमानुसार देखा जाए तो कोई भी राजनीतिक पार्टी दूसरी राजनीतिक पार्टी के अच्छे कार्यों की तारीफ नहीं करती, हर कार्य में मीन मेख निकालना विपक्ष अपना धर्म समझता है | ऐसा नहीं है कि भूपेश बघेल हर मामले में सही हैं, लेकिन उनका यह माफिया विरोधी अभियान तो हर हालत में सही है | आशा करते हैं कि भविष्य में वह गुंडा विरोधी अभियान भी शुरू करेंगे | CG 24 News-Singhotra
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राष्ट्रीय स्तर पर अगर नई पार्टी सभी को मुफ्त में सब कुछ देने का ऐलान कर दे तो भारत का क्या होगा ?
*माननीय सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए*
भारत में अगर कोई नई पार्टी बिना मांगे हिंदुस्तान के हर नागरिक को सत्ता में आने पर मकान फ्री, शिक्षा फ्री, इलाज फ्री, हर प्रकार की कार, बाइक, गाड़ी फ्यूल सहित फ्री, आवागमन की सुविधा फ्री, ट्रेन का सफर फ्री, हवाई यात्रा फ्री, खाना पीना फ्री, मनोरंजन फ्री, शादी ब्याह के खर्चे फ्री देने की घोषणा करे - - - - - तो सोचिए कैसा होगा भारत ? - - इन सबके अलावा भी फ्री में लेने के लिए कुछ और बचता है तो सुझाव मांग ले तो |
लोकसभा हो, विधानसभा हों या देश में होने वाले किसी भी तरह के चुनाव, सभी राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को बिना मांगे मुफ्त में बहुत कुछ देने की घोषणायें करतीं हैं क्यों ? -
मध्यम वर्गीय परिवार इन राजनीतिक पार्टियों के मुफ्त की घोषणाओं के कारण अनेक प्रकार के बिना वजह टैक्स की बढ़ोतरी के नीचे दबता चला जा रहा है परंतु कोई भी सरकार इस अघोषित, रिश्वतखोरी, चुनावी लालच पर प्रतिबंध के लिए कोई कानून नहीं बनाती |
अब यदि सुप्रीम कोर्ट ही संज्ञान नहीं लेगा तो आम आदमी जाएगा कहां ? क्योंकि राजनीतिक पार्टियां तो एक ही थैली के - - - - हैं ! -
आम लोगों को सुरक्षित डिजिटल इंडिया देने में मोदी सरकार नाकाम
मोदी सरकार डिजिटल इंडिया को डिजिटल डकैतों से बचाने में नाकाम
कोविड पीड़ितों का व्यक्तिगत डाटा चोरी होना और नीलामी के वेब साइट में रखा जाना दुर्भाग्यजनक
रायपुर/22 जनवरी 2022। रेड फोरम की वेबसाइट पर हजारों भारतीयों का कोविड-19 डाटा को चोरी कर नीलामी करने की खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार डिजिटल इंडिया का नारा तो लगती है बड़े-बड़े दावा करती है जोर शोर से जनता को सभी कार्यो को डिजिटल माध्यम से करने प्रोत्साहित करती है दबाव बनाती है लेकिन डिजिटल प्लेटफॉर्म को डिजिटल डकैतों से बचाने में अब तक नाकाम रही है। दुर्भाग्य की बात है कोविड-19 के दौरान देशभर के नागरिक जो कोविड-19 संक्रमण के दायरे में थे और जो वैक्सीनेशन कराने के लिए कोविन पोर्टल में अपनी व्यक्तिगत जानकारियों को आधार कार्ड के नंबर के साथ लिंक किए हैं उनकी व्यक्तिगत जानकारी को मोदी सरकार साईबर चोरों से बचाने में असफल रही है। रेड फोरम के वेबसाइट में कोविड के दौरान भारतीयों के द्वारा दिये गये व्यक्तिगत जानकारी की चोरी कर डाटा नीलामी करने रखे जाने की खबर गंभीर है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि डिजिटल इंडिया का नारा बेहद जोर शोर से लगाया तो जाता है लेकिन उनके सुरक्षा के उपाय के संबंध में ठोस उपाय नहीं कर पाई है। मोदी सरकार का आईटी मंत्रालय जनता को डिजिटल प्लेटफार्म की सुरक्षा की गारंटी देने में अभी तक नाकाम रही है। जब देश के प्रधानमंत्री जी का ट्विटर अकाउंट भी हैकरों ने हैक कर लिया था। ऐसे में आम लोगों की डाटा चोरी होने की पूरी गुंजाइश है। आम लोगों की बैंक अकाउंट से राशि चोरी हो जाना, उनके कंप्यूटर का हैक हो जाना, उनकी निजी जानकारी लीक होना आम बात हो गई। सरकारी दफ्तरों, रेल्वे, विमानन कंपनी, बैंक सहित अन्य सरकारी विभागों के वेब साइट पर भी कई बार साइबर क्राइम अटैक हो चुके है। देशभर के नागरिकों ने वैक्सीन लगाने के लिए अपने डाटा को कोविन ऐप में अपलोड करवाएं हैं अब आशंका है अगर साइबर क्राइम वालों ने सभी के डाटा को चोरी कर लिए होंगे तो निश्चित तौर पर आम लोगों की निजी जानकारी अब सुरक्षित नहीं है उन पर साइबर क्राइम वालों का नियंत्रण है। जहां भी आधार कार्ड लिंक है उनकी निजी जानकारी अब सुरक्षित नहीं है।