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  • नगर निगम कमिश्नर अविनाश मिश्रा वार्ड के अंदर की बदहाल सफाई व्यवस्था से अनभिज्ञ है |
    महापौर एजाज ढेबर द्वारा विगत दिनों दिया गया बयान कि पीएम को भी महापौर की इस सीट पर बैठा दिया जाए तो भी समस्याएं समाप्त नहीं हो सकती | वहीं दूसरी तरफ नगर निगम रायपुर के कमिश्नर अविनाश मिश्रा द्वारा कैनाल रोड के फ्लाई ओवर की साफ सफाई के लिए तो अधिकारियों को सख्त निर्देश दे दिए गए परंतु निगम कमिश्नर की नजर मुख्य मार्गो तक ही सीमित रहती है, क्योंकि उन्हें अधिकारी के तौर पर मुख्य मार्गों पर ही आवागमन करना है इसलिए उन्हें मुख्य मार्ग पर साफ सुथरी सड़कों पर थोड़ा सा भी कचरा दिख जाए तो वह उन्हें नजर आ जाता है परंतु वे वार्ड के अंदर की गंदगी की स्थिति को नहीं जानते है , ऐसा लगता है की नगर निगम कमिश्नर अविनाश मिश्रा वार्ड के अंदर की बदहाल सफाई व्यवस्था से अनभिज्ञ है, क्योंकि अगर उन्हें पता होता कि राजधानी के सभी 70 वार्डों के अंदरूनी इलाकों में गंदगी का जो आलम है, नालिया नाले बज बजा रहे हैं, नालों में पांच - पांच फीट तक कचरा भरा हुआ है और नालियां एक से डेढ़ फीट तक जो उनकी गहराई है वह गंदगी से भरी पड़ी है, जोन 10 के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 52 के इन दो मंदिरों के आसपास की इन तस्वीरों को देखकर आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं की सफाई के मामले में नगर निगम की क्या स्थिति है, यह ट्रेलर नहीं एक झलक मात्र है, यदि ट्रेलर और पिक्चर को देखेंगे तो रायपुर के आम नागरिकों को पीड़ा होगी क्योंकि उनके खून पसीने की कमाई से दिए जा रहे टैक्स की रकम से सफाई के नाम पर अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और ठेकेदारों के बीच खुले आम बंदर बांट चल रही है | रायपुर के जोन क्रमांक 10 के वार्ड क्रमांक 52 में महावीर नगर के बसंत पार्क में मां दुर्गा और शंकर भगवान के मंदिरों के आजू-बाजू गंदगी के बीच आसपास के भक्त, श्रद्धालु, माताएं - बहने, युवा, बुजुर्ग दर्शन करने मजबूर हैं | नगर निगम का सफाई अमला चाहे पार्षद हो, ठेकेदार हो, अधिकारी हों बिना सफाई कार्य किये हर महीने नियमित रूप से राशि का लेनदेन कर रहे हैं | मजे की बात यह है की शिकायत होने पर साल में एक बार या दो बार ठेकेदार पर नाम मात्र के लिए 5 हजार रूपए का जुर्माना लगाकर कार्यवाही को इतिश्री कर दिया जाता है जबकि होना यह चाहिए कि एक बार या दो बार के बाद ठेकेदार की गलती मिलने पर उसे पर जुर्म दर्ज कर जेल भेज देना चाहिए परंतु ऐसा होता नहीं है क्योंकि सब मिली भगत और लेनदेन का नीचे से ऊपर तक का चक्कर है तो करवाई हो भी तो कैसे ? जबकि देखा जाए तो सफाई ठेकेदारों द्वारा तय कर्मचारियों में से आधे कर्मचारियों से ही आधा कार्य करवा कर हर मां एक से डेढ़ लाख रुपए की अवैध बचत की जाती है इस प्रकार साल भर में ठेकेदारों द्वारा एक वार्ड में 70 से 80 लख रुपए के सफाई घोटाले में से पांच या ₹10000 जुर्माना देकर एक बड़ी रकम अवैध रूप से अंदर कर ली जाती है | जुर्माना उनके लिए सही कार्य करने का सर्टिफिकेट बन जाता है और इस आधार पर सफाई ठेकेदार कानूनी कार्यवाही से बच जाते हैं क्योंकि उन्होंने तो अपनी गलती के लिए 5 हजार या 10 हजार रूपए जुर्माना भर दिया है | परंतु वहीं दूसरी तरफ टैक्स देने वाले नागरिक नियमित रूप से हर माह का टैक्स देने के बावजूद नगर निगम की सुविधा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं और उनकी कोई सुनवाई नहीं होती | अब सवाल या उठना है कि नगर निगम कमिश्नर, महापौर और जनप्रतिनिधि जैसे कि सांसद विधायक और पार्षद सफाई ठेकेदारों पर मेहरबान क्यों रहते हैं यह विचारणीय विषय है जो इस बात की ओर इशारा करता है कि कुछ तो है जो ठेकेदारों के खिलाफ कुछ बोलने के लिए उनके मुंह को बंद रखता है |
  • स्वाति मालीवाल ने X प्लेटफार्म पर लगाया काला धब्बा

     

    पार्टी में कल के आए नेताओं से 20 साल पुरानी कार्यकर्ता को BJP का एजेंट बता दिया। दो दिन पहले पार्टी ने PC में सब सच क़बूल लिया था और आज U-Turn ये गुंडा पार्टी को धमका रहा है, मैं अरेस्ट हुआ तो सारे राज़ खोलूँगा। इसलिए ही लखनऊ से लेकर हर जगह शरण में घूम रहा है।  

    ये गुंडा पार्टी को धमका रहा है, मैं अरेस्ट हुआ तो सारे राज़ खोलूँगा। इसलिए ही लखनऊ से लेकर हर जगह शरण में घूम रहा है। मुझे सूचना मिली है कि अब ये लोग घर के CCTV से छेड़छाड़ करवा रहा है | हर बार की तरह इस बार भी इस राजनीतिक हिटमैन ने ख़ुद को बचाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। अपने लोगों से ट्वीट्स करवा के, आधि बिना संदर्भ की वीडियो चलाके इसे लगता है ये इस अपराध को अंजाम देके ख़ुद को बचा लेगा। कोई किसी को पीटते हुए वीडियो बनाता है भला? घर के अंदर की और कमरे की CCTV फ़ुटेज की जाँच होते ही सत्य सबके सामने होगा। जिस हद तक गिर सकता है गिर जा, भगवान सब देख रहा है। एक ना एक दिन सब की सच्चाई दुनिया के सामने आएगी।

  • स्वाति मालीवाल आईं सामने - कहा BJP वालों से ख़ास गुज़ारिश है इस घटना पे राजनीति न करें

    मेरे साथ जो हुआ वो बहुत बुरा था। मेरे साथ हुई घटना पर मैंने पुलिस को अपना स्टेटमेंट दिया है। मुझे आशा है कि उचित कार्यवाही होगी। पिछले दिन मेरे लिए बहुत कठिन रहे हैं। जिन लोगों ने प्रार्थना की उनका धन्यवाद करती हूँ। जिन लोगों ने Character Assassination करने की कोशिश की, ये बोला की दूसरी पार्टी के इशारे पर कर रही है, भगवान उन्हें भी खुश रखे। देश में अहम चुनाव चल रहा है, स्वाति मालीवाल ज़रूरी नहीं है, देश के मुद्दे ज़रूरी हैं। BJP वालों से ख़ास गुज़ारिश है इस घटना पे राजनीति न करें।

     

  • उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दिया इस्तीफा
    छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा ने आज जिला पंचायत सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया - प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा ने कबीरधाम जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष सुशीला रामकुमार भट्ट को अपना इस्तीफा सौंप दिया |
  • पटना साहिब गुरुद्वारे में प्रधानमंत्री मोदी ने अरदास करने के साथ ही गुरुद्वारा में लंगर सेवा भी की

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को पटना साहिब गुरुद्वारे पहुंचे. पीएम मोदी की कई तस्वीरें सामने आईं, जिसमें वह अलग-अलग तरह से गुरुद्वारे की .. सेवाएं करते नजर आए. एक फोटो में प्रधानमंत्री गुरुद्वारे के बड़े से देग में बड़ी करछुल चलाते भी नजर आए.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को बिहार की राजधानी पटना के प्रसिद्ध हरिमंदिर साहिब गुरुद्वारे पहुंचे. उन्होंने गुरुद्वारे में पहुंचकर सेवा कार्य किय...रोटियां बेलीं, श्रद्धालुओं को खाना परोसा और वहां आने वाले लोगों से मुलाकात भी की

    पटना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पटना सिटी स्थित तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब पहुंचे और गुरु के दरबार में मत्था टेका. गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सिरोपा भेंटकर प्रधानमंत्री को सम्मानित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने अरदास करने के साथ ही गुरुद्वारा में लंगर सेवा भी की. गुरुद्वारे के किचन पहुंचकर वहां पीएम मोदी ने खाना भी पकाया और वहां के इंतजाम देखे. पीएम मोदी ने वहां रोटी भी बेले. पीएम मोदी ने खुद लंगर सेवा भी की और प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं आगंतुकों को खाना परोस कर खिलाया. यह अद्भुत ही प्रेरणादायक तस्वीर रही.

  • राजद्रोह के केस की प्रोसिडिंग पर रोक  - IPS जीपी सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत

     

    ब्लैकमेलिंग के केस में मिल चुकी है राहत

    रायपुर। छत्तीसगढ़ में आईपीएस जीपी सिंह को बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने जीपी सिंह पर लगाए गए राजद्रोह के केस की प्रोसिडिंग पर रोक लगा दी है। पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि, बाद में छत्तीसगढ़ के सस्पेंड अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह पर पुलिस ने राजद्रोह के तहत केस दर्ज किया था। 

    एक हप्ते पहले कैट ने बहाल करने के जारी किये आदेश 

     एक हप्ते पहले आईपीएस जीपी सिंह को कैट ने बड़ी राहत दी है। कैट ने चार हफ़्तों के भीतर जीपी सिंह से जुड़े सभी मामलों को निराकृत कर बहाल किए जाने का आदेश दिया है। जीपी सिंह 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्हें राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते साल जुलाई महीने में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी। 

     

     
  • जातीय जनगणना में हिंदू घटा, मुस्लिम बढ़ा वाली रिपोर्ट पर देश में मचा बवाल
    *Sukhbir Singhotra* हिंदू घटा - मुस्लिम बढ़ा जातीय जनगणना पर आई रिपोर्ट पर देश में बवाल मच गया है | उल्लेखनीय है कि 2011 के बाद अभी तक देश में जनगणना नहीं हुई और एन चुनावों के वक्त हिंदुओं और मुसलमान की जनसंख्या का विश्लेषण राजनीतिक गलियों में चर्चा का विषय बन गया है गरमा गरम बहस चल रही है पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गया है, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति द्वारा तैयार की गई यह रिपोर्ट संदेहों के दायरे में है अनेक लोगों का कहना है कि जब 2011 से जाति जनगणना हुई ही नहीं तो है रिपोर्ट कहां से आई, ऐसे में क्या माना जाए कि यह चुनाव में मतदान को प्रभावित करने वाली रिपोर्ट है या फिर इसके पीछे कोई और बड़ा एजेंडा है ? यहां यह बताना भी जरूरी है की हिंदुस्तान में इस रिपोर्ट के अनुसार मुसलमानों की जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है तो वही पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में हिंदुओं की जनसंख्या में अत्यंत गिरावट हो रही है और इसके बावजूद भारत के मुसलमान अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं परंतु किसी भी विपक्षी राजनीतिक दल के द्वारा कभी भी कोई ऐसा बयान नहीं आया कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ वहां की सरकार पर दबाव बनाने और अत्याचार रोकने के बारे में कहा हो | जबकि पूरी दुनिया में हिंदुस्तान ही एक ऐसा देश है जहां मुसलमान को पूरी स्वतंत्रता है | भारत में मुस्लिम हर क्षेत्र में सहभागिता के साथ भारत के संविधान के अनुसार बिना डर के, बिना दबाव के सभी शासकीय योजनाओं में बराबर की भागीदारी के साथ जीवन जी रहे हैं और हिंदुस्तान ही एक ऐसा देश है जहां बहुसंख्यक हिंदुओं के बीच मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित हैं इसके बावजूद भी भारत के कुछ मुसलमान राष्ट्र विरोधी बातें करते हैं, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान का समर्थन करते हैं , उन्हें भारत के संविधान के अनुसार बोलने की पूरी स्वतंत्रता है और वही दूसरी तरफ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में हिंदुओं की जनसंख्या में भारी गिरावट हो रही है, उन पर अत्याचार हो रहे हैं, उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जाता है, जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराया जाता है जो कि जग जाहिर है फिर भी दुनिया के राजनेता इस पर अपना मुंह खोलने को तैयार नहीं है | इस मामले में हिंदू राष्ट्र की बात करने वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बयान नहीं आया जबकि जिस तरह से वह खुलकर हिंदू राष्ट्र की बात कर रहे थे ऐसे समय में उनका बयान ना आना आश्चर्य का विषय है | ________________________ *DD News की खबर* भारत में घटी हिंदुओं की संख्या, लगभग 8 प्रतिशत की आई कमी आर्थिक सलाहकार परिषद की हालिया रिपोर्ट से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। दरअसल, रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में करीब 43% मुस्लिम आबादी बढ़ी है। 1951 से मुस्लिम आबादी करीब 43 प्रतिशत बढ़ गई रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 1951 से हिंदुओं की आबादी में लगभग 8 प्रतिशत की कमी आई है। जबकि इसी दौर में मुस्लिम आबादी करीब 43 प्रतिशत बढ़ गई है। ऐसे में बहुसंख्यकवाद के नेरेटिव पर इस रिपोर्टे ने पानी फेर दिया है। वहीं चुनावी मौसम में इस पर राजनीतिक बहस जारी है। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में भी हिंदू हो रहे विलुप्त दरअसल, भारत में अल्पसंख्यक के उत्पीड़न को लेकर अभी तक जितना नैरेटिव गढ़ा गया वो सब झूठ निकला है। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में देखा जा सकता है जहां हिंदू विलुप्त होते जा रहे हैं। यानी अल्पसंख्यक वहां पर विलुप्त हो रहे हैं। पाकिस्तान में 18 प्रतिशत हिंदू आबादी इस दौर में 1.18 प्रतिशत पाकिस्तान में 18 प्रतिशत हिंदू आबादी इस दौर में 1.18 प्रतिशत पर सिमट गई। बांग्लादेश की बात करें तो वहां 24 प्रतिशत हिंदू आबादी 8.2 प्रतिशत सिमट कर रह गई है जबकि इसी दौर में मुस्लिम आबादी काफी बढ़ी है। भारत में अल्पसंख्यकों को लेकर नहीं किया गया कभी भेदभाव यदि भारत की बात करें तो यहां अल्पसंख्यकों को लेकर कभी भेदभाव नहीं किया गया। इसकी पुष्टि ये आंकड़े भी कर रहे हैं। पीएम की इकोनॉमिक काउंसिल की स्टडी में 1950 में मुस्लिमों की आबादी 9.84 प्रतिशत थी जो 2015 तक 14.9 प्रतिशत हो चुकी है। प्रियंका गांधी का कहना है कि सवाल महंगाई और बेरोजगारी का है तो बात भी इसी पर होनी चाहिए। यानी वो इस मुद्दे पर बात नहीं करना चाहती। वहीं राहुल गांधी इकोनॉमिक सर्वे की बात करते हैं और जिसकी जितनी आबादी उतना हक का नारा देते हैं। उधर भाजपा नेता कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं कि ये लोग भारत को इस्लामिक स्टेट बनाना चाहते हैं। भारत के लिए वहीं कुछ नेता जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता पर जोर देते हैं। सीएए कानून के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान के पीड़ित अल्पसंख्यकों को जब नागरिकता दी जाती है तो वे इसका विरोध करते हैं और कहते हैं कि इसे लागू नहीं होने देंगे। जनता का बढ़ता घनत्व देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को करता है प्रभावित वहीं समान नागरिकता संहिता का भी विरोध किया जाता है। ऐसे में मुस्लिम को लेकर विक्टिम कार्ड आखिर क्यों खेला जाता है। आप रिपोर्ट के आंकड़ों में पाएंगे कि जनता का बढ़ता घनत्व देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रभावित करता है।
  • आपकी उम्र आराम करने की है, सेवा करने की नहीं : व्यंग
    *देश को डुबा और खुद तैर* *(व्यंग्य : विष्णु नागर)* -- मान लीजिए श्रीमान, इस बार जनता आपसे कहे कि आप कुछ महीने बाद 74 के होकर 75 वें वर्ष में प्रवेश करने वाले हैं, अब आपकी उम्र आराम करने की है, सेवा करने की नहीं, सेवा करवाने की है, तो क्या आप यह बात मान लेंगे? वैसे भी आपने पिछले दस वर्षों में एक भी दिन आराम नहीं किया है। आपका अधिकार और कर्तव्य भी है कि अब आप पूर्णरूप से आराम करें। स्वास्थ्य को खतरे में न डालें! -- मेरी ईश्वर जनता है। उसकी सेवा करना मेरा धर्म है। जनता भी कहेगी कि मैं आराम करूं, तो मैं मानूंगा नहीं। सेवा का पुण्य कमाऊंगा। सेवा है, तो मेवा है। मेरा विश्वास -- मेवा। मेरा संकल्प -- मेवा। मेरी अपने लिए गारंटी -- मेवा। केंद्र में मेवा, परिधि में मुख-सेवा। विपक्ष मुझे मेवे से वंचित करना चाहता है। मैं इस षड़यंत्र को अपने जीते जी सफल नहीं होने दूंगा। मैं मेवा खाकर रहूंगा। मेवा ही सत्य है, बाकी सब असत्य है। -- पर इस उम्र में आपको फल अधिक खाने चाहिए, मेवे नहीं। मेवे भारी होते हैं। उन्हें खाकर आपको अपच हो सकता है। -- अपच तो है मुझे। मेरे भाषण इसी अपच की सच्ची और खरी अभिव्यक्ति हैं। -- अच्छा, मूल बात पर आते हैं। चुनाव में जनता आपकी अभी तक की सभी कुसेवाओं-सेवाओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहे कि अब आप अवकाश लें, तब तो कोई रास्ता बचता नहीं। -- बचता क्यों नहीं है‌? जनता की बात सुनकर हमने आज तक कौन-सा निर्णय लिया है? केवल चार घंटे का समय देकर नोटबंदी मैंने जनता से पूछकर की थी? जनता की बात सुनकर मैंने कोरोना के समय लाकडाउन घोषित किया था? जनता ने कहा था कि किसानों का नहीं, कारपोरेट दुनिया के इन रईसों का कर्ज माफ करो? क्या जनता की मांग पर हमने अभूतपूर्व महंगाई बढ़ाई है, बेरोजगारी को प्रोत्साहित किया है? क्या यह जनता की हार्दिक इच्छा थी कि उसे सस्ता गैस सिलेंडर और पेट्रोल-डीजल नहीं चाहिए? क्या सेना में जाने की तैयारी करने वाले युवकों से पूछकर मैंने अग्निवीर योजना लागू की थी? एक भी उदाहरण देकर बताओ कि मैंने फलां काम जनता की मर्जी से किया? क्या बुलेट ट्रेन मैं जनता से पूछकर चलवा रहा हूं? क्या जनता ने कहा कि ये बड़ा-सा बंगला आपको फबता नहीं, आप तो अपने लिए महल बनवाओ? -- ये आप क्या उल्टी-सीधी बात कर रहे हैं? आप नेता हैं। अभी आप खुद भी जनता की सेवा की बात कर रहे थे और अब आप जनता के खिलाफ ही बोल रहे हैं! -- अरे जनता की सेवा की बात करना मेरा पेशा है। वैसे जनता कुछ होती नहीं। होती तो 15-15 लाख देने, हर साल दो करोड़ रोजगार देने, अच्छे दिन के मेरे झांसे में फंस जाती? और सुनो 2019 तक मैंने इनमें से एक भी बात पूरी नहीं की, तो क्या जनता ने मुझे इसकी सजा दी या और अच्छा पुरस्कार दिया? 2019 में 2014 से अधिक बहुमत देकर जिताया‌ या नहीं जिताया? ये है जनता की असलियत। जनता एक भ्रम है, एक माया है।जिताता-हराता तो पैसा है। जनता तो निमित्त मात्र है। -- मतलब हार गए, तो भी हटेंगे नहीं ? -- क्यों हटेंगे? बेवकूफ हैं क्या? क्या गद्दी छोड़कर झोला लेकर चल देंगे? इतने सीधे हैं हम, फकीर हैं क्या? हम मन की बात करते हैं, तो मन की बात ही सुनते ही हैं। -- मन क्या ये नहीं कह सकता कि चल बेटा,अब बहुत हुआ, अब तू घर बैठ‌। -- हमारा मन ऐसी बात कभी नहीं कह सकता। -- मगर जनता कहेगी कि .... -- फिर जनता? अरे जनता-जनता करने के अलावा आपको कुछ सूझता भी है? -- दो बार तो आपको जनता ने ही इस पद पर बैठाया? -- यह भी बहुत बड़ी गलतफहमी है। जनता ने नहीं, मेरे जुमलों ने, मेरे झूठ ने, मेरे हिंदू-मुसलमान ने और बड़े-बड़े सेठों के अरबों रुपए ने मुझे इस पद पर बैठाया। जनता की क्या हैसियत, जो मुझे जिताए या हराये? मुझे वोट ने नहीं, नोट ने जिताया है। आज भी नोट मेरे पास है, इसलिए वोट भी मेरे पास हैं। -- मतलब आप हटेंगे नहीं। जनता ने हटाया, तो आपके अटल जी हट गए थे। इंदिरा गांधी से लेकर मनमोहन सिंह तक सभी हट गए थे। -- मैं किसी का अनुयायी नहीं हूं। अपना अनुयायी मैं स्वयं हूं। -- तो किसके कहने से हटेंगे? -- किसी के कहने से नहीं,जनता के वोट से भी नहीं। -- आपके मालिक कहें। हटने को तो? -- अडानी- अंबानी कभी नहीं कहेंगे।वे जानते हैं, मैं उनका सबसे सच्चा और सबसे लाड़ला सेवक हूं। -- मान लो, मजबूर होकर उन्होंने भी कह दिया तो! -- तो मन की बात सुनूंगा। -- आपका मन क्या कह रहा है? -- हट मत। देश अभी पूरी तरह डूबा नहीं, तेरा कर्तव्य अभी पूरा हुआ नहीं। इसे इतनी अच्छी तरह डुबा, इतना गहरा डुबा कि अगले सौ साल तक यह देश उठ न सके।इतने झगड़े बढ़ा कि सब आपस में लड़ते रहें और तू मज़ा लेता रहे। गृहयुद्ध हो, तो होने दे। घबरा मत, डर मत। डुबा और डुबा। ये डुबेगा तो ही तू तैर सकेगा, किनारे लग सकेगा। *(व्यंग्यकार प्रसिद्ध साहित्यकार हैं और मध्यप्रदेश सरकार के शिखर सम्मान और साहित्य अकादमी के साहित्य सम्मान सहित विभिन्न सम्मानों से सम्मानित। नवभारत टाइम्स, दैनिक हिंदुस्तान, कादम्बिनी, नई दुनिया और शुक्रवार समाचार साप्ताहिक से जुड़े रहे। भारतीय प्रेस परिषद के पूर्व सदस्य। वर्तमान में स्वतंत्र लेखन।
  • राधिका खेड़ा पहुंच गई भाजपा के आंगन में

    आखिरकार राधिका खेड़ा ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम ही लिया जो पहले से तय था जिस दिन राधिका खेड़ा ने कांग्रेस से त्यागपत्र दिया था उसी दिन सीजी 24 ने लिख दिया था कि राधिका खेड़ा का जल्द ही भाजपा में प्रवेश की संभावना है| और तमाम आरोप प्रत्यारोप के बाद राधिका खेड़ा भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई और हो भी क्यों ना क्योंकि भारतीय जनता पार्टी रेड कारपेट बेचकर पहले से ही राधिका खेड़ा के आने का इंतजार कर रही थी | __________________________________ जिसकी संभावना थी वही हुआ कांग्रेस प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने आखिरकार कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे ही दिया |

     

    अब आगे इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि राधिका खेड़ा किसी भी समय भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकती हैं |

     

    राधिका खेड़ा ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे को पत्र लिखकर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया | कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि आदिकाल से यह स्थापित सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा है | हिर्नाकश्यप से लेकर रावण और कंस तक इसका उदाहरण है | वर्तमान में प्रभु श्री राम का नाम लेने वालों का कुछ लोग इसी तरह विरोध कर रहे हैं | हर हिंदू के लिए प्रभु श्री राम की जन्मस्थली पवित्रता के साथ बहुत मायने रखती है और रामलाल के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं | मैं जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज्यादा दिए वहां सुई से लेकर आईसीसी के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है क्योंकि मैं अयोध्या में रामलला के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई मेरे इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुंच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इनकार कर दिया गया मैं हमेशा ही दूसरों के न्याय के लिएहर मंच से लड़ाई लड़ी है किंतु जब स्वयं के न्याय की बात आई तो पार्टी में मैंने स्वयं को हारा हुआ पाया प्रभु श्री राम की भक्ति व एक महिला होने के नाते में बेहद आहत हूं बार-बार पार्टी के समस्त शीर्ष नेताओं को अवगत कराने के बाद भी जब मुझे न्याय नहीं मिला इससे आहत होकर मैं आज यह कदम उठाया है आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूं वह अपने पद से इस्तीफा दे रही हूं हां मैं लड़की हूं लड़ सकती हूं और वही अब मैं कर रही हूं अपने वेशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूंगी |

     

     

    आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूँ व अपने पद से इस्तीफ़ा दे रही हूँ।

    हाँ मैं लड़की हूँ और लड़ सकती हूँ, और वही अब मैं कर रहीं हूँ।

    अपने व देशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूँगी। pic.twitter.com/6hjgSDcXV0

    — Radhika Khera (@Radhika_Khera) May 5, 2024

     

     

  • राधिका खेड़ा का कांग्रेस से इस्तीफा, भाजपा प्रवेश की संभावना!

    जिसकी संभावना थी वही हुआ कांग्रेस प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने आखिरकार कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे ही दिया |

    अब आगे इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि राधिका खेड़ा किसी भी समय भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकती हैं |

     

    राधिका खेड़ा ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे को पत्र लिखकर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया | कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि आदिकाल से यह स्थापित सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा है | हिर्नाकश्यप से लेकर रावण और कंस तक इसका उदाहरण है | वर्तमान में प्रभु श्री राम का नाम लेने वालों का कुछ लोग इसी तरह विरोध कर रहे हैं | हर हिंदू के लिए प्रभु श्री राम की जन्मस्थली पवित्रता के साथ बहुत मायने रखती है और रामलाल के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं | मैं जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज्यादा दिए वहां सुई से लेकर आईसीसी के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है क्योंकि मैं अयोध्या में रामलला के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई मेरे इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुंच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इनकार कर दिया गया मैं हमेशा ही दूसरों के न्याय के लिएहर मंच से लड़ाई लड़ी है किंतु जब स्वयं के न्याय की बात आई तो पार्टी में मैंने स्वयं को हारा हुआ पाया प्रभु श्री राम की भक्ति व एक महिला होने के नाते में बेहद आहत हूं बार-बार पार्टी के समस्त शीर्ष नेताओं को अवगत कराने के बाद भी जब मुझे न्याय नहीं मिला इससे आहत होकर मैं आज यह कदम उठाया है आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूं वह अपने पद से इस्तीफा दे रही हूं हां मैं लड़की हूं लड़ सकती हूं और वही अब मैं कर रही हूं अपने वेशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूंगी |

     

     

    आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूँ व अपने पद से इस्तीफ़ा दे रही हूँ।

    हाँ मैं लड़की हूँ और लड़ सकती हूँ, और वही अब मैं कर रहीं हूँ।

    अपने व देशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूँगी। pic.twitter.com/6hjgSDcXV0

    — Radhika Khera (@Radhika_Khera) May 5, 2024

     

     

  • बृजमोहन के झलकी जमीन मामले का जिन्न फिर आया बाहर : कोर्ट के आदेश से रजिस्ट्री हुई शून्य
    *बृजमोहन की पत्नी ने झलकी में जल संसाधन विभाग की जमीन गलत तरीके से कब्जा कर रिसॉर्ट बनाया* *कोर्ट ने उनकी जमीनों को रजिस्ट्री शून्य घोषित किया* प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि ऽ महासमुंद जिला न्यायालय के 23 अप्रैल के फैसले से यह साफ हो गया कि भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल महासमुंद के तुमगांव के ग्राम झलकी में जलाशय की जमीन को गलत तरीके से खरीदकर कब्जा किया था। ऽ 1994 में ग्राम झलकी में किसान ईश्वर प्रसाद ने अपना खं. नं. 117 रकबा 4.124 हेक्टेयर दान में भूमि जल संसाधन विभाग को जलाशय बनाने रजिस्ट्रीकृत दान पत्र के द्वारा दिया। ऽ जल संसाधन विभाग ने राजस्व प्रपत्र में नामांतरण नही करा पायी। ऽ बृजमोहन अग्रवाल राज्य में जब जल संसाधन मंत्री थे। उन्होंने पद और गोपनीयता की शपथ ली थीं। ऽ बृजमोहन अग्रवाल ने ग्राम झलकी जिला तुमगांव महासमुंद, रिसोर्ट निजी भूमि खरीदकर बनाया। उस समय वह चूकि मंत्री थे तब उन्हे जानकारी थी कि अगल-बगल की जमीन जल संसाधन विभाग की है और जल संसाधन विभाग ने सरकारी खर्च कर जलाशय 15 एकड़ से ज्यादा भूमि में बनी हुयी है। ऽ तब बृजमोहन अग्रवाल पूर्व जल संसाधन मंत्री ने यह जानते हुये कि ईश्वर प्रसाद के दान देने के बाद जमीन के मालिक ईश्वर प्रसाद उनके वारिसान नहीं है। ऽ इस बात की जानकारी रखते हुये ईश्वर प्रसाद के मृत्यु के पश्चात उनके पुत्रों विष्णु, किशुन, कृष्ण लाल साहू के नाम राजस्व रिकार्ड में खं. नं. 117 रकबा 4.124 हेक्टेयर भूमि चढ़ाकर अपनी पत्नी सरिता अग्रवाल के खरीद लिया और शासकीय भूमि में कब्जा कर लिया। ऽ जिला न्यायालय में यह मामला राज्य शासन की तरफ से दायर किया गया। उसमें जल संसाधन विरूद्ध विष्णु किशुन, कृष्णपाल एवं सरिता अग्रवाल पति बृजमोहन अग्रवाल के प्रकरण में 23 अप्रैल 2024 को फैसला सुनाते हुये यह आदेश दिया। ऽ प्रतिवादी 1 से 3 द्वारा श्रीमती सरिता अग्रवाल पति बृजमोहन अग्रवाल के पक्ष के निष्पादित पंजीकृत विक्रय पत्र 17.07.2009 को प्रारंभ से शून्य घोषित किया जाता है। ऽ श्रीमती सरिता अग्रवाल पति बृजमोहन अग्रवाल को भूमि का रिक्त आधिपत्य राज्य शासन को दो माह में सौंपने का आदेश दिया जाता है। ऽ कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि इस मामले रजिस्ट्री शून्य घोषित होने के बाद इसमे संलिप्त क्रेता ओर विक्रेता के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया जाये।
  • भाजपा में जिन सांसदों का टिकट कटा, भाजपा की नजर में वो नकारा और निकम्मे थे
    जिन सांसदों का टिकट भाजपा ने काटा, वो भाजपा की नज़र में नकारा और निकम्मे थे - कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा का रायपुर से बयान
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