Rajdhani
  • खाद्य मंत्री श्री बघेल ने धान खरीदी केंद्र झाल, मुरता, संबलपुर, मारो और गुंजेरा पहुंचकर खरीदी व्यवस्था का लिया जाएजा

    खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयाल दास बघेल ने मंगलवार को विकासखण्ड नवागढ़ क्षेत्र के विभिन्न धान खरीदी केंद्रों का निरीक्षण कर धान खरीदी व्यवस्था का जाएजा लिया। उन्होंने इस मौके पर धान बेचने आए किसानों से चर्चा कर धान खरीदी के संबंध में जानकारी ली। मंत्री श्री बघेल ने धान खरीदी केंद्र झाल, मुरता, संबलपुर, मारो और गुंजेरा का निरीक्षण किया और शासन के मंशानुरूप किसानों से सुगमतापूर्वक धान खरीदने के निर्देश दिए।

    उन्होंने खरीदी केंद्र गुंजेरा में स्टॉक एवं पंजी में अंतर पाए जाने पर अधिकारियों को नोटिस जारी कर जांच करने के निर्देश दिए। मंत्री श्री बघेल ने खरीदी केंद्रों में नापतौल, बारदाने की उपलब्धता, खाली बोरा और भरे बोरी को अपने सामने तौलाकर चेक भी किया। इस मौके पर स्थानीय जनप्रतिनिधि  टार्जन साहू,  अजय साहू, एसडीएम  मुकेश गौड़, तहसीलदार  विनोद बंजारे सहित किसान उपस्थित थे।

  • नई औद्योगिक नीति से छत्तीसगढ़ में बेहतर

    प्रदेश की नई औद्योगिक नीति 1 नवंबर 2024 से लागू हो गई है, जो 31 मार्च 2030 तक प्रभावशील रहेगी। राज्य के औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने के लिए राज्य में औद्योगिक नीतियों की परिकल्पना राज्य गठन के उपरान्त लगातार की जा रही है। छत्तीसगढ़ में अब तक पांच औद्योगिक नीतियां क्रमशः - 2001, 2004-09, 2009-14, 2019-24 प्रवाशील रही एवं अब नई औद्योगिक नीति 2024 लागू की गई है। उपरोक्त औद्योगिक नीति को लागू किये जाने के साथ ही इन नीतियों में तत्कालीन आवश्यकताओं को तथा औद्योगिक विकास के निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए नीतियों में यथा आवश्यकता विभिन्न प्रकार के औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन यथा- ब्याज अनुदान, राज्य लागत पूंजी अनुदान, (अधोसंरचना लागत पूंजी अनुदान), स्टाम्प शुल्क छूट, विद्युत शुल्क छूट, प्रवेश कर छूट, मूल्य संवर्धित कर प्रतिपूर्ति, मंडी शुल्क छूट, परियोजना लागत पूंजी अनुदान इत्यादि प्रदान की जाती रही है।

    मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय का कहना है कि हमने इस नई नीति को रोजगार परक और विजन-2047 के अनुरूप विकसित भारत के निर्माण की परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए विकसित छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण का लक्ष्य तय किया है। हमारा राज्य देश के मध्य मेें स्थित है, आने वाले वर्षो में हम अपनी भौगोलिक स्थिति आवागमन के आधुनिक साधनों और आप सबकी भागीदारी से प्रदेश को ‘‘हेल्थ हब‘‘ बनाने मे सफल होंगे। जगदलपुर के नजदीक हम लगभग 118 एकड़ भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण प्रारभ करने जा रहे है।

    प्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री  लखन लाल देवांगन का कहना है कि निश्चित तौर पर हमारी सरकार की मंशा है कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा उद्योग कैसे स्थापित हो इसे ध्यान में रखकर यह उद्योग नीति तैयार की गई है। हमने पहली बार इस नीति के माध्यम से राज्य में पर्यटन एवं स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं में निवेश को भी प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। हाल ही में आयोजित केबिनेट बैठक में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है।

    इसमें छत्तीसगढ़ सरकार ने भारत सरकार के विजन 2047 की परिकल्पना को साकार करने तथा राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से कई प्रावधान किए हैं। राज्य के प्रशिक्षित व्यक्तियों को औपचारिक रोजगार में परिवर्तित करने के लिए उद्योगों हेतु प्रति व्यक्ति 15 हजार रूपए की प्रशिक्षण वृत्ति प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है। यह नीति 31 मार्च 2030 तक के लिए होगी। नई औद्योगिक नीति में निवेश प्रोत्साहन में ब्याज अनुदान, लागत पूंजी अनुदान, स्टाम्प शुल्क छूट, विद्युत शुल्क छूट. मूल्य संवर्धित कर प्रतिपूर्ति का प्रावधान है। नई नीति में मंडी शुल्क छूट, दिव्यांग (निःशक्त) रोजगार अनुदान, पर्यावरणीय प्रोजेक्ट अनुदान, परिवहन अनुदान, नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर की प्रतिपूर्ति के भी प्रावधान किये गये हैं।

    इस नीति में राज्य के युवाओं के लिये रोजगार सृजन को लक्ष्य में रखकर एक हजार से अधिक स्थानीय रोजगार सृजन के आधार पर बी-स्पोक पैकेज विशिष्ट क्षेत्र के उद्योगों के लिये प्रावधानित है। राज्य के निवासियों विशेषकर अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला उद्यमियों, सेवानिवृत्त अग्निवीर सैनिक, भूतपूर्व सैनिकों, जिनमें पैरामिलिट्री भी शामिल है, को नई औद्योगिक नीति के तहत अधिक प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान है। नक्सल प्रभावित लोगों, कमजोर वर्ग, तृतीय लिंग के उद्यमियों के लिए नई औद्योगिक पॉलिसी के तहत विशेष प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। नई औद्योगिक नीति में पहली बार सेवा क्षेत्र अंतर्गत एमएसएमई सेवा उद्यम एवं वृहद सेवा उद्यमों के लिये पृथक-पृथक प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।

    छत्तीसगढ़ संभवतः देश में पहला राज्य है, जिसने युवा अग्निवीरों एवं नक्सल पीड़ित परिवारों को स्वयं के रोजगार धन्धे स्थापित करने पर विशेष अनुदान एवं छूट का प्रावधान किया है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को स्वयं का रोजगार उपलब्ध कराने हेतु भी कटिबद्ध हैं। इसके लिए हम इन वर्गों के उद्यमियों को मात्र 1 रूपये प्रति एकड़ की दर पर औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि दे रहे है। सरकार का प्रयास होगा  कि उद्योग स्थापना एवं संचालन में सरकारी हस्तक्षेप न्यूनतम हो एवं यथासंभव सेल्फ सर्टिफिकेशन अथवा ऑनलाइन माध्यम से हो ताकि आपके उद्योग हेतु आपको सरकार के पास आने की आवश्यकता ना हो।

    औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के विशेष प्रावधान

    यह नीति उद्योगों को निवेश करने, नये रोजगार सृजन करने और आर्थिक विकास को गति देने के लिये एक मजबूत आधार प्रदान करेगी। इस नीति के माध्यम से राज्य के युवाओं के लिए कौशलयुक्त रोजगारों का सृजन करते हुये अगले 5 वर्षों में 5 लाख नए औपचारिक क्षेत्रों में रोजगार का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति मैं स्थानीय श्रमिकों को औपचारिक रोजगार में परिवर्तित करने के लिए प्रशिक्षण कर प्रोत्साहन का प्रावधान करते हुये 1000 से अधिक रोजगार प्रदाय करने वाली इकाईयों को प्रोत्साहन के अतिरिक्त विशेष प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।

    नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान में सहभागिता के लिए अनुसूचित जाति/जनजाति, महिला उद्यमियों, सेवानिवृत्त अग्निवीर, भूतपूर्व सैनिकों (जिनमें पैरा मिलेट्री फोर्स भी सम्मिलित है), नक्सल प्रभावित, आत्म-समर्पित नक्सलियों एवं तृतीय लिंग के उद्यमों का अतिरिक्त प्रोत्साहन दिये जाने का प्रावधान किया गया है। औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की परिभाषा को भारत सरकार द्वारा परिभाषित एम.एस.एम.ई. के अनुरुप किया गया है। इसी के अनुसार ही इन उद्यमों को प्राप्त होने वाले प्रोत्साहनों को अन्य राज्यों की तुलना में प्रतिस्पर्धी बनाया गया है।

    राज्य सरकार द्वारा देश में सेवा गतिविधियों के बढ़ते हुये। रुझान को दृष्टिगत रखते हुये इस नीति में पहली बार सेवा क्षेत्र अंतर्गत एमएसएमई सेवा उद्यम एवं वृहद सेवा उद्यमों के लिये पृथक-पृथक प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। सेवा क्षेत्र अंतर्गत इंजीनियरिंग सर्विसेस, रिसर्च एंड डेव्हलपमेंट, स्वास्थ्य सेक्टर, पर्यटन एवं मनोरंजन सेक्टर आदि से संबंधित गतिविधियों को सम्मिलित किया गया है। औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में विशिष्ट श्रेणी के उद्योगों जैसे फार्मास्यूटिकल, टेक्सटाईल, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा गैर काष्ठ वनोंपज प्रसंस्करण, कम्प्रेस्ड बॉयो गैस, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस (ए.आई), रोबोटिक्स एण्ड कम्प्यूटिंग (जी.पी.यू), आई.टी., आई.टी.ई.एस./डेटा सेंटर जैसे नवीन सेक्टरों के लिए विशेष पैकेज का प्रावधान है।

    4 दिसम्बर 2024 को नवा रायपुर में स्टेक होल्डर कनेक्ट वर्कशॉप के दौरान राज्य के 27 बड़े औद्योगिक समूहों को नवीन पूंजी निवेश के प्रस्ताव के संबंध में 32 हजार 225 करोड़ रुपए के निवेश के लिए इंटेंट टू इन्वेस्ट लेटर प्रदान किए। इनमें राज्य के कोर सेक्टर के साथ ही नये निवेश क्षेत्रों जैसे आईटी, एआई, डाटा सेंटर, एथेनॉल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, कम्प्रेस्ड बायो गैस जैसे क्षेत्रों में निवेश किया जाएगा। इनमें शिवालिक इंजीनियरिंग, मां दुर्गा आयरन एण्ड स्टील, एबीआरईएल ग्रीन एनर्जी, आरएजी फेरो एलायज, रिलायंस बायो एनर्जी, यश फैंस एण्ड एप्लायंसेस, शांति ग्रीन्स बायोफ्यूल, रेक बैंक डाटा सेंटर आदि सम्मिलित हैं।

    इसके साथ ही थ्रस्ट सेक्टर के ऐसे उद्योग जहां राज्य का प्रतिस्पर्धात्मक लाभ है और जहां भविष्य के रोजगार आ रहे हैं, उन क्षेत्रों के लिये अतिरिक्त प्रोत्साहन का प्रावधान है। नीति में प्रोत्साहनों की दृष्टि से राज्य के विकासखण्डों को 03 समूहों में रखा गया है। समूह-1 में 10. समूह 2 में 61 एवं समूह 3 में 75 विकासखण्डों को वर्गीकृत किया गया है।

  • कोरिया : महतारी वन्दन योजना से पूनम, इंद्रा, सुधा की चेहरे में खिली खुशियां

    महिलाओं के जीवन में बदलाव ला रही यह योजना

     

    ग्राम धौरा टिकरा की महिलाएं महतारी वन्दन योजना से सशक्त और आत्मनिर्भर हो रही हैं। सरकार द्वारा हर माह महिलाओं के खाते में एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता उनके जीवन को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस योजना के लाभ से प्रभावित श्रीमती पूनम नाविक, इंद्रा नाविक और सुधा नाविक ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और सरकार का आभार प्रकट किया।

    सही उपयोग बना सफलता की कुंजी
    श्रीमती पूनम नाविक ने बताया कि योजना के तहत मिलने वाली राशि का उपयोग वह परिवार की दैनिक जरूरतों को पूरा करने में कर रही हैं। वहीं, श्रीमती सुधा ने बताया कि यह पैसा उनके घर की आवश्यक जरूरतों को पूरा करने में सहायक हो रहा है। श्रीमती इंद्रा ने कहा, ’’यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में कारगर साबित हो रही है। मैं इस पैसे को बचाकर भविष्य की जरूरतों के लिए उपयोग कर रही हूं।’’

    पुरुषों ने भी सराहा सरकार का कदम
    इन महिलाओं के पतियों ने भी इस योजना की सराहना की। राज प्रसाद, कैलाश नाविक और कवि शंकर ने इसे सरकार का दूरदर्शी और लाभकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में शुरू की गई यह योजना न केवल महिलाओं को आर्थिक मजबूती दे रही है, बल्कि परिवार की आर्थिक स्थिति को भी बेहतर बना रही है।

    सराहनीय योजनाओं का असर
    महिलाओं और उनके परिवारों ने राज्य सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल को ऐतिहासिक और जनहितकारी बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के नेतृत्व में शुरू की गई योजनाओं को गांव, गरीब, महिलाओं और किसानों के लिए बेहद लाभकारी बताया। महतारी वन्दन योजना ने महिलाओं को उनके अधिकार और आत्मनिर्भरता का एहसास कराया है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता दे रही है, बल्कि समाज में महिलाओं की भूमिका को और सशक्त बना रही है।

  • g p singh
    g p singh 11-Dec-2024

    सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की बहाली को बरकरार रखने वाले आदेश के खिलाफ केंद्र की अपील खारिज कर दी है. आपको बता दें कि जीपी सिंह को भ्रष्टाचार, जबरन वसूली और देशद्रोह के आरोपों के बाद अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया गया था. न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि वह पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुरजिंदर पाल सिंह से संबंधित दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं.

    हाईकोर्ट ने जीपी सिंह की बहाली के दिए थे निर्देश : उच्च न्यायालय ने 23 अगस्त को 1994-बैच के आईपीएस अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) द्वारा पारित आदेश के खिलाफ केंद्र की चुनौती को खारिज कर दिया. जिसने न केवल 20 जुलाई को पारित अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को रद्द कर दिया. बल्कि परिणामी लाभों के साथ उनकी बहाली का भी निर्देश दिया. केंद्र ने तर्क दिया कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश सेवा नियमों के संदर्भ में सार्वजनिक हित में विधिवत पारित किया गया था. कैट ने आपराधिक शिकायतों, वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट के डाउनग्रेडिंग के साथ-साथ अनुशासनात्मक के संबंध में साक्ष्य का मूल्यांकन करते समय अपने अधिकार क्षेत्र को छीन लिया.

    याचिकाकर्ता प्रतिवादी जीपी सिंह के सेवा रिकॉर्ड में कुछ भी प्रतिकूल दिखाने में सक्षम नहीं हैं. एफआईआर दर्ज करना मणि भूषण के परिसरों पर की गई छापेमारी के बाद उनसे की गई कथित वसूली पर आधारित है. उच्च न्यायालय ने इस बारे में कहा कि 'एसबीआई अधिकारी मणि भूषण के बयान के अनुसार, जीपी सिंह के खिलाफ आरोप इतना मजबूत नहीं लगता कि प्रतिवादी नंबर 1 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति का निर्देश दिया जा सके.उच्च न्यायालय ने कहा था कि बिना किसी तर्क या किसी नए आधार के उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के एक कथित मामले में कार्यवाही को फिर से शुरू करना खासकर जब सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट में अन्यथा कहा गया था, और इसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था, परेशान करने का एक प्रयास था.

    जीपी सिंह ने बताया था खुद के खिलाफ षड़यंत्र :जीपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में ये दलील दी थी कि उन्होंने राज्य के अधिकारियों को अवैध लाभ देने से इनकार किया था.इसलिए उन्हें झूठा फंसाया जा रहा था.ताकि उनकी छवि धूमिल हो सके.

    कब हुई थी जीपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई ?: 1 जुलाई 2021 की सुबह एसीबी (ACB) और ईओडब्ल्यू (EOW) की टीम ने जीपी सिंह और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमार कार्रवाई की थी. लंबे अंतराल तक चली कार्रवाई के बाद 10 करोड़ की चल अचल संपत्ति का भी खुलासा किया गया था. छापे के दौरान एसीबी (ACB) और EOW की टीम ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद होने का दावा किया था.

    इन बरामद दस्तावेजों के आधार पर रायपुर पुलिस ने IPS जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था. इसके साथ ही उन पर भ्रष्टाचार से जुड़े हुए अपराध भी दर्ज किए गए थे. इन आरोपों के तहत जीपी सिंह को जेल भी जाना पड़ा था. बाद में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी. अब जीपी सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली. उनके खिलाफ राजद्रोह, ब्लैकमेलिंग और आय से अधिक संपत्ति के केस को अदालत ने रद्द कर दिया गया.

     

  •  BREAKING : राजधानी में चली गोली, आरोपी गिरफ्तार

    रायपुर : राजधानी रायपुर में एकबार फिर फायरिंग हुई है। घटना राजा तालाब के रवि नगर में घटी है, आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।

    दरअसल सिविल लाइन थाने में फजिया मेमन पति तबरेज मेमन साकिन पुरानी मस्जिद के पीछे रवि नगर की निवासी है, हरदयाल और फाजिया मेमन के बीच रवि नगर रोड में स्थित जमीन का विवाद है। आज उस जमीन का सीमांकन भी था। सीमांकन के पहले फाजीया के ताले को हरदयाल ने तोड़कर अपना ताला लगा लिया था। आज जहां प्रार्थिया गई थी। तो आरोपी हरदयाल सिंह पिता थमन सिंह निवासी रवि नगर ने मेरी जमीन है कहकर लाइसेंसी बंदूक से उनको भगाने के लिए लाइसेंसी बंदूक से हवाई फायरिंग कर दिया।आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है। मामले में जांच जारी है।

  • अपंजीकृत निर्माणी श्रमिकों को भी कार्यस्थल पर मृत्यु होने पर मिलेगी 1 लाख की सहायता राशि

    विष्णुदेव सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर श्रम विभाग देने जा रहा बड़ी राहत

    श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन के निर्देश पर योजना की कंडिका में किया जा रहा संशोधन

     

    प्रदेश में विष्णुदेव सरकार के एक साल पूर्ण होने पर निर्माणी श्रमिकों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। अब ऐसे निर्माणी श्रमिक जो कि पंजीकृत नहीं है लेकिन कार्यस्थल पर दुर्घटना से मृत्यु हो जाती है तो उनके आश्रितों को एक लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।

    गौरतलब है कि ऐसे निर्माणी श्रमिक जो कि छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत क्षेत्रों में कार्य करते हैं, लेकिन किसी कारणवश पंजीयन नहीं हो पाया होता है। इसी बीच कार्यस्थल में मृत्यु होने पर श्रमिक के आश्रितों को किसी तरह की आर्थिक सहायता राशि नहीं मिल पाती थी। श्रमिकों की इन परेशानियों को देखते हुए श्रम मंत्री सह अध्यक्ष छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल  लखन लाल देवांगन के निर्देश पर अब विभाग ने मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना की अधिसूचना में आंशिक संशोधन करने जा रही है। अभी तक निर्माणी श्रमिक के सामान्य मृत्यु पर 1 लाख, कार्य स्थल पर दुर्घटना से मृत्यु होने पर 5 लाख, कार्यस्थल पर दुर्घटना से दिव्यांगता होने पर 2.50 लाख की सहायता राशि मिलती है। अब अपंजीकृत निर्माणी श्रमिक के कार्यस्थल पर दुर्घटना से मृत्यु होने पर एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि आश्रितों को दी जाएगी।

    एक साल में 1502 निर्माण श्रमिकों के आश्रितों को दी गई सहायता राशि
    जनवरी से लेकर नवंबर तक कुल 1502 निर्माण श्रमिकों को मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना का लाभ दिया गया है। श्रम मंत्री  लखन लाल देवांगन के निर्देश पर ऐसे निर्माणी श्रमिकों के आश्रितों को तत्काल सहायता राशि सीधे डीबीटी के माध्यम से की जा रही है।

  • CG ब्रेकिंग : राजधानी में दिनदहाड़े चली गोली, जमीन विवाद को लेकर हुई दनादन हवाई फायरिंग, इलाके में मचा हड़कंप

    रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से बड़ी खबर सामने आई है। जहां जमीन विवाद के चलते एक व्यक्ति ने गोली चला दी। दिन दहाड़े गोली चलने की घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया।  सिविल लाइन थाना क्षेत्र के रवि नगर रोड में जमीन कब्जा हटवाने को लेकर हरदयाल नामक आरोपी ने फायरिंग की। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर लाइसेंसी पिस्टल को जब्त किया गया। 

    इस मामले को लेकर सिविल लाइन थाना प्रभारी  रोहित मालेकर ने बताया कि सिविल लाइन थाने में फजिया मेमन, पति तबरेज मेमन साकिन, पुरानी मस्जिद के पीछे रवि नगर की रहने वाली है। उनका रवि नगर रोड में स्थित जमीन को लेकर रवि नगर निवासी हरदयाल सिंह, पिता- थमन सिंह से विवाद है। आज उस जमीन का सीमांकन भी था। सीमांकन के पहले फाजीया के ताले को हरदयाल ने तोड़कर अपना ताला लगा लिया था। जहां आज प्रार्थिया गई, तो आरोपी ने मेरी जमीन है कहकर लाइसेंसी बंदूक से उनको भगाने के लिए लाइसेंसी बंदूक से हवाई फायरिंग कर दी। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर पिस्टल जब्त कर लिया है और मामले की जांच में जुटी हुई है। 

  • क्यों मनाया जाता है क्रिसमस? ईसाईयों में क्रिसमस का महत्व

    क्यों मनाया जाता है क्रिसमस?

    क्रिसमस के संबंध में अभी तक हमने यह जाना है कि यह पर्व ईसा मसीह से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि क्रिसमस के दिन धरती पर स्वर्गदूत अर्थात फरिश्ते उतरे और लोगों को प्रभु यीशु मसीह के उद्धारकर्ता होने का ऐलान किया।

    क्रिसमस सम्बंधित विशेष तथ्यों को ल्यूक और मैथ्यू के कैनोनिकल गॉस्पेल से प्राप्त किया जा सकता है जो ईसाई धर्म के लोगों के बीच महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अनुसार, ईसा मसीह का जन्म माँ मरियम से बेथलहम में हुआ था। एक जनगणना के लिए यूसुफ और मरियम नासरत से बेथलेहम आते हैं जहाँ यीशु का जन्म हुआ और वहां उन्हें एक चरनी या नांद में रखा गया था।

    क्रिसमस के इतिहास के विषय में इतिहासकारों में विरोधाभास देखने को मिलता है। इतिहासकारों के अनुसार, इस पर्व को यीशु के जन्म के पहले से ही मनाया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि रोमन त्यौहार सैंचुनेलिया का ही नया रूप है क्रिसमस। कई मान्यताओं के अनुसार, सैंचुनेलिया को रोमन देवता माना गया है। कुछ समय उपरांत, जब ईसाई धर्म की स्थापना हुई तो उसके बाद यीशु को अपना ईश्वर मानकर लोगों द्वारा सैंचुनेलिया पर्व को क्रिसमस डे के रूप में मनाया जाने लगा।

    क्रिसमस डे 25 दिसंबर को मनाने का कारण

    ऐसा माना गया है कि क्रिसमस को सन 98 से लोग द्वारा निरंतर मनाया जा रहा हैं। इस त्यौहार को मनाने की आधिकारिक घोषणा रोमन बिशप ने सन 137 में की थी। उस समय क्रिसमस को मनाने का कोई दिन निश्चित नहीं था। रोमन पादरी यूलियस ने सन 350 में 25 दिसंबर को क्रिसमस डे के रूप में मनाने की घोषणा कर दी थी।

    क्रिसमस से संबंधित अन्य मान्यता के अनुसार, प्रारंभ में 25 दिसंबर को स्वयं धर्माधिकारी क्रिसमस के रूप में मनाने के लिए तैयार नहीं थे। वास्तव में, यह रोमन जाति का एक पर्व था, जिसके अंतर्गत सूर्य देवता का पूजन किया जाता था। ऐसा माना जाता था कि इस दिन भगवान सूर्य का जन्म हुआ था। जिस समय ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार हुआ तो ऐसा कहा गया कि यीशु ही सूर्य देवता के अवतार हैं, तब से उनकी पूजा होने लगी लेकिन इसे मान्यता नहीं मिली।

    ईसाईयों में क्रिसमस का महत्व

    ईसाई धर्म के लोगों के लिए विशेष दिन होता है क्रिसमस। यह दिन इसाई धर्म के लोग अपने ईष्ट देवता यीशु के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं, इसलिए यह दिन बहुत ही पावन और पवित्र है। ईसाई धर्म के प्रवर्तक हैं यीशु। इसाई धर्म का पवित्र ग्रंथ बाईबल हैं जिसमे उनके उपदेशों और उनकी जीवनी का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। क्रिसमस से 15 दिन पूर्व ही क्रिश्चियन समाज के लोग इसकी तैयारियों में लग जाते हैं।

    क्रिसमस का महत्व 

    क्रिसमस को अब लगभग दुनियाभर में मनाया जाता है इसलिए वर्तमानयुग में इस त्यौहार को धार्मिक न कहकर सामाजिक कहना अधिक उचित होगा। क्रिसमस के पर्व को "बड़ा दिन" भी कहा जाता हैं। इस त्यौहार की तैयारियाँ भी उत्साह से की जाती हैं। यह ईसाई धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार है। क्रिश्चियन अर्थात ईसाई धर्म से सम्बंधित पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि क्रिसमस के दिन ही यीशु का जन्म हुआ था जो ईसा मसीह के नाम से भी जाने जाते है। ईसाई धर्म के ईश्वर हैं ईसा मसीह। 

    यही कारण है कि क्रिसमस डे के अवसर पर चर्च यानि गिरजाघरों में प्रभु यीशु की जन्म कथा की झांकियाँ तैयार की जाती हैं, साथ ही इस दिन गिरजाघरों में प्रार्थनाएं की जाती है। ईसाई धर्म के अनुयायी क्रिसमस पर चर्च में एकत्रित होकर ईसा मसीह की उपासना करते हैं। सभी लोग एक-दूसरे को मिलकर क्रिसमस की बधाईयाँ देते हैं।

    क्रिसमस का संदेश

    क्रिसमस का त्यौहार समाज में शांति और सदभावना का सन्देश देता हैं। बाइबल के अनुसार, यीशु को शांति का राजकुमार कहा गया है। वे सदैव अभिवादन के रूप में कहते थे- शांति तुम्हारे साथ हो. शांति के बिना किसी भी धर्म का अस्तित्व संभव नहीं है। घृणा, संघर्ष, हिंसा एवं युद्ध आदि का धर्म के अंतर्गत कोई स्थान नहीं है।

     

  • मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय, महानदी भवन में कैबिनेट की बैठक शुरू

    मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय, महानदी भवन में कैबिनेट की बैठक शुरू

  • BREAKING : उप मुख्यमंत्री अरुण साव के अनुमोदन पर नगरीय निकायों को 66.06 करोड़ रुपए की पार्षद निधि जारी
    नगरीय प्रशासन विभाग ने नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों को जारी की राशि

    रायपुर : नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने राज्य के 166 नगरीय निकायों को कुल 66 करोड़ छह लाख रुपए की पार्षद निधि जारी की है। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद विभाग ने 14 नगर निगमों को 21 करोड़ 96 लाख रुपए, 48 नगर पालिकाओं को 20 करोड़ 70 लाख रुपए और 104 नगर पंचायतों को 23 करोड़ 40 लाख रुपए की पार्षद निधि जारी की है। नगरीय निकायों के विकास और नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ये राशि प्रदान की गई है। वार्डों के विकास और आवश्यक कार्यों को पूरा करने के लिए इस निधि का उपयोग किया जाएगा।

    नगरीय निकायों को जारी की गई पार्षद निधि की यह राशि चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए निर्धारित कुल निधि का 50 प्रतिशत है। इससे पहले इस वर्ष जुलाई में भी निकायों को 65 करोड़ 72 लाख 24 हजार रुपए का आवंटन जारी किया गया था। पार्षद निधि के रूप में नगर निगमों में प्रत्येक वार्ड के लिए छह लाख रुपए, नगर पालिकाओं में प्रत्येक वार्ड के लिए साढ़े चार लाख रुपए और नगर पंचायतों में प्रत्येक वार्ड के लिए तीन लाख रुपए प्रावधानित है।

    उप मुख्यमंत्री तथा विभागीय मंत्री अरुण साव से हाल ही में विभिन्न नगरीय निकायों के पार्षदों ने मुलाकात कर पार्षद निधि की राशि जारी करने की मांग की थी। साव ने उनकी मांग पर त्वरित कार्यवाही करते हुए विभाग को पार्षद निधि जल्द जारी करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने नगरीय निकायों को इस निधि का उपयोग पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ करने को कहा है। साथ ही सभी कार्यों का क्रियान्वयन वार्डों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पार्षदों की अनुशंसा से करने के निर्देश दिए हैं

    साव ने उम्मीद जताई है कि पार्षद निधि के माध्यम से वार्ड स्तर पर बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी, जिससे नागरिकों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव आएगा। सरकार का उद्दे श्य सभी को बेहतर नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराना है। उन्होंने पार्षद निधि से कराए जाने वाले सभी कार्यों में गुणवत्ता और समय-सीमा सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।

  • छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव में 50 प्रतिशत हुआ OBC आरक्षण, आदेश राजपत्र में प्रकाशित …

     रायपुर। राज्य सरकार ने नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण के नियमों में बदलाव किया है। इसका फैसला बीते दिनों साय कैबिनेट की बैठक में हुआ था, जिसे अब राजपत्र में प्रकाशित कर दिया गया है। कैबिनेट के फैसले के अनुसार, स्थानीय निकायों में आरक्षण की सीमा को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की जनसंख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत तक कर दिया गया है। इस बदलाव से OBC वर्ग को अधिक प्रतिनिधित्व मिलेगा। हालांकि, यदि किसी निकाय में अनुसूचित जाति या जनजाति का आरक्षण 50 प्रतिशत या उससे अधिक है, तो OBC का आरक्षण उस निकाय में शून्य होगा।

    देखें राजपत्र –

  • BREAKING : CM विष्णुदेव साय ने की बड़ी घोषणा, सौर ऊर्जा से जगमग होंगे बलौदाबाजार के 23 प्रमुख ऐतिहासिक व पर्यटक स्थल
    • 23 स्थानों में 50 से अधिक सोलर हाईमास्ट लाईट लगाने की तैयारी
    • पर्यटकों को मिलेंगी सुविधा, पर्यावरण संरक्षण के साथ सुरक्षा को भी मिलेगा बढ़ावा

    बलौदाबाजार : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज सोनाखान की धरती से बलौदाबाजार भाटापारा जिले के 23 प्रमुख ऐतिहासिक एवं पर्यटक स्थलो के लिए सोलर हाईमास्ट लगाने की महत्वपूर्ण घोषणा की है। इसमें 23 स्थानों में कुल 50 से अधिक नग सोलर हाईमास्ट लाईट लगाने की तैयारी की जा रही है। सोलर हाईमास्ट लाईट लगने से पर्यटकों को काफी सुविधा मिलेगी साथ ही पर्यावरण संरक्षण के साथ स्थल सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा।

    उक्त स्थलों में विकासखण्ड बलौदाबाजार अंतर्गत सिंहासनपाट मंदिर केशला सोनाडीह, कबीरसंत समागम आश्रम चंगोरीपुरी,मावली माता मंदिर सिंगारपुर ,महामाया मंदिर तरेंगा,दुमनाथ मंदिर रामपुर, विकासखण्ड कसडोल अंतर्गत सिध्दखोल वॉटर फॉल,अचानकपुर देव हिल्स् नेचर रिसॉर्ट, बारनवापारा सेंचुरी तुरतुरिया, वीरनारायण सिंह सोनाखान,जैतखाम गिरौदपुरी धाम गिरौदपुरी, तुरतुरिया मातागढ विकासखण्ड पलारी अंतर्गत सिध्द बाबा बालसमुद, विकासखण्ड सिमगा अंतर्गत दामाखेडा चैतवारी देवी मंदिर धोबनी,खल्लारी माता मंदिर सुहेला शामिल है। उक्त कार्य के लिए नोडल एजेंसी क्रेडा को निर्धारित किया गया है।