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सरकार द्वारा वसूली के लिये व्यवसायियों को धमकाया जा रहा है - दीपक बैज 17-May-2024

पांच माह की भाजपा सरकार वसूली के लिये व्यापारियों को धमका रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा राज के पांच माह में ही अवैध वसूली से व्यापार और उद्योग जगत के लोग परेशान हो गये है। बिल्डर, जमीन व्यापारी, राईस मिलर, छोटे-बड़े व्यवसायी सभी भाजपा सरकार की भयादोहन वाली नीति से परेशान हो गये है। कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला ‘‘रियल स्टेट सेक्टर’ भाजपा सरकार की वूसली वाली नीति के कारण छत्तीसगढ़ में बर्बाद होना शुरू हो गया है। छोटे-छोटे जमीन कारोबारियों को धमका कर वसूली किया जा रहा है, जो व्यापारी चढ़ावा देने में असमर्थ है उसके जमीनो का खसरा लॉक करवाया जा रहा है ताकि खरीदी-बिक्री रोक दिया जाये। वर्षो पहले जो लोग प्लाट खरीद चुके है उनके डीपीसी को वाऊन्ड्री वॉल को तोड़ने बुलडोजर भेजा जा रहा है। ऐसा इसलिये किया जा रहा ताकि भयादोहन किया जा सके और भाजपा से जुड़े लोग ही भूमि का व्यापार अनाप-शनाप भाव में कर सके।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पांच महीने में व्यापारियों को धमकाने, जीएसटी के छापे मरवाये जा रहे उनसे सेटलमेंट के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। छोटे-छोटे व्यापारियों तक के यहां जीएसटी के छापे मार कर परेशान किया जा रहा है। राज्य का व्यापारिक माहौल खराब हो चुका है। प्रदेश में व्यापारी व्यवसाय करने निवेश करने में डर रहे है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि राईस मिलरो को प्रोत्साहन राशि देनेके पूर्ववर्ती सरकार के निर्णय पर सवाल खड़ा करने वाली भाजपा के राज में मिलरों से प्रोत्साहन राशि के बदले 30 रू. प्रति टन की वसूली हो रही है। जानकार और भुक्तभोगी यह बताते है कि नान में चावल नहीं जमा करने पर प्रति क्विंटल 2700 रू. लेकर जमा की रसीद दे दी जाती है। संगठित रूप से वसूली का पूरा गिरोह सरकार के द्वारा चलाया जा रहा है। इस मामले की जांच में ईडी और ईओडब्ल्यू क्यों नहीं करती है?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार की वसूली वाली नीति के कारण राज्य में पांच महीने में रेत के दाम तीन गुना तक बढ़ गये है। 7000 रू प्रति हाईवा आने वाली रेत 21000 से 24000 रू. हाईवा आ रही है। सीमेंट के दाम भी विष्णु भोग के कारण 30 से 50 रू. बढ़ गये है। पांच महीने में ही सरकार का भ्रष्टाचार सड़कों पर दिखने लगा है। ट्रक वाले ट्रांसपोर्टर वसूली से परेशान है। दूसरे राज्यों से आने वाली माल वाहन छत्तीसगढ़ समान लाने का अतिरिक्त भाड़ा इसलिये ज्यादा मांगती है क्योंकि छत्तीसगढ़ में आरटीओ का खर्चा बहुत ज्यादा है। राज्य में सरकार नहीं वसूली का पूरा गिरोह चल रहा है।


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