Rajdhani
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राजपूत समाज का महिला - युवती सम्मान समारोह 19-Sep-2024कमेटी गठित करके पीड़ित परिवार की सहायता करने की आवश्यकता - वंदना राजपूत राजपूत क्षत्रिय महासभा छत्तीसगढ़ रहटादह पं. क्र. 1282 केंद्रीय महिला मंडल अध्यक्ष वंदना राजपूत के अध्यक्षता में महिला ,युवती सम्मान एवं तीज मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया था उद्बोधन करते हुए वंदना राजपूत ने कहा कि विभिन्न उप समितियों से महिलाओं की मांग रही है कि पति पत्नी या पारिवारिक समस्या उत्पन्न होने पर पीड़ित परिवार संबंधित उप समिति को आवेदन दिया जाता है लेकिन संबंधित उप समिति से लेकर महासभा तक जाने में इतना अधिक विलंब हो जाता है कि पीड़ित परिवार को कोर्ट का शरण लेना पड़ता है। यदि ऐसा प्रकरण में एक कमेटी का गठन हो जाए तो और प्रकरण पर त्वरित कार्यवाही करते हुए पीड़ित परिवार के संबंध विच्छेद से बचाया जा सकता हैं। इसीलिए महासभा से केंद्रीय महिला मंडल के द्वारा इस संबंध में आवेदन किया गया है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि -श्रीमती स्वप्निल राजपूत पटवारी अहिवारा, दुर्ग विशिष्ट अतिथिश्रीमती मधु राजपूत आयोजक - श्रीमती ममता राजपूत उप समिति दुर्ग महिला मंडल अध्यक्ष । महिला एवं युक्ति सम्मान समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले बच्चों का एवं महिलाओं का सम्मान किया गया। इसके साथ ही तीज के कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ खुर्शीदौड़ ,नींबू चम्मच दौड़, डांस की मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई। मंच का संचालन केंद्रीय महिला मंडल सचिव श्रीमती छाया ठाकुर ने किया। केंद्रीय महिला मंडल उपाध्यक्ष श्रीमती मीना ठाकुर, कनिष्क उपाध्यक्ष श्रीमती मीरा भुवाल, सहसचिव श्रीमती ज्योति राजपूत, संगठन सचिव श्रीमती संतोषी राजपूत, साहित्य परिषद सदस्य रमा क्षत्रिय,दुर्ग उप समिति सचिव श्रीमती सुनीता राजपूत, प्राची राजपूत,माया राजपूत, बिंदु चौहान गीता राजपूत अंकिता राजपूत माया राजपूत पूजा राजपूत पुष्पा गहरवाल संगीता राजपूत कांता राजपूत माधुरी राजपूत, माधुरी भरद्वाज सरस्वती राजपूत रानू राजपूत काजल राजपूत योगिता राजपूत, मालती राजपूत, सरिता राजपूत सोनम राजपूत, जानवी राजपूत मंजू राजपूत शैल गहरवाल ,गोमती भुवाल, पुष्पा राजपूत कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में क्षत्राणी बहनें बेटियां उपस्थित थी। वंदना राजपूत केंद्रीय महिला अध्यक्ष राजपूत क्षत्रिय महासभा छत्तीसगढ़ क्रमांक 1282
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राज्यपाल रमेन डेका ने आज प्रदेश के सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियोें की बैठक लेकर विश्वविद्यालयों के कामकाज की समीक्षा की। राज्यपाल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी विश्वविद्यालय सत्र के प्रारंभ से अपना शैक्षणिक कैलेण्डर बनाएं और उसका कड़ाई से पालन करें और शिक्षा की गुणवत्ता और अधिक सुधारने की दिशा मेें कार्य करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की समस्याएं जानें और उसे दूर करने के प्रयास करें।
राजभवन के कांफ्रेंस हॉल में आज आयोजित बैठक में राज्यपाल श्री डेका ने विभिन्न बिंदुओं पर समीक्षा की। श्री डेका ने कहा कि विश्वविद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने नई शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के क्रियान्वयन की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों के कार्य संचालन में कई समस्याएं आती हैं उनके निराकरण के लिए नियमित प्रयास करें। उन्होंने प्राध्यापकों की कक्षाओं में नियमित उपस्थिति पर जोर दिया ताकि विद्यार्थी कक्षा में आएं। उन्होंने ग्रंथालयों में सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दिएं जिससे विद्यार्थी अपने समय का सदुपयोग कर, पुस्तकों से ज्ञान प्राप्त करें।
राज्यपाल ने डिजिटलीकरण पर बल देते हुए कहा कि विद्यार्थियों को अंक सूची व अन्य प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने महाविद्यालयों में प्रवेश नीति का सही तरीके से पालन करने के निर्देश दिए। प्राध्यापकों की नियमित बैठक करें और अध्ययन-अध्यपन में आने वाली दिक्कतों की जानकारी लें तथा जो कमियां है उसे दूर करें। महिला कर्मियों की समस्याओं पर भी विशेष ध्यान दें। शिक्षकों का रिफ्रेशर कोर्स भी नियमित रूप से कराएं। विश्वविद्यालयों के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती के निर्देश दिये। परीक्षाएं सही ढं़ंग से आयोजित की जाएं। ताकि इसमें गड़बड़ी ना हो। विद्यार्थियों के प्लेसमेंट के लिए उद्योगों से समन्वय करने के निर्देश दिए।
राज्यपाल ने आयुष विश्वविद्यालय में टी.बी. और कैंसर जैसी बीमारियों की रोकथाम हेतु अनुसंधान करने पर विशेष बल दिया। कृषि विश्वविद्यालय को निर्देश दिए कि ज्यादा उत्पादन देने वाले धान की किस्म राज्य में लाएं तथा कृषि विकास केंद्रों के जरिये कैम्प लगाकर किसानांे को बताएं कि वे किस किस्म की फसल लगा सकते हैं। उन्हें पारंपरिक फसल के स्थान पर लाभप्रद फसल के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कृषि उत्पादन आयुक्त को किसानों को फसल बीमा, क्रेडिट कार्ड आदि की सुविधा नियमित रूप से उपलब्ध कराने एवं उनके खेतों की मिट्टी का समय-समय पर परीक्षण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने विश्वविद्यालयों, विशेष कर व्यवसायिक और तकनीकी विश्वविद्यालयों में नवाचार को बढ़ावा देने और युवाओं को स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करने पर बल दिया। साथ ही कहा कि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालय परिसरों में साफ-सफाई और अनुशासन पर भी विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने विश्वविद्यालयों में लंबे समय से ऑडिट नहीं होने पर अप्रसन्नता व्यक्त की और 6 माह के भीतर ऑडिट कराने के निर्देश दिये।
बैठक के प्रारंभ में राज्यपाल के सचिव यशवंत कुमार ने समीक्षा बैठक के मुख्य बिन्दुओं की जानकारी दी। विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने बारी-बारी से प्रेजेंटेशन दिया। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव प्रसन्ना आर, राजभवन की संयुक्त सचिव श्रीमती हिना अनिमेष नेताम सहित सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित थे। -
91 वर्षीय बुजुर्ग ने पेश की अद्भुत मिसाल : अस्पताल बनाने के लिए की जमीन दान देने की पेशकश 19-Sep-2024
रायपुर के अश्विनी नगर में रहने वाले 91 वर्षीय श्री गौरीशंकर अग्रवाल लंबे समय से वकालत के पेशे में संलग्न हैं। बौद्धिक क्षमता के धनी श्री अग्रवाल छत्तीसगढ़ में ग्राम सभा के उपर किताब भी लिख चुके हैं। आज के समय में जब हर इंसान संपत्ति बनाने और बचाने की कोशिश में लगा हुआ है, श्री अग्रवाल ने इन सबसे उपर उठकर अपनी संपत्ति को राष्ट्रहित में दान करने की पेशकश की है।
श्री अग्रवाल ने आज स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से मुलाकात की और अपनी मंशा के अनुरूप बलौदाबाजार जिले में स्थित अपनी 38 डिस्मिल की संपत्ति को जनहित में स्वास्थ्य कार्यों के इस्तेमाल के लिए अस्पताल बनाने के उद्देश्य से दान करने की इच्छा जताई। स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने श्री अग्रवाल के इस फैसले की तारीफ करते हुए पुष्प गुच्छ देकर उनका सम्मान किया। स्वास्थ्य मंत्री ने श्री अग्रवाल की मंशा के अनुरूप आगे की कार्यवाही के लिए बलौदाबाजार कलेक्टर को निर्देश दिया है ताकि विधि सम्मत आगे की कार्यवाही की जा सके।
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जीवन में सुख और समृद्धि आती है. इस वजह से आपको हर साल पितृ पक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध, तर्पण आदि हर्षोल्लास के साथ करना चाहिए. पूरे पितृ पक्ष में आपको अपने पितरों के लिए जल, अन्न, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए. पूरे एक वर्ष में पितृ पक्ष एक बार ही आता है.
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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को लोक दर्शन एवं कलश नृत्य परिवार भिलाई के कलाकारों ने छायाचित्र भेंट की 19-Sep-2024
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को लोक दर्शन एवं कलश नृत्य परिवार भिलाई के कलाकारों ने छायाचित्र भेंट की।
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दक्षिण कोरिया में 25-30 अगस्त तक आयोजित एशियन कप बीच वुडबॉल चैम्पियनशिप में हिस्सा लेकर लौटीं महासमुंद की चैन कुमारी निषाद (35) और रायपुर की रंजीता खलको (30) ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से जनदर्शन कार्यक्रम के दौरान मुलाक़ात की और अपनी उपलब्धि साझा की।
दोनों खिलाड़ियों ने उक्त प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज़ मेडल हासिल किया है।मुख्यमंत्री श्री साय ने उन्हें प्रोत्साहित किया और मंच पर बुलाकर दोनों खिलाड़ियों के साथ फोटो भी खिंचाई -
वर्तमान में शीशल उद्योग छत्तीसगढ़ में कहीं पर भी संचालित नहीं है। ऐसे में इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सचिव सहकारिता विभाग डॉ.सीआर प्रसन्ना के द्वारा बस्तर जिले के प्रवास कार्यक्रम के दौरान दिए गए निर्देशानुसार वन परिक्षेत्र बस्तर के अन्तर्गत कोलचूर बीट के कक्ष क्रमांक पी. 1442 नया 532 रकबा 50 हेक्टेयर में भरनी के पास शीशल रोपण किया गया है। ग्राम भरनी में रान बांस डोरी उद्योग समिति बना हुआ है। वनमण्डलाधिकारी बस्तर के द्वारा ग्राम भरनी का दौरा कर तत्काल शेड निर्माण कार्य और मशीन लगाने का निर्देश दिया गया था, जिसके अनुरूप ग्राम भरनी में शेड निर्माण के पश्चात शीशल प्रसंस्करण का कार्य किया जा रहा है। बस्तर वनमण्डल के अन्तर्गत वन परिक्षेत्र बकावण्ड के ढोढरेपाल में 50 हेक्टेयर रकबा में 11000 शीशल रोपण एवं वन परिक्षेत्र बस्तर अन्तर्गत भरनी में 50 हेक्टेयर में 11000 शीशल रोपण किया गया था। बस्तर वनमण्डल में कुल 100 हेक्टेयर रकबा में 22000 शीशल रोपण का कार्य वृहद रूप से किया गया है जिससे समिति को रॉ-मटेरियल भरपूर मिल सकेगा और उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी।
मैं शीशल नहीं रोजगार हूं
मेरा नाम अगेव शिशलाना है लोग मुझे केकती, रान बांस या शीशल के नाम से जानते हैं मैं बहुत ही कम पानी से अपना जीवन चला सकती हूं, परन्तु अपने शरीर के भीतर पर्याप्त जल संग्रहण कर रखती हूं जहां मैं रहती हूं, उस स्थान पर भूमि नम रहती है, एक बार जब मुझे रोपण कर दिया जाता है उसके पश्चात् मेरी मृत्यु संभव नहीं है, जब तक की कोई मेरा जानबूझकर नुकसान न पहुंचा दे। एक किलोग्राम शीशल के पत्ते को मशीन के द्वारा रेसा निकालकर सुखाने पर 200 ग्राम रेसा प्राप्त होता है 8 व्यक्ति मिलकर लगभग एक क्विंटल पत्ते एकत्र करते हैं और उसकी रेसा बनाने पर 20 किलोग्राम रेसा प्राप्त होता है। जिसका बाजार भाव 250 रुपये प्रति किलोग्राम है। 20 किलोग्राम का 5000 रुपये प्राप्त होता है। 8 व्यक्ति का रोजी 350 की दर से 2800 रुपये होगा, शेष 2200 रुपये बिजली, पानी एवं रखरखाव में व्यय होगा। इस प्रकार लाभ ही लाभ है तभी तो मैं कहती हूं कि मैं शीशल नहीं रोजगार हूं।
शीशल को प्रोत्साहन की है आवश्यकता
बस्तर के वनमण्डलाधिकारी श्री उत्तम गुप्ता बताते हैं कि शीशल से संबंधित कार्य से ग्रामीणों को लाभ ही होता है नुकसान की बात ही नहीं है। इसे व्यापक प्रचार-प्रसार कर उद्योग के रूप में विकसित किये जाने की आवश्यकता है। वर्तमान में बस्तर वनमण्डल के अन्तर्गत बस्तर वन परिक्षेत्र के भरनी एवं बकावण्ड वन परिक्षेत्र के ढोढरेपाल में 100 हेक्टेयर में कुल 22000 पौधे शीशल रोपण कर इस उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे उत्पादन से जुड़कर आर्थिक तौर पर सक्षम होकर आत्मनिर्भर हो सकें।
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छत्तीसगढ़ के 250 से अधिक स्कूलों ने स्कूल सिनेमा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भाग लिया 19-Sep-2024
एलएक्सएल फाउंडेशन ने स्कूल सिनेमा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (एससीआईएफएफ) का 7वां संस्करण प्रस्तुत किया, जो भारत का सबसे बड़ा बच्चों का फिल्म महोत्सव है। छत्तीसगढ़ में, एससीआईएफएफ का प्रदर्शन 250 से अधिक स्कूलों में किया गया और इसमें 82,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त, पूरे पूर्वी भारत में लगभग 600 स्कूलों और 1.5 लाख से अधिक छात्रों ने इसमें सक्रिय रूप से भाग लिया। पहले अंतरराष्ट्रीय किड्स फिल्म फेस्टिवल के नाम से मशहूर, एससीआईएफएफ भारतीय कक्षाओं में वैश्विक सिनेमा को शामिल करके शिक्षा में बदलाव ला रहा है।
शिक्षाविद्, दूरदर्शी, फिल्म निर्माता और फिल्म शिक्षाशास्त्र के मास्टरमाइंड सैयद सुल्तान अहमद के नेतृत्व में, एससीआईएफएफ 2024 एक फिल्म महोत्सव से कहीं बढक़र था - यह एक आंदोलन था। 30,000 से अधिक स्कूलों, जिनमें 25,000 प्लस सरकारी स्कूल थे, के 8 मिलियन से अधिक छात्रों ने इस अखिल भारतीय फिल्म महोत्सव में भाग लिया। इस वर्ष के आयोजन में 20 सेअधिक देशों की 80 से अधिक फिल्में प्रदर्शित की गईं, जिन्हें 15 से अधिक भाषाओं में दिखाया गया, तथा इनमें मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय, पर्यावरण के प्रति जागरूकता और सुरक्षा जैसे अनेक विषयों के बारे में बताया गया आज के समय में छात्र जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें ध्यान में रखते हुए इन फिल्मों को सावधानी से तैयार किया गया था, जिससे यह महोत्सव ज्ञान और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन गया। छात्रों के लिए फिल्म निर्माण प्रतियोगिता एससीआईएफएफ का तीसरा खंड रहा, जो ‘देखें’ और ‘सीखें’ खंडों से पूरी तरह से मेल खाता है। ‘देखें’ में स्कूलों में प्रदर्शन के लिए वैश्विक फिल्म निर्माताओं द्वारा प्रस्तुत फिल्में दिखाई गईं, जबकि ‘सीखें’ में छात्रों को फिल्म निर्माण की कला सिखाने के लिए उद्योग विशेषज्ञों द्वारा कार्यशालाएं आयोजित की गईं।
एससीआईएफएफ 2024 के महोत्सव निदेशक सैयद सुल्तान अहमद ने कहा एससीआईएफएफ 2024 के परिणामों और इसे मिलने वाली प्रशंसा को देखते हुए यह सिद्ध होता है कि शैक्षिक परिदृश्य में इस तरह की पहलों का महत्व बढ़ रहा है। जैसे-जैसे यह महोत्सव साल दर साल गति पकड़ता जा रहा है, यह स्पष्ट है कि पाठ्यक्रम में फिल्म को शामिल करना सिर्फ एक विलासिता नहीं रही, बल्कि एक ज़रूरत बन गई है। छात्रों की भागीदारी से लेकर शिक्षकों के समर्थन तक हमने इसका जो प्रभाव देखा है, वह भावनात्मक और बौद्धिक विकास को बढ़ावा देने में फिल्म शिक्षण की अपार क्षमता को रेखांकित करता है। इस साल यह महोत्सव 30,000 स्कूलों में लाखों छात्रों के साथ मनाया गया और इस प्रकार हम भारत में शिक्षा के प्रति दृष्टिकोण में एक व्यापक, परिवर्तनकारी प्रभाव उत्पन्न कर रहे हैं।
एससीआईएफएफ 2024 के मुख्य आकर्षणों में से एक है ‘बनाएं’ प्रतियोगिता, जिसे दुनिया की सबसे बड़ी छात्र फिल्म निर्माण प्रतियोगिता के रूप में मान्यता प्राप्त है, और यह युवा फिल्म निर्माताओं के लिए एक वैश्विक प्लेटफार्म प्रदान करती है। राजस्थान, पंजाब और असम की राज्य सरकारों ने भी इस वर्ष महोत्सव के लिए सहायता प्रदान की, जिससे इसका प्रभाव और भी बढ़ गया है। इसके अलावा, सभी के लिए मानव सुरक्षा विषय पर बनाई गई फिल्में प्रतिवर्ष दिखाई जाती हैं,जो मानव सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र ट्रस्ट फण्ड के साथ मानव सुरक्षा राजदूत के रूप में सैयद सुल्तान अहमद की भूमिका को दर्शाती हैं।
महोत्सव की ज्यूरी में वैश्विक विशेषज्ञों की एक प्रतिष्ठित सूची शामिल है: अयाअल-ब्लौची, अजयाल फिल्म महोत्सव प्रोग्रामर - कतर; पॉलिन माज़ेनोड, फिल्म अधिग्रहण प्रमुख - फ्रांस; धीमंत व्यास, आईआईटी पवई, एनिमेटर और मुंबई के औद्योगिक डिजाईन केंद्र में प्रोफेसर ; इसाबेल मोरिन, लेखक, पटकथाकार और संगीतकार; नीना सबनानी, एनिमेटर और शिक्षिका; सयानी गुप्ता, भारतीय अभिनेत्री; और श्रीमती पिंकी सिंह, प्रिंसिपल, रॉयल कॉनकॉर्ड इंटरनेशनल। उनकी विशेषज्ञता ने सुनिश्चित किया कि सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को उचित मान्यता मिले।
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आज कवर्धा दौरे पर जा रहें हैं कांग्रेस नेता पीसीसी चीफ का बयान–
आज कवर्धा जा रहें हैं हम लोग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता bhu जा रहें हैं
कवर्धा जल रहा है, वहां अपराधिक घटनाएं बढ़ रही है
युवक की पुलिस अभिरक्षा में बेदम पिटाई हो रही है जिसे मौत हो गई है
पीड़ित परिवार से मिलेंगे चर्चा करेंगेघटना घटना है क्यों सरकार नियंत्रण नहीं कर पा रही है
जनता की सुरक्षा के लिए अपराधियों ने भय होना चाहिए
सरकार खुद अपराधियों को संरक्षण देगी, तो खुलेआम अपराध होगा,
क्या इसी लिए जनता ने बीजेपी सरकार चुनी
लोकतंत्र में सरकार सबसे बड़ी है, सरकार की जिम्मेदारी बनती हैडिप्टी सीएम विजय शर्मा के घटना पर राजनीति करने वाले बयान पर–
पुलिस प्रशासन सचेत रहती तो घटना नहीं होती, रोका जा सकता था
इंटेलिजेंस का फेलियर है, यह
कब रुकेगी यह घटनाएं, मुख्यमंत्री गृहमंत्री का इस्तीफा ले लें
गृहमंत्री केवल रानीतिक स्टंट करना जानते हैं
उच्च स्तरीय जांच की हम मांग करेंगेकलेक्टर एसपी बैठक को लेकर बोले–
सीएम को खुद बोलना पड़ रहा है अवैध शराब नहीं बिकना चाहिए, अपराध नहीं होना चाहिए
बैठक हों रही थी और एक तरफ अपराध हो रहा रहा
मुख्यमंत्री का न कलेक्टर सुनने वाला है न एसपी
सरकार कौन चला रहा है पता नहीं है
दिल्ली से चल रही है या नागपुर से
डबल इंजन की सरकार पटरी से उतर चुकी हैदेवेंद्र यादव की गिरफ्तारी से खुश होने वाले मामले में–
पूर्व सीएम हैं अपने आप में बड़े नेता हैं
बीजेपी का यह दिग्भ्रमित करने वाला बयान है
हमारी पार्टी उन सभी लोगों के साथ खड़ी हुई हैनक्सल प्रभावित लोगों को राष्ट्रपति से मिलाने मनवा माटा अभियान पर–
आखिर सरकार क्या चाहती है, क्या नक्सलवाद खत्म होंचुका है
बस्तर में शांति हो गई है, आखिर आप साबित करना चाहते हो, झूठी वाहवाही लूटने का प्रोपेगेंडा है
वन नेशन वन इलेक्शन–
वन नेशन वन इलेक्शन बीजेपी का प्रोपेगेंडा है
Jk में सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद चुनाव हो रहें हैं
कैबिनेट में केवल प्रस्ताव हुआ है, अभी लोस राज्यसभा बाकी है -
कबीरधाम जिले के लोहारीडीह में हुई घटना को लेकर नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने कहा कि- प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा के जिले में इस तरह की घटना लगातार हो रही है पूरे प्रदेश के लिए चिंता का विषय है लोहारीडीह गाँव जहाँ की ये घटना है इन दिनों काफी चर्चा में है कहीं हत्या हो रही है कहीं किसी की लास्ट टंगी हुई पाई जा रही है नौजवानों को थाने में पिता जा रहा है इस तरह की घटना गया मंत्री के जिले में हो रही है तो प्रदेश के लिए सोचने वाली बात है, आज प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज गए हैं इससे पहले भूपेश बघेल वहां का दौरा करके आए हैं इसके बाद पूरी रिपोर्ट तैयार करके राजपाल से मुलाकात करेंगे और कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग करेंगे क्योंकि सरकार में सुनने वाला कोई नहीं है, और साथ ही प्रशांत साहू जिसकी थाने में मौत हुई है उनके परिवार को थाने में बुलाकर लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है, मेरा और अनुरोध है मुख्यमंत्री और राज्यपाल जी से कि इस मामले पर जांच कराई जाए और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए
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स्कूलों के निकट चल रहे पान व चाय सेंटरो पर जिला प्रशासन ने की कार्यवाही
सार्वजनिक रूप से धूम्रपान करते हुए व्यक्तियों पर हुई चलानी कार्यवाही
बिलासपुर कलेक्टर के निर्देशानुसार एवं एस डी एम बिलासपुर के आदेश के प्रतिपालन में राजस्व विभाग राजस्व निरीक्षक , पटवारी ,नगर निगम ,खाद्य एवं औषधि विभाग एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा आज सरकण्डा क्षेत्र स्थित स्कूल परिसर के 100 गज की भीतर आने वाले अवैध रूप से संचालित पान सेंटर, चाय सेंटर पर कार्रवाई की गई कार्रवाई के दौरान एक चाय सेंटर हैंगआउट हब एवं 4 पान सेंटर पर कार्यवाही की गई इस दौरान सार्वजनिक रूप से धूम्रपान करते हुए व्यक्तियों पर समझाइश देते हुए चलानी कार्यवाही की गई ।
मन्नू मानिकपुरी संवाददाता बिलासपुर -
दुर्ग जिले के ग्राम खम्हरिया निवासी नीलकंठ बिसाल को जनदर्शन में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर तत्काल श्रवण यंत्र प्रदाय किया गया। श्रवण यंत्र मिलने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को राम-राम कहकर धन्यवाद ज्ञापित किया।