Rajdhani
खेतों में अच्छी फसल के लिए दो बार करना चाहिए दवाईयों का छीड़काव 00 5200 खर्च कर किसान कमा सकते हैं 12 हजार 18-May-2024

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ में मुख्यत: खरीफ के मौसम में धान, सोयाबीन, उड़द एवं अरहर की मुख्य फसलें और रबी मौसम में चना एवं तिवड़ा का उत्पादन लिया जाता है। लेकिन हमेशा देखा जाता है कि दवाईयों का सही छीड़काव नहीं होने के कारण वे फसल के नुकसान से ज्यादा चिंतित रहते है। किसानों की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए सवाना सीड्स और एडमा इंडिया ने फुलपेज राइस क्रॉपिंग सॉल्यूशन की सौगात दी हैं जिसके इस्तेमाल से किसान 5200 रुपये खर्च कर 12 हजार रुपये कमा सकते हैं। इसके लिए किसानों को अपने खेतों में अच्छी फसल के लिए दो बार दवाईयों का छिड़काव करना चाहिए। पहली बार 15 से 20 और दूसरी बार 35 से 40 दिनों में इससे किसानों को रोपाई करने की समस्या नहीं होगी। लागत में प्रति एकड़ 6000 रुपये तक होगी बचतख् धान की पैदावार में 25-40 प्रतिशत तक की वृद्धि होगी साथ ही ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 25-30 प्रतिशत की कमी आएगी। 
फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया के अजय राणा ने इसके दूरगामी परिणामों पर चर्चा करते हुए कहा कि बेमेतरा में क्षेत्र के एक हजार से अधिक स्थानीय किसानों की उपस्थिति में फुलपेज राइस क्रॉपिंग सॉल्यूशन को लॉन्च किया जो धान की खेती की यह नई तकनीक किसानों के लिए कई मायनों में काफी लाभकारी है। फुलपेज राइस क्रॉपिंग सॉल्यूशन किसानों को खेती की लागत में प्रति एकड़ 6000 रुपये तक बचाएगा और पैदावार 25-40 प्रतिशज तक बढ़ाएगा। इससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में भी 25-30त्न की कमी आएगी। यह राज्य में 60 लाख हेक्टेयर से भी अधिक जमीन पर धान की सीधी बुआई या धान की रोपाई के लिए डीएसआर विधि का उपयोग करने वाले किसानों के लिए एक वरदान है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के किसान हमेशा वीडी की समस्या की ज्यादा परेशान रहते हैं, क्योंकि वे अपने खेतों में समय-समय पर दवाईयों का छिड़काव करते हैं, मौसम के अनुसार पानी डालते हैं, मजदूरों को बुलाकर खेतों में काम करवाते हैं फसल लेने के बाद रोपाई भी कराते हैं, फिर भी इतनी मात्रा में फसल नहीं होता हैं जितना वे चाहते हैं। किसानों की इन्हीं परेशानियों को लेकर पिछले पांच सालों से सवाना सीड्स की टीम छत्तीसगढ़ में किसानों के बीच रहकर उनकी समस्याओं को जाना और उसके बाद वैज्ञानिकों की मदद से फुलपेज राइस क्रॉपिंग सॉल्यूशन का निर्माण किया जिसके इस्तेमाल से किसान अच्छे  फसल का उत्पादन कर सकते हैं। चूंकि अभी अधिकांश किसान गेहूं का फसल बोए हुए हैं और हमेशा देखा जाता हैं कि फसल उगने के बाद गेहूं एक तरफ झूक जाता हैं लेकिन फुलपेज राइस क्रॉपिंग सॉल्यूशन के इस्तेमाल से यह झूकेगा नहीं बल्कि ऊपर की ओर उठता ही चला जाएगा और किसान को इसे काटने में कठिनाई भी नहीं होगी। 
किसानों को इस दौरान बताया कि स्मार्टराइस जेनेटिक्स और स्क्वाड बीज उपचार को समाहित करते हुए, फुलपेज राइस क्रॉपिंग सॉल्यूशन को सीधी बुआई वाले चावल (डीएसआर) के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। इसमें अद्वितीय आईएमआईहर्बिसाइड टॉलरेंस विशेषता और एडमा के वेजिर हर्बिसाइड की विशेषताओं को संयुक्त रूप से एक साथ शामिल किया गया है। धान की एक व्यापक फसलप्रणाली के रूप में, फुलपेज भारत में धान की खेती को एक नया लाभकारी स्वरूप प्रदान करने के लिए तैयार है।



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