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  •  सेना का हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त - cds बिपिन रावत उनकी पत्नी मधुलिका समेत अन्य 11 लोगों की मौत
    देश के जांबाज़ सेनानायक सीडीएस विपिन रावत का हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया | सेना के हेलीकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी एवं सेना के अन्य 12 लोग सवार थे तमिलनाडु के कुन्नूर इलाके में हुई दुर्घटना में 13 लोगों की मृत्यु हो गई तमिलनाडु के कुल्लू इलाके में बुधवार दोपहर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और उनकी पत्नी सहित 13 लोगों को ले जा रहा सेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया इस दुर्घटना में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत अन्य 11 लोगों की मौत हो गई सेना के इस हेलीकॉप्टर में कुल 14 लोग सवार थे | उनमें से एक ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह गंभीर रूप से घायल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हैं | सभी के पार्थिव शरीर गुरुवार शाम तक दिल्ली लाए जाएंगे | तमिलनाडु सेना के हेलीकॉप्टर की दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक संवेदना व्यक्त की है उन्होंने कहा कि जनरल बिपिन रावत एक उत्कृष्ट सैनिक और एक सच्चे देशभक्त थे उन्होंने हमारे सशस्त्र बलों और सुरक्षा तंत्र के आधुनिकीकरण में बहुत योगदान दिया सामरिक मामलों पर भी उनकी अंतर्दृष्टि और दृष्टिकोण असाधारण थे उनके निधन से मुझे बहुत गहरा दुख पहुंचा है ओम शांति
  • डॉ. सुरेश जाधव का निधन हो गया. डॉ. जाधव का कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है.

    सीरम इंस्टीट्यूट के कार्यकारी संचालक डॉ. सुरेश जाधव का निधन हो गया. डॉ. जाधव का कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. 72 वर्षीय जाधव की पिछले कुछ दिनों से तबीयत खराब चल रही थी. आज यानी बुधवार को पुणे के सह्याद्री अस्पताल में उनका निधन हो गया.

     

    वे पुणे के एक छोटे से गांव विदर्भ से आते थे. उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल की थी. डॉ. जाधव ने विश्व मंच पर अपनी पहचान बनाई थी. दुनिया भर में उनके नाम के कई पेटेंट हैं. वैक्सीन रिसर्च में डॉ. जाधव को 40 साल का अनुभव था. फार्मास्यूटिकल सेक्टर ने डॉ. सुरेश जाधव की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने डॉ. जाधव के जाने से भारतीय चिकित्सा क्षेत्र को भारी नुकसान बताया है.  

     

    डॉ. सुरेश जाधव के निधन पर हावर्ड स्कॉलर प्रशांत यादव ने ट्वीट किया, "सुरेश जाधव भारत में वैक्सीन निर्माण में एक मजबूत भूमिका निभाई थी. उन्होंने तकनीकी क्षमताओं को जमीन से उठाकर ऊपर पहुंचाया था. उनकी नम्रता और जमीन से जुड़े रहने की शैली ने मुझे हमेशा प्रभावित किया है. उनका जाना सभी वैक्सीन इंडस्ट्री खासकर डीसीवीएमएन (DCVMN) के लिए दुखद है."  जनवरी 2021 में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, "एक साल से भी कम समय में वैक्सीन बनाना कोई आसान उपलब्धि नहीं है. कोरोना ने वैक्सीन रिसर्च में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा दिया है. वैक्सीन को बहुत तेज गति से विकसित किया गया है. हमें यह याद रखना चाहिए कि सरकारें और अथॉरिटीज इमरजेंसी में वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति दे रहे हैं." 

     
  • उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रियंका गांधी का महिला घोषणा पत्र
    Priyanka Gandhi Vadra उत्तर प्रदेश का चुनावी घोषणा पत्र कांग्रेस की प्रियंका गांधी द्वारा घोषित किया गया 12वीं पास छात्राओं को स्मार्टफोन ग्रेजुएट छात्राओं को स्कूटी लड़कियों के लिए इवनिंग स्कूल खोले जाएंगे cg24news.in महिलाओं को टैक्स में छूट देंगे मनरेगा में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 40% आरक्षण दिया जाएगा प्रियंका गांधी का महिला घोषणा पत्र महिलाओं को हर वर्ष 3 गैस सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे महिलाओं के लिए आवासीय खेल एकेडमी बनाई जाएगी हर थाने में महिला कांस्टेबल होनी चाहिए गरीब महिलाओं को फ्री इंटरनेट सुविधा दी जाएगी प्रदेश में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाएगी पुलिस विभाग में महिलाओं को 25% नौकरी दी जाएगी cg24news.in हर जिले में महिला पीड़ितों के लिए मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी कानूनी सहायता और कानूनी सलाह के लिए प्रकोष्ठ बनाए जाएंगे 10 लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त किया जाएगा महिलाओं के लिए महिलाओं द्वारा संचालित स्वास्थ्य शक्ति केंद्र बनाया जाएगा
  • ओमीक्रोन के मामले 4 दिन में 2 से 23 हो गए - alert

    ओमीक्रोन के मामले 4 दिन में 2 से 23 हो गए - 

    सरकार सहित आम लोगों को सावधानियों की अति आवश्यकता 

    ओमीक्रोन वेरिएंट पर एक स्‍टडी में सामने आया है कि इसने किसी दूसरे वायरस के जिनेटिक मटीरियल के साथ म्यूटेशन कर लिया है, जिसे इंसानी शरीर का इम्यून सिस्टम पहले से पहचानता है।

    भारत में कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के मामले 2  से 23 तक बढ़ गए।

    रविवार सुबह तक जहां देश में ओमीक्रोन के सिर्फ 4 केस थे, वहीं सोमवार सुबह उनकी संख्‍या 21 तक पहुंच गई। नए केसेज में 9 राजस्‍थान से और 10 महाराष्‍ट्र से हैं।

    राजधानी दिल्‍ली में भी तंजानिया से लौटे एक व्‍यक्ति के ओमीक्रोन से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।  महाराष्‍ट्र और गुजरात से एक-एक जबकि कर्नाटक से दो मामले सामने आए थे। 

    महाराष्ट्र के पुणे जिले में सात लोगों के कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। राज्य में ओमीक्रोन से संक्रमित लोगों की कुल संख्या दस हो गई। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने बताया कि संक्रमितों में नाइजीरिया से आई महिला और उसकी दो बेटियां शामिल हैं। 
    महिला का भाई और उसकी दो बेटियां भी ओमीक्रोन से संक्रमित पाई गई हैं। वहीं, पिछले महीने के आखिरी सप्ताह फिनलैंड से पुणे लौटे एक अन्य व्यक्ति के भी ओमीक्रोन से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। विभाग ने बताया कि महिला, उसकी एक बेटी और भाई का टीकाकरण पूरा हो चुका है। फिनलैंड से आया शख्‍स भी फुली वैक्‍सीनेटेड है।
    महाराष्ट्र में अब तक दस लोगों के ओमीक्रोन से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है। इससे पहले ठाणे जिले में एक व्यक्ति ओमीक्रोन से संक्रमित पाया गया था। ठाणे में संक्रमित मिला व्यक्ति पेशे से मरीन इंजीनियर है और इस समय कल्याण के कोविड मरीज देखभाल केंद्र में उसका इलाज चल रहा है।
    राजस्थान में राजधानी जयपुर के 9 मरीजों में नया वेरिएंट देखने को मिला है। आपको बता दें कि 25 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से आए चार संदिग्ध मरीजों और उनके संपर्क में आए अन्य पांच मरीजों के सैम्‍पल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे। इसके बाद अब इन लोगों में ओमीक्रोन वायरस की पुष्टि हो गई है। दक्षिण अफ्रीका से लौटे परिवार के लोगों को राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज यानी आरयूएचएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वहीं अब इनके संपर्क में पांच अन्य लोगों को भी अस्पताल में भर्ती करवाकर उनका इलाज किया जा रहा है। 

    ओमीक्रोन विस्फोट
    मुंबई में              10 
    राजस्थान में         9
    कर्नाटका में          2 
    गुजरात में           1
    दिल्‍ली में             1 

    Total 23

  • नगर निगम के अधिकारी, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी, स्मार्ट सिटी के अधिकारी क्या करते हैं ?

    किसी भी प्रदेश या शहर में जनता द्वारा किसी पार्षद विधायक महापौर एवं सरकार को बदलने का मतलब यह होता है कि पिछले जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई गलतियों लापरवाही यों को नया जनप्रतिनिधि सुधारें और ध्यान दें और अगर इसके बावजूद भी नए जनप्रतिनिधि नागरिकों की मूलभूत आवश्यक समस्याओं का निराकरण नहीं करता तो जनता जाए तो कहां जाए ? राजधानी में शहर के बीचो-बीच भारतीय जनता पार्टी कार्यालय एकात्म परिसर और प्रदेश के सबसे बड़े भीमराव अंबेडकर अस्पताल, डेंटल हॉस्पिटल और मेडिकल कंपलेक्स जाने वाले मार्ग पर स्थित तिराहे को पढ़े-लिखे लाखों की तनख्वाह लेने वाले इंजीनियरों ने गलत तरीके से सड़क के बीचो बीच बनाकर दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर लोगों की जान जोखिम में डालने का गंभीर अपराध किया है |

     

    15 वर्षों से सड़क के बीचो बीच गलत तरीके से निर्मित इस चौराहे से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह उनके मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों सहित संबंधित विभाग के बड़े अधिकारी, जनप्रतिनिधि हजारों बार यहां से गुजरे परंतु किसी ने भी सड़क के बीचो-बीच बने इस गलत तिराहे को सुधारने की तरफ ध्यान नहीं दिया | इस गलत तिराहे से इनके वाहन यूं ही गुजरते ररहे | वहीं दूसरी तरफ सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार के जनप्रतिनिधियों ने भी 3 सालों से इस गलत तिराहे को सुधारने की सुध नहीं ली और ना ही सुधारने का प्रयास किया | भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन जनप्रतिनिधियों एवं कांग्रेस के वर्तमान जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा आम जनता आज तक भुगत रही है | यहां यह बताना भी अति आवश्यक है कि इस गलत तिराहे के चबूतरे वाले मार्ग से गुजरने वाले अधिकांश लोग भीमराव अंबेडकर अस्पताल , डेंटल हॉस्पिटल जाने वाले मरीज उनके वाहन एवं पूरे प्रदेश से दवाइयां लेने मेडिकल कंपलेक्स आने वाले लोग भी इस गलत तिराहे के चबूतरे के कारण दुर्घटना का शिकार होते हैं | क्या कारण है कि नगर निगम के अधिकारी, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी, स्मार्ट सिटी के अधिकारी गलत तरीके से निर्मित सड़क के बीचो बीच के चबूतरे को हटाने की कोई कार्यवाही नहीं कर रहे | बाहर हाल सीजी 24 न्यूज़ इस गलत तिराहे के चबूतरे को हटाने की मांग करता है ताकि आम जनता का आवागमन सुगम हो और वह दुर्घटनाओं से बचें|

  •  छत्तीसगढ़ में पुलिस विभाग अपने आप कोई कार्यवाही नहीं करता - जब तक मुख्यमंत्री सख्त आदेश नही देंगे !  क्यों ?

    एक बात साफ हो गई कि जब तक मुख्यमंत्री का निर्देश - आदेश ना मिले पुलिस अपने आप कोई कार्यवाही नहीं करती !

    मुख्यमंत्री के सख्त आदेश के बाद ताबड़तोड़ कार्यवाहियां और गिरफ्तारियां ?

     

    छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन 2018 में हुआ, 15 साल के भाजपा रमन राज को जनता ने नकार दिया और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार भूपेश बघेल के नेतृत्व में बनी |

    दो हजार अट्ठारह से 2021 तक 3 साल गुजर गए परंतु इन 3 सालों में प्रदेश की पुलिस ने चिटफंड कंपनियों पर कोई शिकंजा नहीं कसा, किसी की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, रेत माफिया के प्रमुख पर कोई  कार्यवाही - गिरफ्तारी नहीं हुई, गांजा तस्करों पर कोई बड़ी कार्यवाही नहीं हुई, हुक्का बार पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, गुंडा तत्वों पर कोई बड़ी कार्यवाही नहीं हुई क्यों ?’ 


    भूपेश बघेल सरकार के 3 साल पूरे होने से 2 माह पहले अचानक ऐसा क्या हुआ कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए और उनके आदेश - निर्देश देने के तुरंत बाद पूरे प्रदेश में चिटफंड कंपनियों के माध्यम से प्रदेश की जनता के गाढ़े खून - पसीने की कमाई को ठग कर, लूट कर, धोखा देकर भागने वाले चिटफंड कंपनियों के संचालकों - मालिकों, गांजा तस्करों, हुक्का बार चलाने वालों, हुक्का से संबंधित सामग्री बेचने वालों, दूसरे प्रदेशों से लाकर गांजा बेचने वालों, गांजा की तस्करी करने वालों पर रोक लगाने की कार्यवाही शुरू हो गई क्यों ?’


     छत्तीसगढ़ में पुलिस विभाग अपने आप कोई कार्यवाही नहीं करता - कोई कार्यवाही से मतलब बढ़ते अपराधों पर नियंत्रण, तस्करों, चिटफंड कंपनियों, रेत माफिया, शराब माफिया, गांजा तस्करों, लकड़ी तस्करों, नक्सलियों, नक्सलि वारदातों, अवैध परिवहन, भ्रष्टाचार, गुणवत्ता हीन निर्माण, वन विभाग की तस्करी, सट्टा खिलाने वालों, ठगी करने वालों, ऑनलाइन ठगी को अंजाम देने वालों, नकली सामान बेचने वालों, मिलावटी सामान बेचने वालों, खाने पीने की चीजों में मिलावट करने वालों के अलावा प्रदेश में गुटका पर लगे प्रतिबंध के बावजूद खुलेआम हर पान ठेला सहित किराना दुकानों में उपलब्ध तंबाकू युक्त गुटखा बेचने वालों, संग्रहण करने वालों पर पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही ना करना या करना भी तो नाममात्र के लिए, टारगेट पूरा करने के लिए, दिखावे के लिए कार्यवाही करना और बड़ी मछली को ना पकड़ना इस बात को प्रमाणित करता है कि पुलिस विभाग अपने आप कोई कार्यवाही नहीं करता जब तक की प्रदेश का मुख्यमंत्री सख्ती से कोई आदेश जारी ना करें !


    इतनी लंबी कहानी लिखने का मुख्य उद्देश्य यही है कि पुलिस विभाग या तो जानबूझकर कार्यवाही नहीं करता या फिर प्रदेश के सत्ताधारी, प्रभावशाली व्यक्तियों या मुख्यमंत्री के निर्देश मिलने के बाद ही सख्त कार्यवाही करता है |  जिसका प्रमाण प्रदेश के सत्ता परिवर्तन के बाद पिछले माह मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद कार्यवाही होना है, अन्यथा इससे पहले इन्हीं सब लोगों पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई ?

    पुलिस के मुखबीरों ने जानकारी क्यों नहीं दी और मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद अचानक से कुछ दिनों के अंदर ही यह सब सामने कैसे आ गया ?

    वहीं दूसरी तरफ यह भी उल्लेख करना अति आवश्यक है की विपक्ष चुपचाप क्यों था ? 

    भाजपा शासन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा तंबाकू युक्त गुटखे पर लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद उनके शासन के दौरान तंबाकू युक्त गुटखे की बिक्री पर कोई रोक नहीं लगी और कांग्रेस सरकार आने के बाद भी तंबाकू युक्त गुटखा पूरे प्रदेश में खुलेआम बिक रहा है, परंतु विपक्ष खामोश है | इसके पीछे क्या कारण है ? क्या दोनों सरकारों की आपस में मिलीभगत है ?

     

    बहर हाल प्रदेश की जनता दोनों राजनीतिक पार्टियों के क्रियाकलापों पर मूक दर्शक बन नजर रख रही है जो आने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों ही पार्टियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है ?

     

     

  • पुलिस अपने आप कोई कार्यवाही नहीं करेगी ? जब तक मुख्यमंत्री सख्त आदेश नही देंगे
    2018 में छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन हुआ, 15 साल के भाजपा के रमन राज को जनता ने नकार दिया और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार भूपेश बघेल के नेतृत्व में बनी| दो हजार अट्ठारह से आज 2021 तक 3 साल गुजर गए परंतु इन 3 सालों में प्रदेश की पुलिस ने चिटफंड कंपनियों पर कोई शिकंजा नहीं कसा, किसी की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, रेत माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, गांजा तस्करों पर कोई बड़ी कार्यवाही नहीं हुई, हुक्का बार पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, गुंडा तत्वों पर कोई बड़ी कार्यवाही नहीं हुई क्यों ?* भूपेश बघेल सरकार के 3 साल पूरे होने से 2 माह पहले अचानक ऐसा क्या हुआ कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए और उनके आदेश - निर्देश देने के तुरंत बाद पूरे प्रदेश में चिटफंड कंपनियों के माध्यम से प्रदेश की जनता के गाढ़े खून पसीने की कमाई को ठग कर, लूट कर, धोखा देकर भागने वाले चिटफंड कंपनियों के संचालकों - मालिकों, गांजा तस्करों, हुक्का बार चलाने वालों, हुक्का से संबंधित सामग्री बेचने वालों, दूसरे प्रदेशों से लाकर गांजा बेचने वालों, गांजा की तस्करी करने वालों पर रोक लगाने की कार्यवाही शुरू हो गई क्यों ?* छत्तीसगढ़ में पुलिस विभाग अपने आप कोई कार्यवाही नहीं करता कोई कार्यवाही से मतलब बढ़ते अपराधों पर नियंत्रण तस्करों चिटफंड कंपनियों रेत माफिया शराब माफिया गांजा तस्करों लकड़ी तस्करों नक्सलियों की वारदातों अवैध परिवहन भ्रष्टाचार गुणवत्ता हीन निर्माण वन विभाग की तस्करी, सट्टा खिलाने वालों ठगी करने वालों, ऑनलाइन ठगी को अंजाम देने वालों, नकली सामान बेचने वालों मिलावटी सामान बेचने वालों खाने पीने की चीजों में मिलावट करने वालों के अलावा प्रदेश में गुटका पर लगे प्रतिबंध के बावजूद खुलेआम हर पान ठेला सहित किराना दुकानों में उपलब्ध तंबाकू युक्त गुटखा बेचने वालों संग्रहण करने वालों पर पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही ना करना या नाम मात्र के लिए टारगेट पूरा करने के लिए दिखावे के लिए कार्यवाही करना बड़ी मछली को ना पकड़ना इस बात को प्रमाणित करता है कि पुलिस विभाग अपने आप कोई कार्यवाही नहीं करता जब तक की प्रदेश का मुख्यमंत्री कोई आदेश शक्ति से जारी ना करें इतनी लंबी कहानी लिखने का मुख्य उद्देश्य यही है कि पुलिस विभाग या तो जानबूझकर कार्यवाही नहीं करता या फिर प्रदेश के सत्ताधारी प्रभावशाली व्यक्तियों या मुख्यमंत्री के निर्देश मिलने के बाद ही सख्त कार्रवाई करता है | जिसका प्रमाण प्रदेश के सत्ता परिवर्तन के बाद पिछले माह मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद कार्यवाही होना है अन्यथा इससे पहले इन्हीं सब लोगों पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई पुलिस के मुख्य वीरों ने जानकारी क्यों नहीं दी और मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद अचानक से कुछ दिनों के अंदर ही यह सब सामने कैसे आ गया? वहीं दूसरी तरफ यह भी उल्लेख करना अति आवश्यक है की विपक्ष चुपचाप क्यों था और भाजपा शासन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा तंबाकू युक्त गुटखे पर लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद उनके शासन के दौरान तंबाकू युक्त गुटखे की बिक्री पर कोई रोक नहीं लगी और कांग्रेस सरकार आने के बाद भी तंबाकू युक्त गुटखा पूरे प्रदेश में खुलेआम बिक रहा है परंतु विपक्ष खामोश है इसके पीछे क्या कारण है क्या दोनों सरकारों की आपस में मिलीभगत है बाहर हाल देश की जनता दोनों राजनीतिक पार्टियों के क्रियाकलापों पर मुख दर्शक बंद नजर रख रही है जो आने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों ही पार्टियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है?
  • कूपन प्राप्त करने की होड़ में 17 महिलाएं घायल : अव्यवस्था के लिए ज़िम्मेदार कौन ?

    *पीपरछेड़ी धान खरीदी केन्द्र में लापरवाही - धान बेचने के लिए कूपन प्राप्त करने के दौरान हजारों की भीड़ की धक्का-मुक्की में 17 महिलाएं घायल - *मौके पर तहसीलदार सहित पुलिस की टीम पहुची* टोकन के लिए उमड़ी किसानों की भीड़ ने टोकन लेने की होड़ में महिलाओं को कुचल दिया, जिसकी वज़ह से 17 महिलाएं और कई बुजुर्ग घायल हो गए, जिनमे 3 महिलाओं की हालत गंभीर है।

     

    किसान नाम लिखाने रात से ही सोसाइटी परिसर में उपस्थित हो गए थे। जिसके कारण सोसाइटी में सुबह से ही भीड़ रही। सुबह गेट खुलते ही किसानों की भीड़ लाइन लगने दौड़ पड़ी और ये हादसा हो गया। : गंभीर रूप से घायल: अन्यसुइया बाई- शांति बाई निषाद- खेमिन बाई- अन्य घायल: मनभा बाई सोना यादव माखन रामेश्वरी सोरी गनेशिया बाई ललिता बाई कमलेश्वरी केश्वरी गंगा रेखा साहू मीरा मुलिया कुंवर सिंह नरबद बाई बालोद: पीपरछेड़ी धान खरीदी केन्द्र में प्रबधंक की जबरदस्त लापरवाही। एक साथ 4 गांव के लोगो बुला लिया टोकन के लिए। छोटे से गेट के सामने सैंकड़ो किसान देर रात से ही जमा होना शुरू कर दिए थे। धान खरीदी को सिर्फ 2 दिन बचा है। ऐसे में खरीदी केन्द्र में टोकन के लिए किसानों की भारी भीड़ जुट गई। सुबह केन्द्र का गेट खुलते ही भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में कई महिलाओं को चोट आई है। इस हादसे की सूचना मिलने के बाद मौके पर तहसीलदार सहित पुलिस की टीम पहुची। सवाल ये है की चार गाँवों के किसानों को एक साथ बुलाने वाले प्रबंधक ने कानून व्यवस्था सँभालने कद लिए महिला-पुरुष पुलिसकर्मियों को पहले ही क्यूँ नहीं बुला लिया। इसके साथ ही सरकार के रणनीतिकारों और सलाहकारों को इस बात का ध्यान क्यूँ नहीं रहा की टोकन वितरण से लेकर धान खरीदी तक कानून व्यवस्था सँभालने की जिम्मेदारी का निर्वहन किस प्रकार से किया जाना चाहिए। देखिए

  • प्रधानमंत्री आवास योजना राशि केंद्र द्वारा लैब्स किए जाने के सवाल पर प्रदेश के दो मंत्रियों के अलग-अलग बयान

    प्रधानमंत्री आवास योजना राशि केंद्र द्वारा लैब्स किए जाने के सवाल पर प्रदेश के दो मंत्रियों के अलग-अलग बयान सामने आए हैं | प्रदेश के पंचायत मंत्री टीएस सिंह देव ने मीडिया के सामने स्वीकार किया कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना में लगने वाली प्रदेश की राशि जुटाने में असमर्थ रही है, इसलिए केंद्र सरकार ने इस वर्ष का आवंटन रद्द कर दिया है |

     

    वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने मीडिया के सामने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार हमेशा झूठ बोलती है 2 साल से केंद्र अपनी एक भी राशि नहीं दे रही है प्रधानमंत्री आवास के लिए राज्य के पैसे मिले हुए हैं लेकिन केंद्र की राशि नहीं मिल पा रही है | एक ही मामले में प्रदेश के दो मंत्रियों के विरोधाभासी बयान प्रदेश को किस दिशा में ले जा रहे हैं ? कौन सही कौन गलत ?इसका निर्णय मुख्यमंत्री कब करेंगे ?

  • Kangana ranaut पर देश की सबसे चर्चित पहली FIR - सिख समाज द्वारा

    *Big breaking* बड़ी खबर* फिल्म अभिनेत्री कंगना राणावत के खिलाफ मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में देशद्रोह की धारा के अंतर्गत जुर्म दर्ज* फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा सिख समाज के खिलाफ अनर्गल, अश्लील, भड़काऊ बयान इंस्टाग्राम में दिए जाने के बाद देश का सिख समाज उद्वेलित हो गया है | दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने विगत दिनों वीडियो जारी कर कंगना और उसके माता-पिता को चेतावनी दी थी कि अपनी बेटी को समझा ले | शायद कंगना रनौत अपने माता-पिता की बातों को नहीं मानती है, माता-पिता मजबूर होंगे |

    आखिरकार मुंबई के खार पुलिस थाने में सिख समाज की शिकायत पर हिंदुस्तान की पहली एफ आई आर 295/A के तहत राष्ट्र विरोधी, धर्म विरोधी धाराओं के अंतर्गत कंगना रनौत के खिलाफ आखिरकार जुर्म दर्ज हो ही गया| हम आपको बता दें कि इससे पहले की खबरों में हमने बताया था कि सिख समाज कभी भी कमजोर नहीं रहा है और हमेशा से ही सरबत का भला के उद्देश्य से चलता है, सेवा समर्पण की भावना से चलता है, परंतु यदि सिख समाज पर, उनके धर्म पर और उनको लेकर अगर कोई अनर्गल बयानबाजी और अनर्गल आरोप लगाता है तो सिख समाज किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करता | उसके बावजूद भी सिख समाज का नियम है कि पहले चेतावनी परंतु अगर ना माने तो फिर हद पार करने वालों को माफ नहीं किया जाता| यह तो शुरुआत है पहली f.i.r. है और अब ऐसी f.i.r. हिंदुस्तान के हर प्रदेश के हर जिले में होगी और अंदाज लगा ले JB 29 प्रदेशों के 29 जिलों अर्थात 29 को 29 से गुणा करें 9000 जिलों में जुर्म दर्ज होने के बाद क्या शासन-प्रशासन, केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार, पुलिस प्रशासन उसे गिरफ्तार नहीं करेगा! और आप मान लीजिए अगर पुलिस प्रशासन ने उसे इतनी एफ आई आर के बाद अगर गिरफ्तार नहीं किया तो इससे स्पष्ट समझा जाएगा कि कंगना रनौत केंद्र सरकार की भाजपा के समर्थन से बच रही है जो देश का सिख समाज बर्दाश्त नहीं करेगा | कंगना रनौत की सिख विरोधी, सिख समाज विरोधी, सिखों को पैरों के तले रौंद ने वाली वाले बयान और धर्म विरोधी बयानों के तहत कार्यवाही करवा कर उससे परमानेंट जेल के अंदर भेजने के लिए हर तरह के आंदोलन, धरना - प्रदर्शन , उग्र तरीकों को करने से पीछे नहीं हटेंगे |

  • Kangana ranaut पर देश की सबसे चर्चित पहेली एफ आई आर - सिख समाज द्वारा
    *Big breaking* बड़ी खबर* फिल्म अभिनेत्री कंगना राणावत के खिलाफ मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में देशद्रोह की धारा के अंतर्गत जुर्म दर्ज फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा सिख समाज के खिलाफ अनर्गल अश्लील भड़काऊ बयान इंस्टाग्राम में दिए जाने के बाद देश का सिख समाज उद्वेलित हो गया है | दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने विगत दिनों वीडियो जारी कर कंगना और उसके माता-पिता को चेतावनी दी थी कि अपनी बेटी को समझा ले | शायद कंगना रनौत अपने माता-पिता की बातों को नहीं मानती है माता-पिता मजबूर होंगे आखिरकार मुंबई के खार पुलिस थाने में सिख समाज की शिकायत पर हिंदुस्तान की पहली एफ आई आर 295 बटाए के तहत राष्ट्र विरोधी धर्म विरोधी धाराओं के अंतर्गत कंगना रनौत के खिलाफ आखिरकार जुर्म दर्ज हो ही गया हम आपको बता दें कि इससे पहले की खबरों में हमने बताया था कि सिख समाज कभी भी कमजोर नहीं रहा है और हमेशा से ही सरबत का भला के उद्देश्य से चलता है सेवा समर्पण की भावना से चलता है परंतु यदि सिख समाज पर उनके धर्म पर और उनको लेकर अगर कोई अनर्गल बयानबाजी और अनर्गल आरोप लगाता है तो सिख समाज किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करता उसके बावजूद भी सिख समाज का नियम है कि पहले चेतावनी परंतु अगर ना माने तो फिर हद पार करने वालों को माफ नहीं किया जाता यह तो शुरुआत है पहली f.i.r. है और अब ऐसी f.i.r. हिंदुस्तान के हर प्रदेश के हर जिले में होगी और जब अंदाज लगा ले 29 प्रदेशों के 29 जिलों अर्थात 29 को 29 से गुणा करें 9000 जिलों में जुर्म दर्ज होने के बाद क्या शासन-प्रशासन केंद्र सरकार प्रदेश सरकार पुलिस प्रशासन उसे गिरफ्तार नहीं करेगा और आप मान लीजिए अगर पुलिस प्रशासन ने उसे इतनी एफ आई आर के बाद अगर गिरफ्तार नहीं किया तो इससे स्पष्ट समझा जाएगा कि कंगना रनौत केंद्र सरकार की भाजपा के समर्थन से बच रही है जो देश का सिख समाज बर्दाश्त नहीं करेगा कंगना रनौत की सिख विरोधी सिख समाज विरोधी सिखों को पैरों के तले रौंद ने वाली वाले बयान और धर्म विरोधी बयानों के तहत कार्यवाही करवा कर उससे परमानेंट जेल के अंदर भेजने के लिए हर तरह के आंदोलन धरना प्रदर्शन उग्र तरीकों को करने से पीछे नहीं हटेंगे |
  • पेट्रोल डीजल की दरों में कमी सिर्फ दिखावा - विशेष ध्यान देने योग्य बातें
    छत्तीसगढ़ सरकार ने पेट्रोल डीजल की दरों को कम करने के लिए पेट्रोल में 1% और डीजल में 2% की कमी करके छत्तीसगढ़ की जनता को बेवकूफ बनाने का प्रयास किया है | वाह रे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी शराब पर तो आप लगाते हैं 5% टैक्स, और पेट्रोल डीजल में करते हैं 1% की कमी इसे जनता को लुभाने वाला बेवकूफ बनाने वाला फार्मूला नहीं कहा जाए तो और क्या कहा जाए | उल्लेखनीय है कि करोना महामारी के दौरान प्रदेश की भूपेश सरकार ने शराब पर 5% प्रतिशत का सेस टैक्स लगाकर राजस्व में अंधाधुंध वृद्धि की, परंतु केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी के दबाव में आकर जब पेट्रोल डीजल में वैट टैक्स कम करने की बारी आई तो मात्र 1% और 2% - एवरेज देखा जाए तो यह डेढ़ प्रतिशत के लगभग कमी है | *मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने करोना महामारी की समाप्ति के बाद भी शराब पर लगाया गया सेस हटाया नहीं है क्यों ? जनता जानना चाहती है |* अब बात करें प्रदेश के राजस्व घाटे की तो प्रदेश सरकार को समझ लेना चाहिए की शराब पर सेस लगाकर आप प्रतिमाह हजारों करोड रुपए पिछले पौने 2 साल से लगातार वसूलते आ रहे हैं उस सेस टैक्स की कुल राशि कितनी हुई है ? अब भी अगर आपको प्रदेश के राजस्व की चिंता है तो पेट्रोल और डीजल में वेट टैक्स में 7% की कमी करें और इसकी भरपाई अर्थात 2% शराब पर टैक्स लगाकर कर लें क्योंकि 5% टैक्स आप पहले ही शराब पर ले रहे हैं उसमें 2% की बढ़ोतरी और करेंगे तो अगर आपके द्वारा पेट्रोल और डीजल में 7% की कमी की जाती है तो उसकी भरपाई हो जाएगी | CG 24 News