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  • *online ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने पुलिस तत्पर - रहें सावधान*
    *सतर्कता जरूरी - रहें सावधान* *सायबर - ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने पुलिस की तत्परता* *साइबर क्राइम हेल्पलाईन नंबर 1930 सें मिल रही है सफलता* साइबर क्राइम हेल्पलाईन नंबर 1930 के माध्यम से पीड़ितो को दी जाने वाली सहायता को और बेहतर बनाने की दृष्टि से पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा के मार्गदर्शन पर इस व्यवस्था को डायल 112 कंट्रोल रूम में शिफ्ट कर दिया गया है। इस व्यवस्था का बेहतर परिणाम सामने आ रहा है। जानकारी के अनुसार 1930 हेल्पलाईन टीम द्वारा 10 दिनो में लगभग 4 लाख रूपये बचाये गये है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ( तकनीकी सेवा) कवि गुप्ता ने बताया कि विगत डेढ़ वर्षों में इस व्यवस्था के माध्यम से 4 करोड़ से ज्यादा राशि होल्ड करवायी जा चुकी है। *कैसे काम करती है सिटीजन फाइनैंशल फ्रॉड रिर्पोटिंग सिस्टम* पीड़ितों हेतु साइबर क्राइम पोर्टल पर सिटीजन फाइनेंसियल फ्रॉड रिर्पोटिंग सिस्टम नामक प्लेटफार्म उपलब्ध है जिसमें पुलिस के साथ-साथ सभी बैंक मर्चेंट एवं वॉलेट कंपनियों के नोडल अधिकारी भी जुड़े रहते हैं। जैसे ही कोई साइबर फाइनेंसियल फ्रॉड की शिकायत पोर्टल पर दर्ज की जाती है, इसकी सूचना सबसे पहले उस बैंक के नोडल अधिकारी के पास पहुंचती है जिस बैंक का खाता धारक प्रार्थी है। नोडल अधिकारी पोर्टल के माध्यम से जिस बैंक के खाताधारक को राशि क्रेडिट हुई है उसे सूचित करता है। यदि सूचित किए गए दूसरे बैंक के आरोपी खाताधारक के खाते में धनराशि उपलब्ध है तो वह होल्ड हो जाती है, और यदि दूसरे बैंक से भी धनराशि किसी तीसरे बैंक को ट्रांसफर हो गई है तो इस संबंध में दूसरे बैंक के नोडल अधिकारी द्वारा तीसरे बैंक के नोडल अधिकारी को सूचित कर दिया जाता है। यह सिलसिला तब तक चलता है जब तक ऐसा खाताधारक नहीं प्राप्त हो जाता है जिसके खाते में धनराशि विद्यमान हो। यदि आरोपी द्वारा एटीएम से पैसे का आहरण कर लिया जाता है, तो पैसा होल्ड नहीं हो पाता है और इस संबंध में बैंक द्वारा पुलिस को सूचित कर दिया जाता है। *अतः यह आवश्यक है कि साइबर ठगी के शिकार व्यक्ति द्वारा जल्द से जल्द शिकायत दर्ज करवाई जाए।* साइबर फाइनेंसियल फ्रॉड का शिकार व्यक्ति स्वयं, साइबर क्राईम हेल्पलाईन नंबर 1930 या नजदीकी थाना के माध्यम से साइबर क्राईम पोर्टल में सिटिजन फाइनेंसियल फ्रॉड रिपोर्टिंग सिस्टम के तहत शिकायत दर्ज कर सकता है। बढ़ते हुए साइबर अपराध संबंधित शिकायतों को देखते हुए साइबर क्राईम हेल्पलाईन नंबर की सेवा चौबीसों घंटे सातों दिन प्रदान की जा रही है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवा) प्रदीप गुप्ता ने 1930 टीम को उनके मेहनत एवं लगन की प्रशंसा करते हुए कहा कि भविष्य में इस नई प्रणाली का और विस्तार किया जायेगा ताकि साइबर अपराध से पीड़ित लोगो की त्वरित एवं प्रभावी सहायता प्रदान की जा सके। प्रदीप गुप्ता ने साइबर फायनेंसियल क्राईम के मामलों में लोगों से तुरंत शिकायत दर्ज करने हेतु अपील करते हुए कहा कि इससे समय रहते पीड़ित को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकें। CG 24 News-Singhotra
  • जोशीमठ संकट - घरों में दरार मामला - मुआवजा देने में पीछे क्यों हट रही है सरकार?*
    *जोशीमठ संकट - घरों में दरार मामला* *मुआवजा देने में पीछे क्यों हट रही है सरकार?* *यह प्राकृतिक आपदा नहीं - शासकीय, सरकारी आपदा है* *विदेशों को सहायता करने वाला हिंदुस्तान अपने नागरिकों को पर्याप्त मुआवजा देने से पीछे क्यों हट रहा - बड़ा सवाल?* यहां यह उल्लेख करना अति आवश्यक है कि भारत सरकार द्वारा करीना काल में 48 देशों को निशुल्क कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराई गई थी, परंतु जब भारत में आपदा आती है तो भारत के नागरिकों के लिए सरकारी खजाने में कमी क्यों हो जाती है ?* जोशीमठ में लगभग अधिकांश घरों दुकानों में दरार आने के बाद मकान और दुकान गिरने के संकट से जोशीमठ दहशत में है वहां के नागरिक अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं क्योंकि उनके ऊपर जो विपदा आपदा आई है वह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है वह सरकार चाहे व केंद्र सरकार हो जाए राज्य सरकार या पर्यटन विभाग पर्यटन की दृष्टि से विकास के लिए किए जा रहे विकास में अधिकारियों ठेकेदारों और संबंधित विकास एजेंसियों की नाकारा हरकतों और भ्रष्टाचार का भुगतान जोशीमठ वासियों को करना पड़ रहा है मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एनटीपीसी द्वारा टनल और अन्य विकास कार्यों के दौरान किए जा रहे बारूदी विस्फोट के कारण पूरा जोशीमठ हिल गया मकान दुकान होटल सब गिरने की कगार पर हैं और इन सब के लिए अगर जिम्मेदार माना जाए तो केंद्र एवं राज्य सरकार ही हैं | अरबों खरबों के प्रोजेक्ट में इंजीनियर और आर्किटेक्ट की लापरवाही और कमाई में बंदरबांट का भुगतान जोशीमठ के नागरिकों को करना पड़ रहा है इन सब के बावजूद केंद्र एवं राज्य सरकार जोशीमठ के पीड़ित नागरिकों को पर्याप्त मुआवजा देने में आनाकानी कर रही है देखा जाए तो राज्य एवं केंद्र सरकार को पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हुए पीड़ितों को विकास के लिए भू अर्जन करने के नियमों के तहत 4 गुना मुआवजा देकर उन्हें किसी अन्य जगह व्यवस्था पित्त करना चाहिए परंतु देखने में आ रहा है कि वहां का शासन प्रशासन और केंद्र सरकार उन्हें अस्थाई आवासों में जगह उपलब्ध करा रही है उनके रहने खाने और व्यवसाय की चिंता सरकार नहीं कर रही है उनके लाखों करोड़ों के मकान को ध्वस्त करने के एवज में राशि उपलब्ध कराने कोई लिखित आश्वासन भी नहीं दे रही है | राज्य एवं केंद्र सरकार के रवैए से नाराज वहां के पीड़ित नागरिक बच्चे महिलाएं युवा बुजुर्ग सड़कों पर आंदोलन करने बाध्य हो गए हैं | पीड़ितों की एक ही मांग है कि उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए वह भी लिखित में और उन्हें कहीं उचित जगह पर व्यवस्थापन उपलब्ध कराया जाए | अब देखने वाली बात यह है कि शासन प्रशासन और केंद्र का व्यवहार परिवर्तित होता भी है या नहीं या उन्हें अपने हाल पर जीने मरने के लिए छोड़ दिया जाता है | *सुखबीर सिंघोत्रा - जर्नलिस्ट* 9301094242
  • छत्तीसगढ़ का पहल कलर डॉप्लर रडार स्टेशन - - आँधी, तूफान, सूखा की तुरंत देगा जानकारी
    छत्तीसगढ़ में आँधी, तूफान, सूखा ये बारिश की पहले से ज्यादा सटीक भविष्यवाणी सच होगी | इंदिरागाँधी कृषि विश्वविद्यालय में छत्तीसगढ़ का पहल कलर डॉप्लर रडार स्टेशन लगने जा रहा है |इसकी घोषणा पहले ही हो चुकी थी, आज केंद्रीय मौसम विज्ञान के अधिकारी और इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यलय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर संपन्न हो गए. इसी के साथ आईजीकेवी के मौसम विज्ञान केंद्र परिसर में ही रडार टॉवर लगने का काम शुरू हो जाएगा. 31 मार्च 2023 से पहले टॉवर लगाने का काम पूरा हो जाएगा. केंद्रीय मौसम विज्ञान विभाग के मौसम वैज्ञानिक एम एल साहू ने बताया कि टॉवर 500 किलोमीटर के क्षेत्र में मौसम की भविष्यवाणी हो सकेगी. जिसमें से 250 किलोमीटर की परिधि के भीतर ब्लॉक स्तर तक की भविष्यवाणी काफी सटीक होगी. यानि, फिर किसानों को पहले से बता दिया जाएगा कि किस किस ब्लॉक में कब बारिश होगी, कब आंधी तूफान आएगा, या कब बिजली गिरने का खतरा है. अब तक प्रदेश में मौसम की भविष्यवाणी भुवनेश्वर और नागपुर में लगे रडार से होता था, इसलिए भविष्यवाणी भी जिला स्तर पर होती थी, और सटीकता भी उतनी नहीं होती थी. राजधानी में कलर डॉप्लर रडार लगाने की कोशिश 10 सालों से की जा रही थी. पहले ये माना में लगना था, लेकिन एयरपोर्ट होने के चलते टॉवर की उंचाई बाधा बन गई. फाइनली, इसे आईजीकेवी में लगाया गया है. CG 24 News-Singhotra
  • *सरदारों के 12 बज गए क्यों कहा जाता है ? हर किसी के लिए यह जानना जरूरी है*
    *हर किसी को यह जानना जरूरी है* *सिखों को अर्थात सरदारों के 12 बज गए क्यों कहा जाता है ?* *सिक्ख सेवा की ऐसी मिसाल जिसे पूरा विश्व देता है सम्मान* *जब रात के 12 बजते थे तब मुगलों से हिंदुस्तान की बहू-बेटियों की आबरू की रक्षा करते थे सरदार* अत्याचारी मुगल शासक अहमद शाह अब्दाली हिंदू लड़कियों और महिलाओं को घरों से उठाकर बेचने के लिए गजनी के बाजार में ले जाता था। अब्दाली के आतंक से बचने के लिए महिलाओं ने सिक्खों के समक्ष गुहार लगाई। इसके बाद सिक्ख जरनैल बाबा जस्सा सिंह अहलूवालिया ने रात को 12 बजे एक विशेष अभियान के तहत अटैक किया और 2200 लड़कियों और महिलाओं को जालिमों के अत्याचार से बचाया। न सिर्फ उनकी इज्जत और आबरू बचाई वरन उनके घरों तक छोड़ कर आए थे। इसके बाद सिक्ख जरनैल हर रात 12 बजे ही अत्याचार के खिलाफ अभियान चलाते थे। इसी अभियान का मुगलों में डर पैदा हो गया था। कहते थे कि 12 बज गए हैं, सावधान हो जाओ, सरदार आ जाएंगे | जब सिक्खों के 12 बजते थे तब हिंदुस्तान की बहू-बेटियों की रक्षा होती थी। सरदारों ने हमेशा चढदीकलां और पंथ की भलाई के लिए काम किया है। सिक्खों का धर्म की रक्षा और शहीदियों का लंबा इतिहास रहा है। सिक्खों की सेवा करने के जज्बे की आज पूरा विश्व प्रशंसा करता है। हिंदू बहू बेटियों की आबरू और जान की रक्षा करने वाले सिक्ख - सरदारों के साथ 12 बज गए, 12 बजने वाले हैं, सरदारों के 12 बजते हैं, 12 बजे सरदारों का दिमाग खराब हो जाता है कहने वालों - 12 बजे के समय को लेकर सरदारों के विरुद्ध चुटकुले बनाने वालों को सिक्ख इतिहास पढ़ लेना चाहिए | उन्हें अपने पूर्वजों के इतिहास और समस्याओं के बारे में भी पता करना चाहिए | ताकि वे कभी भी सरदारों के खिलाफ अपशब्द,अभद्र, धर्म विरुद्ध कोई टिप्पणी ना करें साथ ही देश के सभी हिंदू जान सकें की सिक्ख गुरुओं ने किस तरह बलिदान देकर हिंदू धर्म की रक्षा की है| ( सुखबीर सिंह सिंघोत्रा )
  • विधानसभा में सिख समाज के संबंध में की गई विवादित टिप्पणी एवं उच्चारण : समाज आक्रोशित
    विधानसभा में अजय चंद्राकर एवं मंत्री शिव डहरिया द्वारा सिख समाज के संबंध में की गई विवादित टिप्पणी एवं विवादित उच्चारण से नाराज सिख समाज ने विरोध स्वरूप विधायक अजय चंद्राकर एवं मंत्री शिव डहरिया के बंगले का घेराव करते हुए नारेबाजी की | सिख समाज की भावनाओं का आदर करते हुए पूर्व मंत्री एवं विधायक अजय चंद्राकर सहित मंत्री शिव डहरिया ने बंगले से बाहर आकर अपने शब्दों के लिए खेद प्रकट करते हुए लिखित माफी मांगी |cg 24news पूर्व मंत्री एवं विधायक अजय चंद्राकर ने सिख समाज के लोगों से प्रत्यक्ष मिलकर उनके विरोध को जायज बताते हुए अपनी गलती स्वीकार की | अजय चंद्राकर के बंगले से सिख समाज के आक्रोशित लोगों ने मंत्री शिव डहरिया के बंगले का रुख किया, भारी मात्रा में एकत्रित सिख युवाओं ने मंत्री बंगले के गेट के सामने जमीन पर बैठकर नारेबाजी करते हुए कहा कि मंत्री शिव डहरिया बंगले से बाहर आए और समाज से माफी मांगे | सूचना मिलते ही सिविल लाइन एवं तेलीबांधा पुलिस मंत्री बंगले पहुंच गई | पुलिस टीम ने सुरक्षा की दृष्टि से मोर्चा संभाला और सिख समाज के प्रदर्शनकारियों से चर्चा कर शांति व्यवस्था बनाए रखने का निवेदन किया | सिख समाज द्वारा प्रदर्शन किए जाने की सूचना प्राप्त होते ही विधायक कुलदीप जुनेजा भी मंत्री शिव डहरिया के बंगले पहुंचे और उन्होंने सिख समाज के आक्रोशित युवाओं से चर्चा की तथा सिख समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए वे स्वयं मंत्री शिव डहरिया को बंगले से बाहर लेकर आए | मंत्री शिव डहरिया ने बंगले से बाहर आकर समाज के आक्रोशित लोगों से चर्चा की | समाज के आक्रोश को देखते हुए उन्होंने विधानसभा में अपने द्वारा कहे गए शब्दों पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि मैंने विधायक अजय चंद्राकर के द्वारा असम्मानित उच्चारण के विरोध में अपनी बात रखी थी, परंतु फिर भी यदि समाज को किसी तरह की कोई ठेस पहुंची है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं और अपने कहे गए शब्दों के लिए माफी मांगता हूं | समाज की मांग पर उन्होंने लिखित पत्र भी दिया |
  •  'वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह' का नारा दिया था.

    स्वर्ण मंदिर पहुंचे श्रद्धालु

    गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में पवित्र डुबकी लगाकर अरदास की. काफी श्रद्धालु स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकते हुए दिखाई दिए. नानकशाही कैलेंडर के अनुसार, हर साल पौष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह की जयंती बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है.

    गुरु गोबिंद सिंह का जन्म अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, 22 दिसंबर 1666 को हुआ था. 7 अक्टूबर 1708 को मुगलों से युद्ध के दौरान उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था. श्री हजूर साहिब गुरु गोबिंद सिंह का शहीद स्थल है. जो महाराष्ट्र के नांदेड़ में है. 

    खालसा पंथ की स्थापना

    गुरु गोबिंद सिंह ने ही खालसा पंथ की स्थापना की थी. इसके बाद सिख धर्म में पांच ककार यानी केश, कंगन, कृपाण, कंघा और कच्छा अनिवार्य कर दिया गया था. गुरु गोबिंद सिंह ने अपने बाद गुरु परंपरा को समाप्त कर दिया था. उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को स्थायी गुरु घोषित किया था. गुरु गोबिंद सिंह ने 'वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह' का नारा दिया था. 

  • टी एस सिंहदेव और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच का कुर्सी विवाद एक बार फिर आया सामने
    छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच का कुर्सी विवाद एक बार फिर सामने आ गया है स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि वे अपने भविष्य के प्रति चुनाव से पहले निर्णय लेंगे यह बयान एक प्रकार से उनकी पीड़ा व्यक्त करता है, मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए अढ़ाई अढ़ाई साल के फार्मूले की अवहेलना होने से पहले ही व्यथित एवं नाराज हैं अब प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं हो सकता है कि वह अपने आप को मुख्यमंत्री कैंडिडेट घोषित करवाने का प्रयास करें |
  • गुरु गोबिंद सिंह जी की जंयती पर विशाल शोभा यात्रा 17 दिसंबर को
    17 दिसंबर को गुरु गोबिंद सिंह जी की जंयती पर निकलेगी शोभा यात्रा गुरुव्दारा गुरुनानक नगर शुरु से पंडरी गुरुव्दारा तक जाएगी, गुरु के लंगर की भी व्यवस्था रायपुर, 14 दिसंबर 2022/ सिक्खों के 10वें गुरु साहिब श्री गुरुगोविन्द सिंह जी के जन्म दिवस गुरुपर्व के पहले गुरुव्दारा प्रबंधक कमेटी गुरुनानक नगर रायपुर व्दारा शनिवार 17 दिसंबर 2022 दोपहर 2.30 बजे से एक शोभा यात्रा निकाली जाएगी। शोभा यात्रा गुरुव्दारा गुरुनानक नगर रायपुर से दोपहर 2.30 बजे प्रारंभ हो कर तेलीबांधा चौक, जीई रोड से कैनाल रोड होते हुए रात 8.30 बजे तक गुरुव्दारा गुरुगोविन्द नगर, पंडरी गुरुव्दारा में समाप्त होगी। गुरुव्दारा गुरुनानक नगर, रायपुर की प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार प्रितपाल सिंह चंडोक, सरदार जे.एस. भाटिया, सरदार जी.एस. बॉम्बरा, सरदार जीत सिंह खनूजा, गुरुव्दारा स्टेशन रोड, गुरुव्दारा टाटीबंध, गुरुव्दारा महावीर नगर, गुरुव्दारा गोविन्द नगर पंडरी, गुरुव्दारा हीरापुर, गुरुव्दारा देवपुरी के प्रतिनिधि दशमेश सेवा सोसायटी, छत्तीसगढ़ सिक्ख कौंसिल, बाबा दीप सिंह सेवा दल, छत्तीसगढ़ सिक्ख संगत तथा छत्तीसगढ़ सिक्ख ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसियेशन, रायपुर के पदाधिकारियों ने सभी समाज के लोगों से इस शोभा यात्रा में शामिल होने की अपील की है। शोभा यात्रा में सबसे आगे के वाहन में विशाल नगाड़ा होगा, जिसे रंजीत नगाड़ा कहा जाता है, उसके पीछे 5 सिंघ घुड़सवार होगें। इसी क्रम में पंजाब का पाईप बैंड, दिल्ली की गतका टीम व्दारा शौर्य प्रदर्शन किया जाएगा, गतका टीम के प्रदर्शन के लिए अनेक प्रमुख स्थानों पर स्टेज भी बनाया गया है । इसके बाद पानी के ट्रैंकर और सफाई सेवादारों व्दारा गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी के रास्तों की सफाई करेगी। इसमें नगर पालिक निगम रायपुर की सहायता ली जाएगी। इसी क्रम में 5 निशान साहिब व पंज प्यारे होगें। इसके बाद श्री गुरुग्रंथ साहिब जी के पालकी की सवारी होगी। लोग पालकी साहिब को नमन कर अथवा माथा टेक कर प्रसाद ले सकेगें। इसके बाद विभिन्न गुरुव्दारों के कीर्तन के जत्थे शामिल होगें। शोभा यात्रा के पूरे रास्ते में लाऊडस्पीकर से निरन्तर कीर्तन और शोभा यात्रा का ग्रैंड चैनल टेलिविजन व्दारा सीधा प्रसारण की व्यवस्था की गई है। शोभा मार्ग में विभिन्न श्रध्दालुओं व्दारा जगह जगह पर नाश्ता, चाय भंडारे की व्यवस्था की जाएगी। शोभा यात्रा में ट्रैफिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ सिक्ख सेवादार और वालिंटियर रहेगें। शोभा यात्रा की समाप्ति पर गुरुव्दारा गोविन्द नगर पंडरी में होगी जहां गुरु का लंगर प्रसाद के रुप में सभी संगत को परोसा जाएगा। उल्लेखनीय है कि सिक्खों को दसवें गुरु साहिब श्री गुरु गोविन्द सिंह जी के पिता श्री गुरु तेगबहादुर ने कश्मीरी हिन्दुओं की रक्षा के लिए अपनी शहादत दी थी। पिता की शहादत के बाद श्री गुरु गोविन्द सिंह जी ने सिक्ख धर्म के दसवें गुरु बनें। सन् 1699 में गुरु गोविन्द सिंह जी ने मुगल अत्याचारी राजाओं के लड़ने के लिए खालसा पंथ की स्थापना की। वे एक दार्शनिक, कवि और महान योध्दा भी थे। उनके चारों बेटों ने इस्लाम कुबूल नहीं करने के कारण अपनी कुर्बानी दी। उनके दो युवा पुत्र युद्ध में शहीद हो गए और दो पुत्रों को अत्याचारी मुगल राजा ने ईंट की दीवारों में चिनवा दिया था।
  • ED मामला :सौम्या चौरसिया को नहीं मिली जमानत, भेजी गई जेल
    सौम्या चौरसिया के बाहर रहने से सबूतों और गवाहों को प्रभावित करने की आशंका बढ़ जाएगी - ED सौम्या चौरसिया को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा...अब 19 दिसम्बर को विशेष अदालत में फिर से पेशी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विशेष अदालत ने मुख्यमंत्री कार्यालय की उप सचिव सौम्या चौरसिया को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का आदेश दिया है। वहीँ उनको अब 19 दिसम्बर को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा। इससे पहले ED की रिमांड खत्म होने के बाद उसे रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया। प्रवर्तन निदेशालय ने 11 अक्टूबर को प्रदेश के कई अफसरों और कारोबारियों के 75 ठिकानों पर छापा मारा था। प्रारंभिक जांच और पूछताछ के बाद 13 अक्टूबर को इस मामले में छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी-चिप्स के तत्कालीन CEO समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और वकील और कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया था। उनको 14 दिन की ED रिमांड में पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। 29 अक्टूबर को इस मामले में एक अन्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी ने अदालत में समर्पण कर दिया। 10 दिन की पूछताछ के बाद सूर्यकांत को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। तबसे चारो आरोपी जेल में बंद हैं। इस बीच ED की दूसरे अफसरों और कारोबारियों से पूछताछ जारी रही। लगातार कई दिनों की पूछताछ के बाद ED ने 2 दिसम्बर को राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया। उनपर बेनामी संपत्ति की खरीदी-बिक्री से काला धन खपाने का आरोप लगाया गया है। पहले उनको 6 दिसम्बर तक ED की हिरासत में भेजा गया था | उसके बाद 10 दिसम्बर तक फिर 14 दिसम्बर तक के लिए ED को कस्टडी मिली। इस तरह ED ने सौम्या चौरसिया से हिरासत में 14 दिनों तक पूछताछ की है। अब उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। अदालत में ED की ओर से कहा गया, सौम्या चौरसिया के बाहर रहने से सबूतों और गवाहों को प्रभावित करने की आशंका बढ़ जाएगी। बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। 19 दिसम्बर को उनको फिर से अदालत के सामने पेश किया जाना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे केंद्र सरकार द्वारा बदले की कार्यवाही बताया था
  • Rto check post बरियरों में अवैध वसूली बदस्तूर जारी
    परिवहन विभाग के कारनामों में शासन प्रशासन का कितना सहयोग आरटीओ विभाग की अवैध वसूली से ट्रक चालक हमेशा से पीड़ित होते आ रहे हैं शासन चाहे भाजपा का हो या कांग्रेसका आरटीओ विभाग की अवैध वसूली बदस्तूर जारी रहती है| परिवहन विभाग का अमला प्रदेश की सीमाओं पर लगे परिवहन चेकपोस्ट पर एंट्री लिए बगैर किसी भी ट्रक को बॉर्डर पार करने नहीं देता| समय-समय पर ट्रांसपोर्ट आरटीओ के खिलाफ मोर्चा खोलकर अपना विरोध प्रदर्शित करते हैं परंतु एंट्री की इस समस्या पर किसी भी सरकार ने रोक नहीं लगाई | छत्तीसगढ़ के परिवहन चेकपोस्ट में एक ब्रांड न्यू ट्रक को बॉर्डर पार कर दूसरे प्रदेश में जाने के एवज में ₹4000 की मांग की गई ट्रक के सभी पेपर सही होने और अंडरलोड माल की जानकारी देने के बाद भी परिवहन प्रभारी द्वारा ट्रक ड्राइवर को धमकाया गया कि रुपए दोगे तो ट्रक पार होगा नहीं तो चुपचाप जाकर ट्रक में बैठ जाओ | वक्त है बदलाव के नारे के साथ आई कांग्रेसी सरकार से ट्रांसपोर्ट संचालकों एवं ड्राइवरों को आशा थी कि आरटीओ विभाग की मनमानी पर रोक लगेगी परंतु ट्रक संचालकों को निराशा ही हाथ लगी | परिवहन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की मनमानी कोई रोक नहीं लगी अधिकांश ट्रांसपोर्ट संचालक समय के साथ चलने को मजबूर होकर इस विभागीय मनमानी को सहने तैयार हो गए अपने ऊपर हो रहे आर्थिक अत्याचार का ठीकरा उन्होंने भाड़े में बढ़ोतरी कर जनता पर फोड़ा| आरटीओ की अवैध वसूली का भार आखिरकार आम जनता पर पड़ा हर वस्तु अधिक भाड़े के कारण महंगी हो गई और लोगों के घर का बजट बिगड़ता जा रहा है | आरटीओ विभाग की अवैध वसूली और मनमानी की जानकारी शासन प्रशासन और विभागीय मंत्री को ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता | ध्यान से सुनिए परिवहन विभाग के अधिकारी और एक ट्रक ड्राइवर के बीच अवैध वसूली का वार्तालाप एंट्री और रिश्वत की रकम ना देने का खामियाजा ट्रक चालक को मात्र तीन महा पुराने सभी दस्तावेजों के पूरा होने के बावजूद 4 हजार रूपए देकर चुकाना पड़ा | इस जुर्माने वाली रसीद पर दर्शाई गई धाराओं से ट्रक चालक और ट्रक का दूर-दूर तक कोई नाता रिश्ता नजर नहीं आता क्योंकि बॉर्डर पर ट्रक रोककर पेपर चेक कराने का प्रावधान है और इसके लिए ट्रक चालक स्वयं ही गाड़ी रोककर जांच चौकी के विंडो पर जाते हैं रोड पर कोई भी परिवहन विभाग का अधिकारी कर्मचारी ट्रकों को रोकता नहीं है | यातायात के नियमों का पालन ना करने वाली भी कोई बात बॉर्डर पर नहीं हो सकती | मालिक की सहमति के बिना जबरदस्ती वाहन को ले जाना झूठी है क्योंकि ट्रक मालिक ने बॉर्डर पर ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं लिखाई है | धारा 190/ 2 का उल्लंघन कब होता है जब सड़क सुरक्षा के मानकों का पालन ना करने की बात हो या शीशा काला हो परंतु इस ट्रक चालक पर यह धारा भी बिना वजह लगाई गई| मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 104 का उल्लंघन तब होता है जब वाहन का परमिट ना हो परंतु इस ट्रक का नेशनल परमिट 2027 तक का है | इन सबके बाद सबसे बड़ी बात यह भी है कि ट्रक चालक द्वारा जुर्माना राशि ऑनलाइन देने की बात की गई तो वहां भी उसे डांट दिया गया की डिजिटल पेमेंट नहीं लेंगे नगद भुगतान करो कहने का मतलब यह कि एक तरफ प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया की बात करते हैं नगद लेनदेन पर बंदिश लगाने की बात करते हैं जरूरत अनुसार ही नगद लेनदेन करना चाहिए यह कहते हैं वहीं दूसरी तरफ सरकार का एक विभाग खुलेआम डिजिटल लेनदेन का उलंघन कर रहा है |
  • वंदे भारत ट्रेन के किराए और सुविधाओं की जानकारी
    CG 24 News-Singhotra न्यू वंदे भारत रेट इंटीग्रल कोच फैक्ट्री द्वारा मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी रूप से निर्मित 1 सेमी हाई स्पीड ट्रेन है और विमान जैसी यात्रा अनुभव प्रदान कराती है यह उन्नत और सुरक्षा सुविधाओं से लैस है जिसमें स्वदेशी रूप से विकसित कवच ट्रेन टक्कर बचाओ प्रणाली शामिल है सभी को स्वचालित दरवाजों मनोरंजन के उद्देश्य से आन बोर्ड हॉटस्पॉट वाईफाई और बहुत आरामदायक बैठने से सुसज्जित हैं सभी शौचालय बायो वैक्यूम प्रकार के हैं प्रत्येक कोच में गर्म भोजन गर्म और ठंडे पेय पदार्थ पर उसने की सुविधा के साथ पेंट्री है इसमें वाईफाई सामग्री ऑनडिमांड सुविधा भी है और प्रत्येक कोच यात्री सूचना और इन्फोटेनमेंट प्रदान करने वाली 32 इंच स्क्रीन से सुसज्जित है | विकलांग यात्रियों की सुविधा के लिए बेल अक्षरों में सीट नंबर के साथ सीट हैंडल सभी कक्षाओं में बैठने वाली सीटें और एग्जीक्यूटिव कारों में 180 डिग्री घूमने वाली सीटें प्रदान की गई है इस ट्रेन में कोच के बाहर 4 प्लैटफॉर्म साइट कैमरे भी दिए गए हैं जिनमें रिव्यू कैमरे भी शामिल हैं नागपुर से बिलासपुर जाने वाली पहली उद्घाटन विशेष वंदे भारत एक्सप्रेस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 दिसंबर को नागपुर से सुबह 9:30 बजे झंडी दिखाकर रवाना करेंगे आईसीएफ चेन्नई तमिलनाडु में निर्मित वंदे भारत एक्सप्रेस प्रीमियम ट्रेन सेवा अपनी अत्याधुनिक सुविधाओं उन्नत सुरक्षा तकनीक के साथ देश में रेल यात्रा के भविष्य का प्रतीक है | इस ट्रेन में सफर करने की किराए के बारे में हम आपको बताते हैं | बिलासपुर से रायपुर ₹905 बिलासपुर से दुर्ग 1155 रुपए बिलासपुर से राजनांदगांव 1265 रुपए बिलासपुर से गोंदिया 1620 बिलासपुर से नागपुर 2045 रुपए की किराया राशि निर्धारित की गई है | वहीं दूसरी तरफ वंदे भारत ट्रेन नंबर 20826 नागपुर से रायपुर के किराए में आंशिक बढ़ोतरी है जिसके अनुसार नागपुर से बिलासपुर तक 2240 रुपए और और नागपुर से रायपुर तक अट्ठारह सौ 90 रुपए की राशि यात्रियों को देनी होगी |
  • बिलासपुर रायपुर के बीच वन्दे भारत ट्रेन 11 dec. से
    *वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत 11 dec. से* *बिलासपुर नागपुर के बीच चलेगी ट्रेन* वंदे भारत का रिजर्वेशन आज से, सिर्फ 76 मिनट में पहुंचेगी नागपुर* रायपुर....राजनांदगांव को भी बनाया गया स्टॉपेज, अब नागपुर छटा स्टेशन होगा....ट्रेन का उद्घाटन 11 दिसंबर को होगा और यह 12 दिसंबर से नियमित रूप से चलेगी....यह ट्रेन सप्ताह में शनिवार को छोड़कर शेष सभी दिन चलेगी... बिलासपुर,रायपुर, दुर्ग,राजनांदगाँव, गोंदिया और नागपुर के बीच चलेगी वंदे भारत ट्रेन*