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आया त्यौहार चलो बाजार : छोटे दुकानदारों से सामान खरीदें - छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज
स्थानीय बाजारों से खरीदारी करने निवेदन - अमर पारवानी
चेम्बर ने ”आया त्यौहार चलो बाजार” अभियान के तहत आमजनों से स्थानीय बाजारों से खरीदारी करने निवेदन किया
ऑनलाइन प्लेटफार्म से खरीदारी करने से बचें तथा स्थानीय व्यापारियों एवं
छोटे दुकानदारों से सामान खरीदें:- अमर पारवानी
छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी,विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि त्योहारी सीजन को देखते हुए चेम्बर ने पारंपरिक बाजारों की रौनक लौटाने तथा ऑनलाइन प्लेटफार्म से खरीदारी नहीं करने हेतु लोगों में जागरूकता लाने ”आया त्यौहार चलो बाजार” अभियान के तहत चेंबर ने आमजनों से लोकल बाजार के स्थानीय व्यापारियों एवं छोटे दुकानदारों से खरीदारी करने निवेदन किया है ।
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने बताया कि त्योहारी सीजन में व्यवसाय में ऑनलाइन दखल रोकने, स्थानीय व्यापार को प्रोत्साहित करने एवं बाजार की रौनक लौटाने हेतु छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के तत्वावधान में ”आया त्यौहार चलो बाजार” अभियान की शुरुआत की गई जो देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी के विजन ”वोकल फॉर लोकल” अभियान को समर्थन देना है।
श्री पारवानी जी ने आगे कहा कि चेम्बर व्यवसाय और उद्योग के उत्थान के लिए सदैव प्रयासरत है। ऑनलाइन व्यापार से परंपरागत व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। लोग आकर्षक छूट के लालच में घर बैठे सामान खरीद रहे हैं एवं बाजार से भी विमुख हो रहे हैं, परंपरागत व्यवसाय विभिन्न चुनौतियों से जूझ रहा है जिसे रोकने ”आया त्यौहार चलो बाजार” अभियान के तहत चेंबर द्वारा आमजनों से स्थानीय बाजार के व्यापारियों एवं छोटे दुकानदारों से खरीदारी करने निवेदन किया जा रहा है ।
स्थानीय व्यापारी अर्थव्यवस्था की जान हैं और बाजार की शान हैं। स्थानीय बाजार में खरीदारी से न सिर्फ व्यापार में वृद्धि होगी, अपितु त्योहारों की सार्थकता भी सिद्ध होगी। यह अभियान लोगों को आपस में भावनात्मक रूप से जोड़ने का माध्यम भी बनेगा।
श्री पारवानी जी ने आम नागरिकों के साथ ही चेम्बर के सदस्यों से भी अपील करते हुए सपरिवार बाजार जाकर स्थानीय व्यापारियों एवं छोटे दुकानदारों से खरीदारी करने हेतु निवेदन किया। -
छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा कितनी सफल ? एक रिपोर्ट 02-Oct-2024
*राजधानी में छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा में संख्या कम*
कांग्रेस द्वारा अन्याय के विरुद्ध न्याय की मांग को लेकर गिरोधपुरी धाम से 27 सितंबर को निकली छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा का समापन 2 अक्टूबर को राजधानी रायपुर में हुआ 6 दिनों तक चली 125 किलोमीटर लंबी छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज लगातार पदयात्रा कर रायपुर पहुंचे उनके साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सभी वरिष्ठ नेताओं ने अलग-अलग दिन पद यात्रा में शामिल होकर सरकार के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज कराया,
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा के तीसरे दिन शामिल हुए परंतु वे अपने हरियाणा दौरे के कारण ज्यादा देर तक अपना समय नहीं दे पाए | पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत के अलावा प्रदेश के सभी पूर्व मंत्री एवं विधायकों सहित संगठन के सभी बड़े नेता इस छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा में शामिल हुए|
*राजधानी में छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा में संख्या कम*
अब हम आपको कुछ खास बात बताने जा रहे हैं की गिरोधपुरी से चली छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा अपने पूरे सफर के दौरान जिस संख्या के साथ चली उसमें तो उंगली नहीं उठाई जा सकती क्योंकि लंबा सफर, गर्मी के अलावा गांवों के बीच की दूरी, खेतों की लंबी श्रृंखला के कारण भीड़ न होना कोई बड़ी बात नहीं, बड़ी बात यह है कि दीपक बैज का हौसला, उनका जोश, पार्टी के प्रति उनकी जिम्मेदारी और अन्याय के विरुद्ध न्याय का झंडा उठाकर उन्होंने तो अपना सफर पूरा कर लिया परंतु जब राजधानी रायपुर की सीमा में न्याय यात्रा शामिल हुई तो अपेक्षा से बहुत कम संख्या में कांग्रेसी इस छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा में नजर आए,
यह हम नहीं कह रहे हैं, ना ही हम अनुमान लगा रहे हैं, हम सच्चाई बता रहे हैं और यह सच्चाई प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से स्वयं लाइव वीडियो के माध्यम से जारी की गई है | छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी द्वारा ड्रोन के माध्यम से जो वीडियो जारी किया गया है उसमें साफ नजर आ रहा है कि सड्डू से शुरू होने के बाद इस न्याय यात्रा में गिनती के नेता और कार्यकर्ता ही शामिल थे जिनको उंगलियों में गिना जा सकता है और यह कांग्रेस की इस न्याय यात्रा के असफल होने का बड़ा प्रमाण है, राजधानी में ही अगर समापन के दिन कांग्रेस के कार्यकर्ता नहीं जुट पाए तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस न्याय यात्रा को कितना सफल माना जा सकता है | इस वीडियो को देखने के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के सभी वरिष्ठ नेताओं पदाधिकारी और संगठन को छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा के दौरान उपस्थित को लेकर गंभीर चिंतन करना चाहिए | छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा की इस असफलता के लिए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज, संगठन प्रभारी मलकीत सिंह गैदू के साथ-साथ संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों, सभी पूर्व मंत्रियों एवं वर्तमान विधायकों को भी आत्म चिंतन करना पड़ेगा कि उन्होंने पार्टी के इस बड़े अभियान के साथ कितना न्याय किया है |
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रायपुर, 01 अक्टूबर 2024। साइंस काॅलेज मैदान में आयोजित सशस्त्र सैन्य समारोह के पूर्व आज पंडित दीनदयाल आॅडिटोरियम में बिग्रेडियर श्री अमन आनंद (विशिष्ट सेवा मेडल) एवं कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह ने प्रेसवार्ता लेकर आयोजन की तैयारियों के बारे में जानकारी साझा की। बिग्रेडियर श्री अमन आनंद ने कहा कि रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 5 और 6 अक्टूबर को भारतीय सेना की ताकत और कौशल को करीब से देखने को मिलेगा। युवाओं को भारतीय सेना में शामिल होने और देश की सेवा करने के लिए प्रेरित करने सशस्त्र सैन्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है। श्री आनंद ने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से भारतीय सेना के कौशल एवं ताकत का प्रदर्शन देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को देश की सेवा करने के लिए प्रेरित करने एवं भारतीय सेना की शक्ति और क्षमताओं का प्रदर्शन किया जाएगा। इससे लोगों के बीच राष्ट्रवाद और देशभक्ति को बढ़ावा मिलेगा और नागरिक-सैन्य संबंध मजबूत के बारे में भी जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना से जुड़ने के लिए स्टाॅल लगाए जाएंगे। इस आयोजन में बड़े-बड़े आधुनिक उपकरणों की प्रदर्शनी लगेगी। प्रमुख रूप से युद्ध के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन की प्रदर्शनी के माध्यम से देखने को मिलेगी। श्री आनंद ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है और आयोजन को सफल बनाया जाएगा।कलेक्टर डाॅ. सिंह ने कहा कि भारतीय सेना की देश भक्ति जज्बा, शक्ति और क्षमताओं की ताकत सशस्त्र सैन्य समारोह में देखने को मिलेगा। भीष्म टैंक समेत अनेक उपकरणों का रोमांच देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में दंतेवाड़ा के प्रतिभावान युवा घुड़सवारी के माध्यम से के कौशल दिखाई देंगे। कलेक्टर ने कहा कि आम नागरिकों के लिए साइंस काॅलेज मैदान तक पहुंचने के लिए अलग-अलग स्थानों से बस चलाए जाएंगे। अधिक से अधिक संख्या में लोगों के पहुंचने का आग्रह किया। कलेक्टर ने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं में ऐसे आयोजन होने के बाद सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और भारतीय सेना में जाने के लिए प्रोत्साहित होंगे। इस अवसर पर कर्नल श्री सुदीप बोस, श्री सुमीत शर्मा, नगर निगम आयुक्त श्री अबिनाश मिश्रा, जिला पंचायत सीईओ श्री विश्वदीप भी उपस्थित थे।दो दिवसीय सशस्त्र सैन्य समारोह में शानदार प्रदर्शन और रोमांचकारी प्रदर्शनों की श्रृंखला देखी जाएगी। जिसमें विशेष बल कमांडो द्वारा स्लिदरिंग प्रदर्शन, बाइक शो और घुडसवारी प्रदर्शन शामिल है। टी-90 भीष्म टैंक, बीएमपी टू, पैदल सेना लड़ाकू वाहन, स्ट्रेला 10 एम सेना वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली, जेडयू 23 गन और आर्टिलरी की 105 एमएम लाइट फील्ड गन समेत आधुनिक हथियार और उपकरण भी सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक जनता के देखने के लिए प्रदर्शित किए जाएंगे। इसके अलावा गे्रनेडियर्स, सिग्नल और गोरखा प्रशिक्षण केंद्रों के सैन्य पाइप और ब्रास बैंड और विशिष्ट गोरखा रेजिमेंट के सांस्कृतिक दल द्वारा खुखरी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां भी होगी। आयोजन के दौरान सेना भर्ती कार्यालय रायपुर और एनसीसी ग्रुप मुख्यालय छत्तीसगढ़ द्वारा सशस्त्र बलों में शामिल होने युवाओं के लिए सूचना केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
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गुरमीत राम रहीम सिंह: जेल में बंद होने की कहानी और पैरोल-फरलो का खेल गुरमीत राम रहीम सिंह, जो डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख हैं, 25 अगस्त 2017 से जेल में बंद हैं। उन्हें विशेष सीबीआई अदालत द्वारा दो साध्वियों के साथ बलात्कार के आरोप में दोषी ठहराया गया था। इसके बाद, उन्हें 20 साल की सजा सुनाई गई। इसके अलावा, 2019 में उन्हें एक और मामले में दोषी ठहराया गया, जिसमें उन्होंने 16 साल पहले डेरा सच्चा सौदा के एक पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या करवाई थी। साथ ही, 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में भी उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। ये सभी मामले डेरा सच्चा सौदा से जुड़े विवादों और अपराधों का हिस्सा थे। जेल में बंद होने के कारण 1. दो साध्वियों से बलात्कार: 2002 में दो साध्वियों ने सीबीआई के पास शिकायत दर्ज कराई थी कि डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख, गुरमीत राम रहीम सिंह, ने उनके साथ बलात्कार किया है। इस मामले की जांच के बाद, उन्हें 25 अगस्त 2017 को दोषी करार दिया गया और 28 अगस्त 2017 को 20 साल की सजा सुनाई गई। हर मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई, जो एक साथ चलने वाली थीं। 2. रंजीत सिंह हत्याकांड: 2019 में गुरमीत राम रहीम को एक और मामले में दोषी पाया गया, जिसमें रंजीत सिंह, जो डेरा सच्चा सौदा के एक पूर्व प्रबंधक थे, की 2002 में हत्या करवा दी गई थी। रंजीत सिंह की हत्या का मुख्य कारण यह था कि उन्होंने डेरा की कुरीतियों का खुलासा किया था। 3. पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या: 2002 में, पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में भी गुरमीत राम रहीम दोषी ठहराए गए। छत्रपति ने अपने अखबार में डेरा सच्चा सौदा के भीतर हो रहे अन्याय और अपराधों का पर्दाफाश किया था, जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई। पैरोल और फरलो: कितनी बार जेल से रिहाई गुरमीत राम रहीम को जेल में रहते हुए कई बार पैरोल और फरलो दी गई है, जिसके कारण वह अक्सर चर्चा में रहे हैं। हर बार जब उन्हें पैरोल या फरलो मिलती है, तो राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इसका विरोध भी होता है, खासकर पीड़ितों और उनके परिवारों द्वारा। 1. पहली बार फरलो: अक्टूबर 2020 में गुरमीत राम रहीम को अपनी बीमार मां से मिलने के लिए 40 दिनों की फरलो दी गई थी। इसे उनके समर्थकों द्वारा स्वागत किया गया, लेकिन इस फैसले की काफी आलोचना भी हुई। 2. दूसरी बार पैरोल: जून 2022 में उन्हें एक और पैरोल दी गई, जिसमें वह 30 दिनों तक जेल से बाहर रहे। इस दौरान उन्होंने कुछ धार्मिक कार्यक्रमों में ऑनलाइन भाग लिया, जिससे उनके समर्थकों में उत्साह बढ़ा। हालांकि, उनके विरोधियों ने इसे न्याय प्रणाली का दुरुपयोग माना। 3. तीसरी बार पैरोल: 2023 में, राम रहीम को फिर से 30 दिनों की पैरोल मिली। इस बार भी वह अपने अनुयायियों के साथ ऑनलाइन सत्संग आयोजित करते रहे, और सोशल मीडिया पर उनकी वीडियो भी खूब वायरल हुईं। उनके इन सत्संगों में कई बड़े राजनीतिक नेता भी शामिल हुए, जो राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना। 4. चौथी बार फरलो: 2024 में गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर फरलो दी गई। इस फरलो के दौरान उन्होंने फिर से कई ऑनलाइन कार्यक्रम किए और यह समय उनके अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण बना। पैरोल और फरलो पर विवाद गुरमीत राम रहीम को बार-बार दी गई पैरोल और फरलो पर काफी विवाद हुआ। पीड़ितों के परिवार और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे न्याय का मजाक बताया। हर बार जब उन्हें जेल से बाहर आने का मौका मिलता है, तब उनके समर्थक बड़ी संख्या में उनका समर्थन करते हैं, जबकि पीड़ित और उनके परिजन न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाते हैं। कई लोगों का मानना है कि गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल और फरलो मिलना उनके राजनीतिक संबंधों के कारण है। कई राजनीतिक दलों के नेता उनके समर्थन में खड़े होते हैं, खासकर चुनावों के दौरान, क्योंकि उनके पास लाखों अनुयायियों का समर्थन है। यह समर्थन चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकता है, और यही कारण है कि कई बार उनके प्रति उदारता दिखाई जाती है। निष्कर्ष गुरमीत राम रहीम सिंह, जो गंभीर अपराधों के लिए जेल में सजा काट रहे हैं, को कई बार पैरोल और फरलो मिली है, जिससे विवाद उत्पन्न हुए हैं। उनका राजनीतिक प्रभाव और अनुयायियों की बड़ी संख्या उन्हें बार-बार रिहाई दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, लेकिन यह न्याय प्रणाली और पीड़ितों के अधिकारों के लिए एक गंभीर चुनौती भी प्रस्तुत करता है।
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*सैनिकों के बीच पहुंचे सुप्रसिद्ध कवि पद्मश्री श्री सुनील जोगी, कलेक्टर के आग्रह पर किया कविता पाठ* 01-Oct-2024
*सैनिकों के बीच पहुंचे सुप्रसिद्ध कवि पद्मश्री श्री सुनील जोगी, कलेक्टर के आग्रह पर किया कविता पाठ* *भारतीय सैनिकों का बढ़ाया उत्साह, गूंजा देश भक्ति कविता* *देश की सीमाओं को सुरक्षित करने में भारतीय सेना का महत्वपूर्ण योगदानः कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह* *भारतीय सेना सभी वर्गों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत: कुलपति श्री शुक्ला* रायपुर 30 सिंतबर 24। सुप्रसिद्ध कवि पद्मश्री श्री सुनील जोगी आज रायपुर पहुंचे भारतीय सेनिकों के बीच पहुंचे और सैनिकों का उत्साह बढ़ाने के लिए हास्य कवि पद्मश्री श्री सुनील जोगी ने कविता सुनाई। रविशंकर विश्वविद्यालय के सभाकक्ष में आयोजित कार्यक्रम में कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह भी शामिल हुए और देशभक्ति रंग में रंगने के लिए अंबर पर रहकर भी धरती पर नजर रहे... हम रहे न रहें हमारा तिरंगा अमर रहे... मुश्किल है अपना मेल प्रिय...जैसे कई कविता से शुरूआत की। इसके अलावा उन्होंने कई देशभक्ति कविता सुनाकर जवानों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर पंडित रविशंकर शुक्ल विद्यालय के कुलपति श्री सचिदानंद शुक्ला ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पहला सम्मान सेना का देश में हो, और हमारे समाज में सैनिकों को वह स्थान मिलना चाहिए, जिसके वे हकदार हैं। श्री शुक्ला ने कहा कि भारतीय सेना न केवल देश की सुरक्षा करती है, बल्कि यह समाज के सभी वर्गों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी है। इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने विशेष रूप से सैनिकों की महत्ता पर जोर दिया। कलेक्टर ने कहा कि देश में सैनिकों से बड़ा कोई हीरो नहीं होता। कलेक्टर डॉ. सिंह ने सेना के जवानों की बलिदानी भूमिका को स्वीकार करते हुए कहा कि सैनिक देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हैं और हमारे जीवन को सुरक्षित बनाते हैं। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि वे सेना के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करें और समाज में सैनिकों के प्रति जागरूकता बढ़ाएं। इस दौरान जिला पंचायत के सीईओ श्री विश्वदीप, अपर कलेक्टर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहित सैकडो की संख्या में सेना के जवान उपस्थित थे।
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रायपुर। कांग्रेस की न्याय पदयात्रा की 27 सितंबर से बलौदाबाजार से शुरू हुई। बलौदबाजार के गिरौदपुरी से शुरू हुई यह यात्रा 6 दिन बाद 2अक्टूबर को राजधानी रायपुर में खत्म होगी। कांग्रेस की न्याय यात्रा आज शाम को राजधानी की सीमा में पहुंच जाएगी। इस यात्रा का कल (2 अक्टूबर) को अंतिम दिन है। आज पांचवें दिन की यात्रा रायपुर से करीब 20 किलो मीटर दूर स्थित सारागांव से शुरू हुई। पीसीसी चीफ दीपक बैज की यह पद यात्रा आज शाम को राजधानी की सीमा पर स्थित सड्डू पहुंच जाएगी। बैज सहित यात्रा में शामिल पूरी टीम रात्रि विश्राम सड्डू में करेगी। इसके बाद कल शहर में प्रवेश होगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि हमारे कार्यकताओं में भी यात्रा को लेकर अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिल रहा है। इस यात्रा का उद्देश्य प्रदेश की बिगड चुकी कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को जगाना है। जनता के बीच में बढ़ते अपराधों के कारण भय का माहौल है। महिलाएं बहने असुरक्षित है। किसी समाज का आदमी सुरक्षित नहीं है। प्रदेश की सरकार दिशाहीन हो चुकी है। सरकार का ड्राइवर कौन है किसी को पता नहीं है, सरकार के मंत्रियों में आपस में विरोधाभास है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुये कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की 5 साल सरकार थी जो किसानों, युवाओं, माता, बहनों और प्रदेश के हर वर्ग के लिये काम किया। ईडी, आईटी, सीबीआई कांग्रेस सरकार को बदनाम करने का काम किया। महादेव ऐप के नाम से प्रधानमंत्री से लेकर मंत्री तक बहुत से प्रचार किये। मैं पूछना चाहता हूं कि महादेव एप आज बंद हुआ है क्या? महादेव ऐप का मोटी कमाई आज कौन खा रहा है? आज देश में भाजपा की डबल इंजन की सरकार है प्रदेश में भी भाजपा की सरकार है और केन्द्र में भी भाजपा की सरकार है तो महादेव ऐप बंद होना चाहिये।
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शहीद-ए-आज़म भगत सिंह: एक आदर्श क्रांतिकारी भगत सिंह, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक, एक ऐसा नाम है जो साहस, त्याग और देशभक्ति का प्रतीक बन गया है। 28 सितंबर 1907 को पंजाब के बंगा गाँव में जन्मे भगत सिंह ने बहुत छोटी उम्र में अंग्रेजों की गुलामी के खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया। वे न केवल एक योद्धा थे बल्कि एक विचारक भी थे, जिन्होंने अपने समय के राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर गहराई से चिंतन किया। उनका जीवन संघर्ष और समर्पण का अद्वितीय उदाहरण है। 23 साल की अल्पायु में देश के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूमने वाले भगत सिंह ने यह सिद्ध कर दिया कि आजादी की लड़ाई केवल हथियारों से नहीं, बल्कि विचारों और आत्मबलिदान से भी लड़ी जा सकती है। भगत सिंह का विश्वास था कि स्वतंत्रता केवल बाहरी शत्रु से मुक्त होना नहीं है, बल्कि समाज में फैली असमानता, जातिवाद, और गरीबी से भी मुक्ति होनी चाहिए। उनका मानना था कि एक न्यायपूर्ण और समतावादी समाज ही सच्ची स्वतंत्रता का आधार हो सकता है। उनका प्रसिद्ध नारा, "इंकलाब जिंदाबाद" आज भी हर भारतीय के दिल में गूंजता है। भगत सिंह का साहस और उनका विचारधारा प्रेरणा देती है कि हम अपने समाज को बेहतर बनाने के लिए हमेशा तत्पर रहें। इस महान क्रांतिकारी के जन्मदिवस पर हम सभी को उनके आदर्शों को आत्मसात करके एक सशक्त और समतावादी भारत की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए। भगत सिंह को कोटि-कोटि नमन!
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सावधान : सड़कों के किनारे गाड़ी पार्क करने पर देना होगा शुल्क, जानिए क्या है नई पार्किंग पॉलिसी 27-Sep-2024अब सड़कों के किनारे गाड़ी पार्क करने पर शुल्क देना अनिवार्य होगा। उत्तर प्रदेश नगर विकास विभाग ने इस नई पार्किंग नीति की तैयारी पूरी कर ली है, जिसका उद्देश्य सड़क पर गाड़ी पार्किंग की व्यवस्था को नियंत्रित करना और अवैध पार्किंग को रोकना है। यह नीति खासतौर पर रात के समय पार्किंग पर ध्यान केंद्रित करेगी। नई पार्किंग शुल्क संरचना नई नीति के तहत, यदि कोई व्यक्ति नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सार्वजनिक स्थानों पर रात में अपनी गाड़ी पार्क करता है, तो उसे निम्नलिखित शुल्क चुकाने होंगे: - प्रति रात: 100 रुपये - एक हफ्ते के लिए: 300 रुपये - एक महीने के लिए: 1000 रुपये - एक साल के लिए: 10,000 रुपये यदि कोई बिना परमिट के गाड़ी पार्क करता है, तो उससे तीन गुना शुल्क वसूल किया जाएगा। उदाहरण के लिए, अगर कोई बिना अनुमति गाड़ी पार्क करता है, तो उसे प्रति रात 300 रुपये चुकाने होंगे। यह कदम अवैध पार्किंग पर रोक लगाने के लिए उठाया जा रहा है। इस प्रस्ताव के संबंध में नगर विकास विभाग ने संबंधित पक्षों से सुझाव और आपत्तियों को आमंत्रित किया है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि नीति को व्यापक समर्थन मिले और सभी संबंधित हितधारकों की चिंताओं का समाधान किया जा सके। जैसे ही कैबिनेट से मंजूरी मिलेगी, नगर निगम में नई पार्किंग नीति लागू कर दी जाएगी। अवैध पार्किंग की समस्या राज्य में पार्किंग की कोई स्पष्ट नीति ना होने के कारण अवैध पार्किंग की समस्या बढ़ रही थी। अव्यवस्थित पार्किंग के चलते शहरों में यातायात की समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों नगर विकास विभाग को निर्देश दिया था कि एक सुनियोजित पार्किंग नीति लाए, जिससे कि इस समस्या का समाधान किया जा सके। नगर निगम द्वारा विकसित पार्किंग को निजी हाथों में देने का भी विचार किया जा रहा है। बड़े शहरों में पार्किंग ठेकों में बड़ी कंपनियों को भी टेंडर डालने की अनुमति दी जाएगी। इससे पार्किंग की बेहतर व्यवस्था हो सकेगी और नागरिकों को सुविधाएं प्राप्त होंगी। विभिन्न स्थानों पर शुल्क वसूली नई नीति के तहत, नगर निगम से अनुमति लेने के बाद ठेकेदार रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, कॉलेज, ऑफिस, हॉस्टल, और अन्य व्यावसायिक भवनों के पास निर्मित पार्किंग स्थानों से शुल्क वसूल कर सकेंगे। यह नीति विशेष रूप से भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में पार्किंग की सुविधा को बढ़ाने के लिए बनाई गई है। मल्टी लेवल कार पार्किंग नई नीति के अंतर्गत मल्टी लेवल कार पार्किंग की सुविधा भी विकसित की जाएगी। इससे पार्किंग की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी, क्योंकि अधिक वाहन एक ही स्थान पर पार्क किए जा सकेंगे। यह सुविधा शहरी क्षेत्र में वाहनों की संख्या को देखते हुए आवश्यक है। आबादी के आधार पर शुल्क नई पार्किंग नीति में आबादी के आधार पर शुल्क की संरचना भी तय की गई है: 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में - दो पहिया वाहन: 855 रुपये (मासिक पास) - चार पहिया वाहन: 1800 रुपये (मासिक पास) - 2 घंटे के लिए: दो पहिया 15 रुपये, चार पहिया 30 रुपये - 1 घंटे के लिए: दो पहिया 7 रुपये, चार पहिया 15 रुपये 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में - दो पहिया वाहन: 600 रुपये (मासिक पास) - चार पहिया वाहन: 1200 रुपये (मासिक पास) - 2 घंटे के लिए: दो पहिया 10 रुपये, चार पहिया 20 रुपये - 1 घंटे के लिए: दो पहिया 5 रुपये, चार पहिया 10 रुपये Night parking रात की पार्किंग के लिए समयावधि 11 बजे से सुबह 6 बजे तक होगी। इस समय के दौरान पार्किंग के लिए अलग रेट निर्धारित किया जाएगा, जो सामान्य दिन के रेट से भिन्न होगा।
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स्कूल किताबों का एक और जखीरा बरामद 26-Sep-2024*पाठ्य पुस्तक घोटाला ब्रेकिंग न्यूज़* सरकारी स्कूल की पाठ्य पुस्तकों को बच्चों में ना बांटकर कबाड़ में मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है | कुछ दिन पहले हमने एक किताब गलाने वाली फैक्ट्री में किताबों का पहाड़ देखा था ,, किताबों को रद्दी बना दिया गया, उन्ही किताबों को रद्दी के भाव में स्कूल शिक्षा विभाग ने बेच दिया था ,, आज सुचना मिलने पर हमने अभनपुर विकास खंड के स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में पहुंचे तो हमने देखा की यहां बच्चों को किताबें बांटने के बजाय उसे गोदाम में रखकर खराब किया जा रहा है और बाद में इन्ही किताबों को रद्दी में कौड़ियों के दाम पर बेच दिया जाएगा , बच्चो के भविष्य को सावरने वाली इन किताबों को कैसे रद्दी बनाया जाता है
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छत्तीसगढ़ की अधिकारी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की करीबी अधिकारी सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ जमानत दी। दिसंबर 2022 में ED ने गिरफ़्तार किया था। जमानत पर आने के बाद भी सौम्या चौरसिया निलंबित रहेंगी। बता दें कि छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले और मनी लांड्रिंग मामले को लेकर कांग्रेस सरकार के दौरान मुख्यमंत्री की उपसचिव रही सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया गया था। कोयल मामले को लेकर ईडी ने सौम्या चौरसिया को 2 दिसंबर 2022 में गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ की थी। इस पूछताछ के बाद से सौम्या चौरसिया सेंट्रल जेल रायपुर में बंद है। Supreme Court ईडी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में हुए कोयले घोटाले में सौम्या चौरसिया की महत्वपूर्ण भूमिका बताई गई है। मामले में किगपिन सूर्यकांत तिवारी के ऊपर सौम्या चौरसिया का प्रशासनिक सपोर्ट बताया गया है। लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ में मंगलवार को सौम्या की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई।छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के 28 अगस्त, 2024 के आदेश को चौरसिया की चुनौती से निपट रही थी, जिसके तहत उनकी तीसरी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। इस पर 13 सितंबर को नोटिस जारी किया गया था। एक साल 9 महीने से जेल में बंद थी सौम्या चौरसिया की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे ने आग्रह किया कि उनकी मुवक्किल ने लगभग 1 साल और 9 महीने हिरासत में बिताए हैं, एक बार भी रिहा नहीं किया गया है, और मुकदमा शुरू भी नहीं हुआ है। इसके अलावा, 3 सह-आरोपियों को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया है (जिसके आदेशों की पुष्टि की गई है)। मनीष सिसोदिया के मामले में अदालत के हालिया फैसले पर भरोसा किया गया था । अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने विरोध किया इसके विपरीत, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने ईडी के लिए उपस्थिति दर्ज करते हुए प्रस्तुत किया कि चौरसिया, जो एक सिविल सेवक (और इस प्रकार जनता के ट्रस्टी) थे, अंतरिम जमानत दिए गए 3 व्यक्तियों के मुकाबले एक अलग पायदान पर खड़े हैं। उसकी भूमिका पर जोर देते हुए, एएसजी ने चौरसिया की तुलना मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी से की और आरोप लगाया कि उसे बहुत पैसा मिला। यह दावा करते हुए कि मामले में विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता है, एएसजी ने जवाब दाखिल करने के लिए समय देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ”कोयला खदानों से कोयला वितरण आदेश के आधार पर भेजा जा रहा था। और उसके बाद, परिवहन परमिट जारी किया जाना था। यह ऑनलाइन किया जा रहा था। आरोपी की निशानदेही पर साजिश रची गई, इस ऑनलाइन को ऑफलाइन में बदल दिया गया। जैसे ही वास्तविक सुपुर्दगी आदेश दिया गया, ट्रांसपोर्टरों को तब तक परिवहन परमिट नहीं दिया गया जब तक कि वे 25 रुपए प्रति टन कोयले और 100 रुपए प्रति टन लोहे के पैलेट्स का भुगतान नहीं करते। इस अवैध कर से लगभग 400 करोड़ रुपये की भारी राशि एकत्र की गई। वह (चौरसिया) मुख्यमंत्री कार्यालय में एक अधिकारी थीं.’ उन्होंने दलील दी कि जब नौकरशाह इस तरह की गतिविधियों में शामिल हों तो गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए. शुरू में वकीलों को सुनने के बाद जस्टिस कांत ने कहा कि एएसजी को जवाब दाखिल करने में समय लग सकता है लेकिन पीठ इस बीच चौरसिया को अंतरिम जमानत देने को इच्छुक थी। हालांकि, एएसजी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, ‘यह मामला खत्म हो जाएगा… मेरे सामने अभी तक ऐसा कोई मामला नहीं आया है जहां अंतरिम जमानत की पुष्टि नहीं हुई हो। एएसजी की आपत्तियों और समय के लिए अनुरोध को ध्यान में रखते हुए, पीठ ने मामले को कल तक के लिए स्थगित कर दिया। मामले को फिर से सूचीबद्ध करते हुए, न्यायमूर्ति कांत ने एएसजी पर जोर दिया कि अगर चौरसिया अंततः जमानत की राहत (विस्तृत सुनवाई के बाद) के हकदार पाए जाते हैं, तो वह अनावश्यक रूप से प्रक्रियात्मक देरी का शिकार होंगे। बुधवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने चौरसिया को सशर्त जमानत दे दी। cg24news.in
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*आम आदमी पार्टी के मुखिया दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से पांच सवालों का जवाब मांगा, क्या है वह सवाल ?* जेल से छूटने के बाद, मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने आज जंतर मंतर से जनता की अदालत में मंच से आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से पांच सवाल किए आम आदमी पार्टी के संयोजक पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से पूछा कि 1. जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी तेज भर में लालच देकर ईडीसीबीआई के माध्यम से विपक्ष पर दबाव बना रहे हैं क्या आप नहीं मानते यह भारतीय जनतंत्र के लिए घातक है | 2. देशभर में सबसे भ्रष्टाचारी नेताओं को मोदी जी ने अपनी पार्टी में शामिल कर लिया जिन्हें उन्होंने स्वयं भ्रष्टाचारी कहा था ऐसे सैकड़ो लोगों को वह अपनी पार्टी में शामिल कर महत्वपूर्ण पदों पर सुशोभित कर रहे हैं मोहन भागवत जी क्या आप इस बाबत कुछ कहेंगे 3. बीजेपी आरएसएस की कोख से पैदा हुई है कहा जाता है कि यह देखना रस की जिम्मेदारी है कि बीजेपी भ्रष्ट न हो मोहन भागवत जी क्या आपने मोदी जी को गलत हरकतें करने से रोका ? 4. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा जी ने कहा कि बीजेपी को रस की जरूरत नहीं है तो मेरा यह सवाल है कि बेटा इतना बड़ा हो गया है की मां को आंखें दिखाने लग गया जिसे रस नेपाली पुष्कर पीएम बनाया वही आंखें दिखा रहा है मोहन भागवत जी इस पर आप क्या कहेंगे ? 5. भारतीय जनता पार्टी ने नियम बनाया था कि 75 साल की उम्र के बाद रिक्वायरमेंट होगा आडवाणी मुरली मनोहर जोशी शांता कुमार जैसे अनेक नेताओं को इस नियम के तहत साइट कर दिया गया अब कहा जाता है कि यह नियम मोदी जी पर लागू नहीं होगा क्यों मोहन भागवत जी बताएंगे ? आम आदमी पार्टी के संयोजक दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जंतर मंतर से किए गए इन सवालों का जवाब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की तरफ से कब आता है और क्या आता है इसका इंतजार देश की सभी नेताओं एवं नागरिकों को रहेगा
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लाखो लोगों को मिला त्वरित न्याय
वर्ष के तृतीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन
वर्ष के तृतीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय रायपुर में लाखो लोगों को मिला त्वरित न्याय। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2024 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के अनुकम में माननीय न्यायमूर्ति श्री रमेश सिन्हा मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन एवं माननीय श्री न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार दिनांक 21/09/2024 को छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाकर राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सुलह समझौता से निराकृत किये गये हैं। उक्त लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किये गये।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष / प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अब्दुल जाहिद कुरैशी, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्रीमान हेमंत सराफ, जिला एवं सत्र न्यायाधीशगण व अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री हितेन्द्र तिवारी, द्वारा जिला रायपुर में नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया गया। जिसमें समस्त न्यायाधीशगण, पक्षकारगण, अधिवक्तागण, बैंक के अधिकारीगण, राजस्व अधिकारी, नगर निगम के अधिकारी, न्यायालयीन कर्मचारीगण, पैरालिगल वालिंटियर, विधि एवं स्कूल के छात्र छात्रायें भी उपस्थित रहे। इस बार की नेशनल लोक अदालत भी हाईब्रिड तरीके से आयोजित की गयी, जिसमें पक्षकार भौतिक उपस्थिति के साथ-साथ वर्चुअल या ऑनलाईन के माध्यम से भी राजीनामा किया गया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी ने कहा कि, नालसा एवं सालसा के माध्यम से पुरे देश भर में इस वर्ष का तृतीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें हम सभी के बहुत महत्वपूर्ण सहभागिता है और हम सभी के संयुक्त प्रयासो से ही नेशनल लोक अदालत के माध्यम से जनता तक सरल वः सहज तरीके से न्याय पहुंचेगा। इस लोक अदालत में सभी प्रकार के प्रकरण, पारिवारिक प्रकरण दाण्डिक प्रकरण, सिविल वाद एवं राजस्व प्रकरणों के निराकरण के साथ ही पेंशन लोक अदालत के माध्यम से पेंशन प्रकरण तथा मोहल्ला लोक अदालत के माध्यम से जनोपयोगी सेवाओं के प्रकरणों के निराकरण किया जायेगा साथ ही साथ प्री-लिटिगेशन प्रकरणो (जो अदालत तक पहुँचने के पूर्व) का भी निराकरण किया जायेगा। उन्होने बताया कि, नेशनल लोक अदालत का प्रचार-प्रसार ट्रैफिक लाउडिस्पीकर के माध्यम से तथा रेल्वे स्टेशन में रेल्वे अलाउंसमेंट सिस्टम के माध्यम से एवं पैरालीगल वालिटिंयर के माध्यम से तथा ग्रामिण क्षेत्रों में कोटवारो के द्वारा मुनादी कराकर नेशनल लोक अदालत का प्रचार-प्रसार कराया गया । लोक अदालत में जिनका भी राजीनामा योग्य प्रकरण लम्बित है उनकों प्रोत्साहित किया गया। जिन पक्षकारों को किसी भी प्रकार की शंका हो उनको परामर्श हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर द्वारा तालुका विधिक सेवा समिति, गरियाबंद, देवभोग, राजीम, तिल्दा से सम्पर्क कर अपने प्रकरणों के संबंध में जानकारी लेने हेतु प्रोत्साहित किया गया । श्री रमेश कुमार चौहान, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर द्वारा व्यक्त किया गया कि, प्रदेश में पुनः एक बार दिव्यांग जनों के लिये नालसा, सालसा तथा केन्द्र सरकार की योजनाओं की सफलता हेतु माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय रायपुर द्वारा एक अभूतपूर्व पहल करते हुए समाज कल्याण विभाग रायपुर के सहयोग से दिव्यांग एवं वरिष्ठ जन हितग्राहियों को व्हील चेयर एवं श्रवण यंत्र का वितरण, शिक्षा विभाग के सहयोग से छात्राओं को सायकिल, पाठ्यपुस्तकों तथा गणवेश, का वितरण इसी प्रकार श्रम विभाग के सहयोग से नालसा की (असंगठित क्षेत्र के कामगारों को निःशुल्क विधिक सहायता योजना 2015) के अंतर्गत हितग्राहियों को चेक वितरण एवं वन विभाग के सहयोग से पर्यावरण जागरूकता संदेश देते हुए पक्षकारों एवं आमजनों को निःशुल्क पौधा वितरण किया गया। जिला महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से रेडी टू ईट प्रदर्शनी किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर एवं गुरुद्वारा धन धन बाबा साहिब जी तेलीबांधा रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में सैकड़ो किलोमीटर से आये पक्षकारो को न्याय के साथ साथ निःशुल्क भोजन प्राप्त हुआ जिससे उनके चेहरों पर संतोष दिखा दी, न्याय पालिका के माध्यम से उन्हे हर प्रकार का सहयोग प्राप्त हो रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा दिये गये नये संकल्प मोहल्ला लोक अदालत में पहुँचे न्यायाधीश / सभापति जनोपयोगी लोक अदालत माननीय श्री ऋषी कुमार बर्मन पर पक्षकारो ने की फूलों के हार से उनका स्वागत किया । उक्त छ०ग० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा दिये गये नये संकल्प मोहल्ला लोक अदालत में पहुँचे न्यायाधीश / सभापति जनोपयोगी लोक अदालत माननीय श्री ऋषी कुमार बर्मन के द्वारा त्वरित निर्णय करते हुए राहत पहुँचायी गयी। उक्त लोक अदालत का आयोजन न्याय तुहर द्वार योजना के तहत किया गया। मोहल्ला लोक अदालत के पीठासीन अधिकारी माननीय श्री ऋषी कुमार बर्मन सभापति/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्थायी लोक अदालत द्वारा घटना स्थल पर जाकर ही जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित मामलों का निराकरण किया मोहल्ले वासियों द्वारा उनका स्वांगत किया गया। उनके द्वारा 192 प्रकरण घटना स्थल पर जाकर न्यायाधीश द्वारा निराकृत किया गया स्थलो का नाम - जोन क्रमांक 01 (वीर शिवाजी वार्ड), जोन क्रमांक 04 (सुभाष स्टेडियम), जोन क्रमांक 10 (श्याम नगर) के स्थलो पर जाकर प्रकरणों का निराकरण किया गया। आज तृतीय नेशन लोक अदालत में निम्नानुसार प्रकरण का निराकरण किया गया। राजस्व न्यायालय-103178 प्रकरण कुटुम्ब न्यायालय- 131 छ०ग० राज्य परिवहन अधिकरण - 04 प्रकरण न्यायालय में लम्बित लगभग-9569 प्रकरण । प्री-लिटिगेशन एवं नगर निगम से मामले 68587 प्रकरण का निराकरण जनोउपयोगी सेवाओं से संबंधित प्रकरण 651 प्रकरण नेशनल लोक अदालत के माध्यम से पक्षकारों को मिली कुल राशि 29,57,92819 मोहल्ला लोक अदालत 628 प्रकरण का निराकरण हुआ। (सफल कहानी) :- 10 वर्षों से अधिक लम्बित प्रकरण धारा 125 दं.प.सं. के मामले का किया गया निराकरण (माननीय हेमंत सराफ, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय रायपुर )। आवेदिका के द्वारा अपने पति के विरूद्ध धारा 125 दं.प्र.सं. भरण-पोषण राशि दिलाये जाने बाबत् प्रकरण दिनांक 22.09.2008 को प्रस्तुत किया गया था, जिसमें न्यायालय द्वारा दिनांक 10.12.2008 को प्रतिमाह 5,000/- भरण पोषण राशि आवेदिका को दिलाये जाने का आदेश पारित किया गया था। उक्त आदेश के परिपालन में आवेदिका ने वसूली हेतु धारा 125 (3) दं.प्र.सं. का प्रकरण दिनांक 05.01.2015 को पेश किया गया किन्तु आदेश पारित करने के पश्चात भी अनावेदक के द्वारा भरण पोषण प्रदान नही की जा रही थी, जिस कारण आवेदिका को गंभीर आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन अनावेदक द्वारा राशि अदा नही कर रहा था। न्यायालय के द्वारा दोनों पक्ष को समझाईश दी गई तथा उनके बीच सुलह का अथाह प्रयास किया गया, उसके पश्चात उभयपक्ष के द्वारा आपस में राजीनामा कर लिया गया । माननीय न्यायालय के समझाईश पर पति पत्नि हुए एक :- (माननीय हेमंत सराफ प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय रायपुर ) आवेदिका के द्वारा अनावेदिका अपने पति के विरूद्ध भरण-पोषण का प्रकरण इस आधार पर प्रस्तुत किया गया था कि, उसका पति नशा का आदि है और उसके साथ मारपीट व लड़ाई-झगड़ा कर घर से निकाल दिया है। उक्त प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा लगातार समझाईश दी जाती रही कि साथ में रहकर अपने दाम्पत्य जीवन को संवारे तथा उनके बीच-सुलह का अथाह प्रयास किया गया। अंततः पति-पत्नी अपने वाद-विवाद को भूलकर आपस में राजीनामा कर प्रकरण को वापस लेकर सुखद जीवन जीने के लिये एक साथ चले गये। सिविल वाद के प्रकरण में लोक अदालत के लाभ की जानकारी देकर पक्षकारों के आपसी सहमति से किया गया प्रकरण का निराकरण:- (माननीय कु० भारती कुलदीप, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रायपुर ) सिविल वाद प्रकरण में त्वरित निराकरण हेतु माननीय न्यायालय द्वारा पक्षकरों को लोक अदालत के लाभ से अगवत कराया गया एवं आपसी मनमुटाव को दूर कर आपस में राजीनामा करने की सलाह दी गई। पक्षकार राजीनामा हेतु तैयार हुए एवं आपसी राजीनामा करते हुए प्रकरण का निराकरण किया गया । cg24news.in