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हिट एंड रन कानून सभी चार पहिया एवं दो पहिया वाहनों पर है लागू 02-Jan-2024
*हिट एंड रन नामक नए कानून का मतलब सड़क पर किसी वहां या मनुष्य को टक्कर मारकर भाग जाना* इस नए कानून को संसद से मंजूरी मिलने के बाद पूरे देश भर के ट्रक एवं बस ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं क्योंकि भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 के अंतर्गत सड़क चलते किसी वाहन या व्यक्ति को ठोकर मार कर भाग जाने अर्थात हिट एंड रन के मामलों में ड्राइवर को 10 साल तक की सजा हो सकती है और गाड़ी के मालिक को जुर्माना भी देना पड़ेगा | इस नए कानून को लेकर पूरे देश में ट्रक एवं बस ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं और इस नए नियम को लेकर बस एवं ट्रक मालिक भी चिंतित है | आम नागरिक यही सोच कर चल रहा है कि यह कानून ट्रक एवं बस ड्राइवर के लिए है परंतु इस नए संशोधित भारतीय न्याय संहिता 106 की धारा के अंतर्गत सभी चार पहिया एवं दो पहिया वाहन भी सम्मिलित हैं अर्थात कार एवं बाइक, स्कूटी, एक्टिवा के चालकों पर भी यही नियम लागू होगा | परंतु देश भर में सिर्फ भारी वाहन चालक ही इस मामले को लेकर हड़ताल पर हैं क्योंकि इस नए नियम के अनुसार यदि किसी भी वाहन से कोई टकराता है अर्थात कोई व्यक्ति गंभीर रूप से घायल होता है या गंभीर दुर्घटना के कारण किसी की जान जाने का खतरा है तो ऐसे में एक्सीडेंट करने वाला वाहन चालक यदि दुर्घटना के बाद भाग जाता है तो ऐसे वाहन चालकों पर हिट एंड रन का मामला दर्ज होगा और ऐसे वाहन चालकों को 10 साल तक की सजा और भारी जुर्माना देने का प्रावधान किया गया है | राजधानी रायपुर के यातायात dsp गुरजीत सिंह कहना है कि यह कानून लोगों की जान बचाने के लिए सही है क्योंकि अधिकांश मामलों में दुर्घटना के बाद दुर्घटना करने वाला वाहन चालक दुर्घटना स्थल से भाग जाता है परंतु सूचना के अभाव में दुर्घटनाग्रस्त वाहन या व्यक्ति तत्काल इलाज न मिलने के कारण मौत के शिकार हो जाते हैं जबकि समय रहते यदि उसे उपचार मिल जाए तो मौत के आंकड़ों में बहुत कमी आएगी | यातायात डीएसपी गुरजीत सिंह ने बताया कि वाहन चालक दुर्घटना के बाद यदि मारपीट आगजनी या तोड़फोड़ के डर से दुर्घटना स्थल से भाग जाते हैं परंतु यदि वे कुछ दूर जाकर डायल 112 को सूचना दे दे तो दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की जान बच सकती है और यह एक प्रकार से पुलिस को सूचना मानी जाती है और व्यक्ति या वाहन चालक हिट एंड रन भारतीय न्याय संहिता 106 की धारा की परिधि में नहीं आएगा | अब सवाल यहां यह उठता है कि इस नए कानून को लेकर देशभर में भारी वाहनों अर्थात ट्रैकों एवं बसों के पहिए रुक गए हैं, पेट्रोल डीजल सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं का परिवहन रुक गया है जिसके कारण पेट्रोल डीजल की कमी के कारण पेट्रोल पंप सुन हो गए हैं और जिन पेट्रोल पंपों में पेट्रोल डीजल उपलब्ध है वहां वाहनों की लंबी-लंबी करें लगी हुई है , हड़ताल के कारण सब्जियां एवं अन्य सामग्रियां महंगे दामों पर बिक रही हैं | अनेक शहरों एवं मुख्य मार्गों पर चक्का जाम के कारण आवागमन बाधित हो रहा है | चार चालक एवं टू व्हीलर चलाने वाले इस बात से अनभिज्ञ है कि यह कानून उनके ऊपर भी लागू है | अब देखने वाली बात यह है कि देशभर के वाहन चालकों की हड़ताल से उपजी समस्या को दूर करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारी क्या कदम उठाती हैं महंगाई पर किस तरह नियंत्रित करती हैं साथ ही जीवन रक्षक दवाएं साग सब्जी एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं का परिवहन कैसे करवाती हैं ? और देखने वाली बात यह है कि दूसरी तरफ कार चालक एवं दो पहिया चालक इस नए नियम को लेकर कितने चिंतित होते हैं ? और किस तरह इस नए यातायात नियम पर गंभीर होकर इसका पालन करते हैं ?


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