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  • बाबाओं के दरबार में क्यों जाते हैं मुख्यमंत्री, मंत्री और जनप्रतिनिधि और अधिकारी?
    *बाबाओं का तंत्र जाल : हादसे के बाद जागने के पीछे क्या है शासन की ताल ?* *हाथरस में प्रवचन के दौरान हुए हादसे में 121 लोगों की मृत्यु और सैकड़ो लोगों के घायल होने के बाद शासन प्रशासन हुआ सक्रिय* *क्यों जाते हैं मुख्यमंत्री, मंत्री और जनप्रतिनिधि इन फर्जी दरबारों में ?* क्या कोई भी अपने आप को भगवान घोषित कर सकता है ? अगर हां तो यह सब चलता रहेगा और वह लोग कानून के दायरे से बाहर रहेंगे और अगर जवाब नहीं में है तो फिर केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की सरकारें इन पर राष्ट्रद्रोह की धारा के अंदर कार्यवाही क्यों नहीं की जाती ? इनकी आय की जानकारी इनकम टैक्स विभाग को क्यों नहीं होती ? नारायण साकार हरि नामक भोले बाबा का दरबार पिछले कई वर्षों से चल रहा है, बाबा अपने आप को भगवान कहता है, प्रलय लाने के दावे करता है, जमीन फाड़ने की बातें करता है, दुनिया के सब भगवानों को नकार कर सिर्फ उसे ही मानने की बातें करता है, वीडियो बनाने पर प्रतिबंध लगाता है, उसके बोरिंग के पानी की करामात की बात करता है, बोरिंग के पानी को अमृत बताता है, चमत्कारिक बताता है और पानी पीने से सब दुखों का नाश होगा ऐसा लोगों में भ्रम जाल फैलाता है | बरसों से यह सब कुछ चल रहा है और उत्तर प्रदेश शासन - प्रशासन सब कुछ आंखें मूंदे बैठा है, उत्तर प्रदेश की इंटेलिजेंस, सूचना तंत्र को यह पता ही नहीं चलता | लाखों लोगों की भीड़ का एकत्रित होना और अनेक जगह आश्रम बनाना, अपने लिए महल बनवाना, महंगी गाड़ियों का काफिला, अपनी खुद की सिक्योरिटी सर्विस वह भी तीन तीन लेयर में रखना, इतना सब कुछ शासन - प्रशासन चाहे वह प्रदेश सरकार हो या केंद्र की सरकार हो, आंखें मूंदे सब कुछ देखता रहे ? देश में प्रलय लाने की धमकी, धरती को फाड़ देने का चैलेंज, सिर्फ उसे ही भगवान मानने की बाध्यता, यह सब देशद्रोह की श्रेणी में आता है और सरकार और सरकारी तंत्र को यह सब पता ही नहीं चलता तो किस काम की इंटेलिजेंस, गुप्त सूचना देने वाला विभाग ? इतने सारे प्रमाण मिलने के बाद भी शासन प्रशासन द्वारा इस फर्जी बाबा, फर्जी भगवान पर जुर्म दर्ज ना होना इस बात को साबित करता है कि इन सब के पीछे जनप्रतिनिधि, अधिकारी के साथ- साथ आर्थिक संपन्नता, आर्थिक लेनदेन हो सकता है | बहरहाल इतने बड़े हादसे के बाद भी अगर शासन प्रशासन पूरे देश के इस तरह के बाबाओं पर जो अपने आप को भगवान, सिद्ध तांत्रिक मानते हैं उन पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो ऐसे फर्जी ठग बाबाओं की संख्या में और वृद्धि होगी | यह एक ऐसा व्यवसाय है जहां लागत कुछ नहीं और कमाई अरबों खरबों की | Sukhbir Singhotra 9301094242
  • बाबाओं का तंत्र जाल : हादसे के बाद जागने के पीछे क्या है शासन की ताल ?
    हाथरस में प्रवचन के दौरान हुए हादसे में 121 लोगों की मृत्यु और सैकड़ो लोगों के घायल होने के बाद शासन प्रशासन सक्रिय हुआ नारायण साकार हरि नामक भोले बाबा का दरबार पिछले कई वर्षों से चल रहा है बाबा अपने आप को भगवान कहता है प्रलय लाने के दावे करता है जमीन फाड़ने की बातें करता है, दुनिया के सब भगवानों को नकार कर सिर्फ उसे ही मानने की बातें करता है वीडियो बनाने पर प्रतिबंध लगाता है उसके बोरिंग के पानी की करामात की बात करता है, बोरिंग के पानी को अमृत बताता है चमत्कारिक बताता है और पानी पीने से सब दुखों का नाश होगा ऐसा लोगों में भ्रम जाल फैलता है | बरसों से यह सब कुछ चल रहा है और उत्तर प्रदेश शासन प्रशासन सब कुछ आंखें मूंदे देखा है उत्तर प्रदेश की इंटेलिजेंस सूचना तंत्र को यह पता ही नहीं चलता लाखों लोगों की भीड़ का एकत्रित होना और उनसे अरबो रुपए कम कर अनेक जगह आश्रम बनाना अपने लिए महल बनवाना महंगी गाड़ियों का काफिला अपनी खुद की सिक्योरिटी सर्विस वह भी तीन लेयर में रखना इतना सब कुछ शासन प्रशासन चाहे वह प्रदेश सरकार हो चेक केंद्र की सरकार हो आंखें मूंदे सब कुछ देखता रहे यह तो समस्या पार है| देश में प्रलय लाने की धमकी धरती को पढ़ने का चैलेंज सिर्फ उसे ही भगवान मां ने की बाध्यता यह सब देशद्रोह की श्रेणी में आता है और सरकार और सरकारी तंत्र को यह सब पता ही नहीं चलता तो किस काम की इंटेलिजेंस, गुप्त सूचना देने वाला विभाग ? इतने सारे प्रमाण मिलने के बाद भी शासन प्रशासन द्वारा इस फर्जी बाबा फर्जी भगवान पर फिर ना होना इस बात को साबित करता है कि इन सब के पीछे जनप्रतिनिधि अधिकारी के साथ-सा द आर्थिक संपन्नता आर्थिक लेनदेन हो सकता है | बैरल इतने बड़े हादसे के बाद भी अगर शासन प्रशासन पूरे देश के इस तरह के बाबो पर जो अपने आप को भगवान सिद्ध तांत्रिक मानते हैं उन पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो ऐसे फर्जी ठग बाबो की संख्या में और वृद्धि होगी क्योंकि यह एक ऐसा व्यवसाय है जहां लागत कुछ नहीं और कमाई अरबों खरबों की |
  • मेरा हौसला भी मजबूत, मेरी आवाज भी मजबूत, मेरे इरादे भी मजबूत
    आज प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभी भाषण पर आभार व्यक्त करते हुए लगभग सवा दो घंटे अपनी बात रखी प्रधानमंत्री ने अपने उद्बोधन में हिंदुस्तान के हर विषय को गंभीरता पूर्वक रखा इस दौरान लगातार विपक्ष के सांसद लगातार नारेबाजी करते रहे और व्यवधान उत्पन्न करते रहे परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 मिनट भी नहीं रुके उन्होंने नारेबाजी को नजर अंदाज करते हुए अपना भाषण जारी रखा अपनी बात दुनिया के सामने रखी देश के नागरिकों को संबोधित किया उन्हें अपने विकास कार्यों सरकार के कार्यों के बारे में संपूर्ण जानकारी दी और अपने आगामी उद्देश्यों के बारे में योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी उद्बोधन के अंत में उन्होंने कहा कि मेरा हौसला भी मजबूत मेरी आवाज भी मजबूत मेरे इरादे भी मजबूत हैं ऐसे किसी रूकावटों से मोदी डरने वाला नहीं | प्रधानमंत्री ने विपक्ष के हो हल्ला और नारेबाजी से रुकावट पैदा करने के व्यवधान उत्पन्न करने के उनके इरादों को नाकाम कर दिया | पूरे सवा दो घंटे तक विपक्षी नारेबाजी करते रहे व्यवधान उत्पन्न करते रहे परंतु उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी तरफ बिना ध्यान दिए अपनी बात को पूरा किया और राष्ट्रपति के अभी भाषण के प्रति आभार व्यक्त किया साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का भी आभार माना |
  • नए कानून नागरिकों, पुलिस और न्यायालय के लिए कितने सहायक ? जाने विस्तार से
    1. नये कानूनों से एक आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी जिसमें ‘जीरो एफआईआर’, पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना, ‘एसएमएस’ (मोबाइल फोन पर संदेश) के जरिये समन भेजने जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम और सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल होंगे। इसके अलावा महिलाओं, पंद्रह वर्ष की आयु से कम उम्र के लोगों, 60 वर्ष की आयु से अधिक के लोगों तथा दिव्यांग या गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को पुलिस थाने आने से छूट दी जाएगी और वे अपने निवास स्थान पर ही पुलिस सहायता प्राप्त कर सकते हैं। नये कानूनों के तहत अब कोई भी व्यक्ति पुलिस थाना गये बिना इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यम से घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज करा सकता है। इससे मामला दर्ज कराना आसान और तेज हो जाएगा तथा पुलिस द्वारात्वरित कार्रवाई की जा सकेगी। 2. नये कानूनों के तहत आपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आएगा और पहली सुनवाई के 60 दिन के भीतर आरोप तय किए जाएंगे। दुष्कर्म पीड़िताओं का बयान कोई महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी और मेडिकल रिपोर्ट सात दिन के भीतर देनी होगी। 3. नये कानूनों में संगठित अपराधों और आतंकवाद के कृत्यों को परिभाषित किया गया है, राजद्रोह की जगह देशद्रोह लाया गया है और सभी तलाशी तथा जब्ती की कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य कर दिया गया है। 4. महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है, किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध बनाया गया है और किसी नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान जोड़ा गया है। नये कानूनों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की जांच को प्राथमिकता दी गयी है जिससे मामले दर्ज किए जाने के दो महीने के भीतर जांच पूरी की जाएगी। नये कानूनों के तहत पीड़ितों को 90 दिन के भीतर अपने मामले की प्रगति पर नियमित रूप से जानकारी पाने का अधिकार होगा। इसके अलावा महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराध पीड़ितों को सभी अस्पतालों में निशुल्क प्राथमिक उपचार या इलाज मुहैया कराया जाएगा। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि पीड़ित को आवश्यक चिकित्सकीय देखभाल तुरंत मिले। 5. शादी का झूठा वादा करने, नाबालिग से दुष्कर्म, भीड़ द्वारा पीटकर हत्या करने, झपटमारी आदि मामले दर्ज किए जाते हैं लेकिन मौजूदा भारतीय दंड संहिता में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं थे। 6. ‘जीरो एफआईआर’ से अब कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करा सकता है, भले ही अपराध उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं हुआ हो। इससे कानूनी कार्यवाही शुरू करने में होने वाली देरी खत्म होगी और मामला तुरंत दर्ज किया जा सकेगा। 7. नये कानून में जुड़ा एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि गिरफ्तारी की सूरत में व्यक्ति को अपनी पसंद के किसी व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में सूचित करने का अधिकार दिया गया है। इससे गिरफ्तार व्यक्ति को तुरंत सहयोग मिल सकेगा। 8. इसके अलावा, गिरफ्तारी विवरण पुलिस थानों और जिला मुख्यालयों में प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा जिससे कि गिरफ्तार व्यक्ति के परिवार और मित्र महत्वपूर्ण सूचना आसानी से पा सकेंगे। आरोपी और पीड़ित दोनों को अब प्राथमिकी, पुलिस रिपोर्ट, आरोपपत्र, बयान, स्वीकारोक्ति और अन्य दस्तावेज 14 दिन के भीतर पाने का अधिकार होगा। अदालतें समय रहते न्याय देने के लिए मामले की सुनवाई में अनावश्यक विलंब से बचने के वास्ते अधिकतम दो बार मुकदमे की सुनवाई स्थगित कर सकती हैं। 9. नये कानूनों में सभी राज्य सरकारों के लिए गवाह सुरक्षा योजना लागू करना अनिवार्य है ताकि गवाहों की सुरक्षा व सहयोग सुनिश्चित किया जाए और कानूनी प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता व प्रभाव बढ़ाया जाए। 10. अब ‘लैंगिकता’ की परिभाषा में ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं जिससे समावेशिता और समानता को बढ़ावा मिलता है। पीड़ित को अधिक सुरक्षा देने तथा दुष्कर्म के किसी अपराध के संबंध में जांच में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए पीड़िता का बयान पुलिस द्वारा ऑडियो-वीडियो माध्यम के जरिए दर्ज किया जाएगा।
  • गुरुनानक देव जी की फोटो का राहुल गांधी द्वारा संसद में प्रदर्शन : सिख समाज की आपत्ति
    लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा अपने उद्बोधन के दौरान गुरु नानक देव जी की फोटो का प्रदर्शन करने पर छत्तीसगढ़ सिख समाज ने विरोध किया है | आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने उद्बोधन के दौरान भगवान शिव, गुरु नानक देव जी, ईसा मसीह, बौद्ध धर्म और जैन धर्म की फोटो दिखाकर सत्ता पक्ष पर धर्म विरोधी होने के आरोप लगाए | छत्तीसगढ़ सिख समाज के प्रदेश अध्यक्ष सुखबीर सिंह सिंघोत्रा ने सिखों के पहले गुरु श्री गुरु नानक देव जी की फोटो को राहुल गांधी द्वारा संसद के अंदर अपने राजनीतिक उपयोग के लिए प्रस्तुत कर प्रदर्शन करने का विरोध किया है | सुखबीर सिंह सिंघोत्रा ने कहा कि अपने राजनीतिक लाभ के लिए किसी भी धर्म के गुरु की फोटो का उपयोग करना किसी भी रूप में स्वीकार करने योग्य नहीं है | सांसद हो या बाहर किसी भी चर्चा - परिचर्चा या भाषण में गुरुओं के उपदेशों उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं, उनके बलिदानों के लिए उनके नाम का उपयोग करने पर सिख समाज को कोई आपत्ति नहीं है परंतु उनकी फोटो का धार्मिक कार्यक्रमों के बाहर उपयोग कतई मान्य नहीं है | सत्ता पक्ष और विपक्ष की अपनी आपसी खींचतान, आपसी विवाद और राजनीतिक लड़ाई में श्री गुरु नानक देव जी की फोटो का संसद में प्रदर्शन के लिए राहुल गांधी सिख समाज से माफी मांगे और यह भी घोषणा करें कि भविष्य में सिखों के किसी भी गुरु की फोटो का उपयोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए नहीं करेंगे |
  •  पंडित प्रदीप मिश्रा ने नाक रगड़कर माफी मांगी : राधा रानी पर दिया था विवादित बयान

    राधारानी पर दिए बयान के विवाद मामले में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने नाक रगड़कर माफी मांगी है।

     

    आपको बता दें कि आज पं. प्रदीप मिश्रा अचानक बरसाना पहुंचे, जहां उन्होंने राधा रानी के सामने नाक रगड़कर माफी मांगी। प्रदीप मिश्रा ने कहा कि राधा-रानी के दर्शन करने के लिए आज मैं यहां आया हूं। मैं ब्रजवासियों के प्रेम के कारण यहां आया हूं।

    पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ हुई थी महापंचायत

    पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ मथुरा में महापंचायत में बड़ा फैसला हुआ था। राधा रानी पर दिए बयान को लेकर नाराज संत-महंतों ने बरसाना मानमंदिर में महापंचायत लगाई थी। इसमें फैसला लिया गया था कि पंडित प्रदीप मिश्रा को ब्रज के किसी मंदिर में एंट्री नहीं दी जाएगी। पंडित प्रदीप मिश्रा अगर माफी मांगने आएंगे तो बिना संत-महंतों की अनुमति के उन्हें प्रवेश नहीं मिलेगा।

    राधा रानी पर दिए बयान पर नाराजगी

    पंडित प्रदीप मिश्रा ने राधा रानी को लेकर बयान दिया था। इसे लेकर ब्रज के संत और राधा रानी के भक्त खफा हैं। पंडित प्रदीप मिश्रा को दंड देने के लिए महापंचायत बुलाई गई थी। इसमें ब्रज के संत-महंत और दूसरे प्रदेशों से आए धर्माचार्य भी शामिल हुए थे। चर्चा के बाद पंडित प्रदीप मिश्रा को ब्रज के मंदिरों में प्रवेश नहीं देने का फैसला लिया गया।

    बरसाना आकर माफी मांगने तक जारी रहेगा विरोध

    पंडित प्रदीप मिश्रा के राधा रानी को लेकर दिए बयान के बाद वृंदावन के प्रेमानंद महाराज ने विरोध जताया था। संत रितेश्वर और ज्ञानानंद महाराज ने भी पंडित मिश्रा के बयान का विरोध किया था। बरसाना आकर माफी मांगने तक संत विरोध करते रहेंगे।

    पंडित प्रदीप मिश्रा का राधा रानी पर बयान

    पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में राधा रानी के पिता की कचहरी थी, जहां वे वर्ष में एक बार आती थी। इसलिए उसे बरसाना कहा गया। श्रीकृष्ण की रानियों में कहीं भी राधा का नाम नहीं है। राधा के पति के रूप में कहीं भी श्री कृष्ण के नाम नहीं है। राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था।

    पंडित प्रदीप मिश्रा पर भड़के थे प्रेमानंद महाराज

    पंडित प्रदीप मिश्रा के बयान पर वृंदावन के प्रेमानंद महाराज भड़क गए थे। उन्होंने कहा था कि कभी बरसाना गए हो, कभी देखे हो। तुम क्या जानते हो, तुम कितने ग्रंथ पढ़े हो, सिर्फ चापलूसी संसार वाले को रिझा सकते हो। राधा रानी जी के बारे में ऐसा मत बोलो उनकी शक्ति नहीं जानते हो। तुझे नरक से कोई नहीं बचा सकता। हमें गाली दो तो चलेगा। लेकिन तुम हमारे इष्ट, हमारे गुरु, हमारे धर्म के खिलाफ बोलेगे, उनका अपमान करोगे, तो हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम स्वयं को न्योछावर कर देंगे, तुम्हें बोलने लायक नहीं छोड़ेंगे। जैसा वेद कहते हैं, राधा और श्रीकृष्ण अलग नहीं हैं। तुझे तो शर्म आनी चाहिए।

     

    पंडित प्रदीप मिश्रा ने मांगी थी माफी

    पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि उन्होंने जो भी कहा शास्त्रों के मुताबिक कहा था। उनके वीडियो को गलत तरीके से काट-छांटकर वायरल किया गया है। प्रेमानंद महाराज को लेकर प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि वे उनके चरणों के दास हैं। अगर वे बुलाते तो प्रदीप मिश्रा दंडवत करते हुए पहुंच जाते और जवाब देकर आते। इसके साथ ही पंडित मिश्रा ने कहा था कि उनके कथन से किसी ही भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो वे क्षमा मांगते हैं।

  • प्रधानमंत्री ने जवाबदेही नाम के शब्द से अपने आप को परे कर लिया है : TS Singhdev

    *छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री TS Singhdev ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री को जवाब दे ही याद दिलाई* आज दिल्ली हवाई अड्डे पर टर्मिनल 1 की छत गिरने के दर्दनाक हादसे में कई लोगों की मृत्यु हो गई। सभी शोकसंतप्त परिवारों को मेरी संवेदनाएं। जबलपुर से दिल्ली राम मंदिर से प्रगति मैदान टनल हर ओर इंफ्रास्ट्रक्चर या तो leak हो रहा है, या ढह रहा है। हर उद्घाटन को राष्ट्रीय खबर बनाना और दुर्घटना के वक्त छुप जाना - प्रधानमंत्री ने जवाबदेही नाम के शब्द से अपने आप को परे कर लिया है। कब तक भारत की जनता ऐसी गैरजिम्मेदार सरकार की गलतियों का भुगतान करती रहेगी?

     

  • लोकसभा के पहले निर्वाचित स्पीकर बने ओम बिड़ला

    एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच लोकसभा अध्यक्ष को लेकर आपसी तालमेल न होने के कारण देश के इतिहास में पहली बार लोकसभा स्पीकर का चयन मतदान द्वारा हुआ अभी तक की परंपरा रही थी कि लोकसभा अध्यक्ष आम सहमति से नियुक्त होता रहा है परंतु उक्त परंपरा आज टूट गई 18वीं लोकसभा के लोकसभा अध्यक्ष पहली बार ओम बिरला निर्वचित अध्यक्ष बने हैं | यह भारत के संसदीय इतिहास में एक रिकॉर्ड है की लोकसभा के स्पीकर मतदान द्वारा निर्वाचित हुए हैं | उल्लेखनीय है कि पिछले कार्यकाल में भी ओम बिरला स्पीकर थे और यह वह लगातार दोबारा स्पीकर बने हैं परंतु इस बार वह निर्वाचित स्पीकर है पिछली बार नॉमिनेट स्पीकर थे | अब बात करते हैं यहां पर विपक्ष की तो विपक्ष को यह मालूम था कि उनके पास लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं है और यह बात भी नहीं थी कि एक दो सदस्यों का हेर फेर हो कि अंतरात्मा की आवाज से दो-चार सांसद इधर से उधर हो जाएं और विपक्ष का लोकसभा स्पीकर बन जाए , 57 सदस्यों का अंतर जो स्पष्ट प्रमाण था कि सत्ता पक्ष अर्थात एनडीए का प्रत्याशी ही लोकसभा स्पीकर बनेगा परंतु न जाने क्या सोच कर इंडिया गठबंधन अर्थात विपक्ष ने के सुरेश को विपक्ष की तरफ से लोकसभा अध्यक्ष के प्रत्याशी के रूप में खड़ा किया? लोकसभा स्पीकर चुनाव में विपक्ष की हर तो हुई ही साथ ही संसदीय इतिहास में विपक्ष पर बिना वजह चुनाव कराकर संसदीय इतिहास में लोकसभा के स्पीकर का चुनाव सर्वसम्मति से होने के इतिहास को ब्रेक करने का आप भी लग गया |

  • गुरु गोविंद सिंह खालसा पब्लिक स्कूल में क्या है खासियत ?
    गुरु गोविंद सिंह खालसा पब्लिक स्कूल, नंदनवन रोड, रुंगटा कॉलेज के पास, हाथबंध रायपुर छत्तीसगढ़ गुरु गोविंद सिंह खालसा पब्लिक स्कूल जो 8 एकड़ के विशाल क्षेत्र में निर्मित है, स्कूल की भव्य तीन मंजिला इमारत में नर्सरी से दसवीं तक की शिक्षा सीबीएसई पैटर्न पर दी जा रही है | इस स्कूल में 400 के करीब छात्र-छात्राएं इंग्लिश मध्यम से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिनमें 28 जरूरतमंद निर्धन छात्र-छात्राओं को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है | पॉल्यूशन फ्री माहौल में आधुनिक तरीके से यहां छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जाता है तथा फीस की बात करें तो बहुत ही कम फीस पर शिक्षा प्रदान कर यह स्कूल देश के विकास में सहभागी बन भागीरथी प्रयास कर रहा है | गुरु गोविंद सिंह खालसा पब्लिक स्कूल में अनुभवी शिक्षकों की एक बड़ी टीम है जो यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के भविष्य को उत्कृष्ट तरीके से ज्ञान उपलब्ध कराती है | इस स्कूल में क्लास वन से ही छात्र-छात्राओं को कंप्यूटर की शिक्षा दी जाती है, व्यक्तित्व विकास एवं अंग्रेजी भाषा पर विशेष फोकस किया जाता है, पढ़ने के कौशल में सुधार के लिए पुस्तकालय सुविधा के साथ-साथ विज्ञान के लिए विशेष प्रयोगशालाओं की व्यवस्था बच्चों का ज्ञानवर्धन करने में काफी सहयोगी होती हैं | विशाल हवादार क्लासरूम, बड़ा खेल मैदान, विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं के लिए आउटडोर खेल मैदान और बगीचा की भी व्यवस्था है, स्मार्ट क्लास यहां की खासियत है बोर्ड परीक्षा में शत प्रतिशत एवं उत्कृष्ट परिणाम के कारण यह स्कूल पलकों को हर्ष प्रदान करता है| स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमति योगिता दुबे ने बताया कि स्कूल में एडमिशन लेने वाले बच्चों को फिलहाल इस वर्ष एडमिशन फीस में छूट दी जा रही है | साथ ही मंथली ट्यूशन फीस भी काफी कम है स्कूल में सभी क्लासों के लिए एडमिशन चालू है स्कूल केंपस का निरीक्षण कर अपने बच्चों के भविष्य एवं उनकी पढ़ाई की गुणवत्ता, उनकी योग्यता को सामने लाने एवं मानसिक विकास के लिए एक बार अवश्य करें |
  • बृजमोहन अग्रवाल ने शिक्षा मंत्री के पद से भी दिया इस्तीफा

    बृजमोहन अग्रवाल ने आज मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया। कैबिनेट बैठक के बाद सीएम विष्णु देव साय को सौंपा त्यागपत्र।

    उल्लेखनीय की बृजमोहन अग्रवाल ने 17 जून को विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह के निवास में जाकर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था परंतु उसे समय उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया था शायद वह सोच रहे थे कि वह रायपुर दक्षिण के उपचुनाव तक मंत्री पद पर बने रहेंगे परंतु ऐसा नहीं हुआ और दो दिनों बाद ही आज कैबिनेट की बैठक के बाद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव सहाय को मंत्री पद से इस्तीफा देकर संभावनाओं पर विराम लगा दिया |

    विधानसभा सदस्यता और आज मंत्री पद से इस्तीफा के बाद बृजमोहन अग्रवाल पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधायक कहलाएंगे तथा आज के बाद वह पूरी तरह से रायपुर लोकसभा क्षेत्र के संसद के रूप में कार्य करेंगे रायपुर लोकसभा की समस्याओं को दिल्ली में रखकर उनके निराकरण के लिए आवाज उठाएंगे |

  • सुपेबेड़ा निवासियों को फ्लोराइड युक्त दूषित पानी से कब मिलेगी मुक्ति ?*
    सुपेबेड़ा निवासियों को फ्लोराइड युक्त दूषित पानी से कब मिलेगी मुक्ति ?* *किडनी की बीमारी के कारण कब तक रहेंगे मरते ?* *प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर घर नल जल योजना की गारंटी हुई फेल* सन 2000 में छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना, 3 साल तक कांग्रेस की सरकार रही, रायपुर के पूर्व कलेक्टर अजीत जोगी प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, उसके बाद चुनाव हुए तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में बनी और छत्तीसगढ़ के पहले इलेक्टेड मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह बने जो लगातार 15 सालों तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे | आप लोग सोच रहे होंगे यह सब क्यों बताया जा रहा है ? यह तो सबको पता है, परंतु हम आपको बता दें कि 3 साल के कांग्रेस के कार्यकाल और 15 साल भारतीय जनता पार्टी के शासन के बाद फिर 2018 से 2023 तक कांग्रेस का शासन छत्तीसगढ़ में रहा और इस दौरान भूपेश बघेल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे | इन 23 सालों में छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा नामक गांव के निवासी साफ पीने के पानी के अभाव में किडनी की बीमारी से मौत के शिकार होते रहे डॉक्टर रमन सिंह के 15 साल के कार्यकाल में उन्होंने सुपरबेड़ा के फ्लोराइड युक्त पानी से ग्रामीणों की मौत पर दुख तो व्यक्त किया मुआवजा भी दिया परंतु साफ पानी पहुंचाने में उनकी योजनाएं और घोषणाएं उनके मुंह की आवाज और कागज कलम तक सीमित रह गई , सुपेबेड़ा गांव के नागरिक मजबूरी में फ्लोराइड युक्त दूषित पानी पी पीकर किडनी की बीमारी से ग्रसित होकर अपनी जान गंवा रहे हैं, ग्राम वासियों को शासन प्रशासन की तरफ से पीने का स्वच्छ पानी नसीब नहीं हो रहा है, भाजपा शासन के बाद कांग्रेस सरकार के 5 सालों के दौरान भी नेता, मंत्री, डॉक्टर और अनुसंधान टीम के साथ-साथ पूर्व राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उईके ने भी इस दूषित पानी वाले गांव का दौरा कर उनकी पीड़ा को समझा और शीघ्र स्वच्छ साफ पीने के पानी की व्यवस्था करने के निर्देश राज्य शासन को दिए परंतु आज की तारीख तक भी गरियाबंद जिले के इस सुपेबेड़ा गांव में पीने का स्वच्छ साफ पानी उपलब्ध नहीं हो पाया है | गांव से करीब 2 किमी की दूरी पर तेल नदी है। इसका पानी मुहैया कराने की मांग कई बार ग्रामीण कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में साल 2008 से लेकर 2019 तक किडनी मरीजों की संख्या 160 का आंकड़ा पार चुकी है। इनमें से 32 मरीजों की जान चली गई। पूर्व की भाजपा सरकार के कार्यकाल में सुपेबेड़ा में मौतों का सिलसिला शुरू हुआ, लेकिन सरकार ने 2016 तक कोई ध्यान नहीं दिया। 2017 में जब मौतों की खबरें अखबारों की हेडलाइन बनीं तो सरकार जागी। तत्कालीन मंत्रियों ने दौड़ा लगाई। डॉक्टरों को भी भेजा गया। कैंप लगाए गए, गंभीर मरीजों को रायपुर रेफर किया गया। जबलपुर आइसीएमआर की टीम पहुंची। जांच में सामने आया कि पानी में ही खराबी है। इनमें फ्लोराइड समेत अन्य हानिकारक मिनरल्स पाए गए हैं, जो सीधे किडनी को इफैक्ट कर रहे हैं। तत्कालीन सरकार ने निजी अस्पतालों की मदद भी ली, लेकिन मरीजों की संख्या ने कम होने का नाम नहीं लिया। 2018 के बाद कांग्रेस की सरकार ने सुपेबेड़ा में शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए योजना बनाई है। करीब दो करोड़ रुपये की इस योजना से पास में बहती तेल नदी से पानी पहुंचाया जाएगा। तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने यहां दौरा किया था। गांव के लोगों से बात की, समस्याएं सुनीं और फिर सरकार ने गांव वालों को स्वच्छ साफ पानी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया परंतु वह आश्वासन आज तक आश्वासन ही बना हुआ है | अब छत्तीसगढ़ में पुनः भारतीय जनता पार्टी का शासन है और 6 माह बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वास्थ्य विभाग की बैठक में सुपेबेड़ा के दूषित पानी के कारण किडनी की बीमारियों की रोकथाम के लिए कार्य योजना तैयार की है, जिसके अनुसार सुपेबेड़ा में एक किडनी यूनिट आरंभ करने की व्यवस्था की जाएगी | सुपेबेड़ा के निवासियों को किडनी संबंधी समस्याओं से पूरी तरह मुक्त किया जाएगा | मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस मैराथन बैठक में सुपेबेड़ा गांव के लिए स्वच्छ पीने के पानी की व्यवस्था पर कोई निर्णय नहीं लिया है, इसे इस तरह भी कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री ने गांव तक नदी से पिछली रमन सरकार द्वारा घोषित पाइपलाइन बिछाकर शुद्ध स्वच्छ पीने लायक पेयजल पहुंचाने की योजना की समीक्षा नहीं की और ना ही अभी की समीक्षा बैठक में सुपेबेड़ा के निवासियों को दूषित फ्लोराइड युक्त पानी से मुक्ति दिलाने की कोई नई कार्य योजना भी नहीं बनाई है | *मोदी की गारंटी यहां फेल हो रही है* देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर घर नल जल योजना का लाभ भी छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के सुपे बेड़ा गांव के किडनी पीड़ित निवासियों को नहीं मिला और ना ही मिलने की उम्मीद है | CG 24 News - Singhotra
  • सिख समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले दो पुलिसकर्मी हुए निलंबित - धारा 295 A के तहत जुर्म दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग

    *पुलिस सिपाहियों ने सिख युवक की पगड़ी को सिर से गिराया - बाल खींचकर डंडों से की थी पिटाई*

    आरोपी पुलिस कर्मियों पर जानबूझकर और दुर्भावना पूर्वक धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धारा 295 A के तहत जुर्म दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग

    महिंद्रा ट्रेवल्स के पीड़ित ड्राइवर बहादुर सिंह ने सिख समाज को पत्र लिखकर पगड़ी गिराकर जुड़ा पड़कर, बाल खींच कर, धार्मिक - सामाजिक गलियां देने, बिना वजह मारपीट करने के लिए थाना टिकरापारा के सिपाहियों के खिलाफ जानकारी देकर न्याय की मांग की |

    बहादुर सिंह की शिकायत प्राप्त होने के बाद समाज ने एक बैठक बुलाकर बहादुर सिंह के साथ टिकरापारा थाने के सिपाहियों द्वारा सिख समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने अर्थात पगड़ी गिरने और केस अर्थात बाल खींचकर अपमानित करने को गंभीरता से लेते हुए निर्णय लिया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप कर दोनों सिपाहियों पर धार्मिक भावनाओं के साथ छेड़छाड़ एवं खिलवाड़ करने की धाराओं के तहत जुर्म दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की जाएगी |

    सिख समाज के सभी गुरुद्वारों के प्रधान सहित समाज के लोग बड़ी संख्या में तेलीबांधा स्थित गुरुद्वारा बाबा बुड्ढा जी साहिब में एकत्रित होकर एसपी कार्यालय ना जाकर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा के बंगले पहुंचे, जहां गृह मंत्री विजय शर्मा ने सिख समाज के प्रतिनिधि मंडल की शिकायत को गंभीरता से सुना एवं प्रमाणित सीसीटीवी फुटेज को भी देखा | प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन सौंप कर महिंद्रा ट्रेवल्स के सिख ड्राइवर बहादुर सिंह की पगड़ी गिराकर बाल खींचकर धार्मिक विश्वासों का अपमान एवं धार्मिक भावनाओं का अपराधिक कृत्य किए जाने की धारा के तहत टिकरापारा थाने के सिपाहियों पर कार्यवाही करने की मांग की |

    उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा ने सिख समाज के प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए जाएंगे और नियमानुसार जुर्म दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी | यहां यह बताना जरूरी है कि सिख समाज द्वारा 13 जून की बैठक का समाचार सीजी 24 न्यूज़ में प्रसारित होने के बाद शासन - प्रशासन तत्काल सक्रिय हो गया था, सिख समाज के आक्रोश को मद्दे नजर रखते हुए शासन - प्रशासन ने जांच में पाया कि सिपाहियों द्वारा पीड़ित युवक बहादुर सिंह के साथ बिना वजह मारपीट की गई थी, नगर पुलिस अधीक्षक पुरानी बस्ती द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रस्तुत की गई जांच के आधार पर एसएसपी संतोष सिंह द्वारा टिकरापारा थाने के सिपाही चंद्रभान भदोरिया आर क्रमांक 1433 एवं सुरजीत सिंह सिंगर आर क्रमांक 1626 को निलंबित कर लाइन अटैच करने के आदेश जारी कर दिए |

    दो सिपाहियों को लाइन अटैच करने की कार्यवाही को अपर्याप्त बताते हुए सिख समाज के प्रतिनिधि मंडल ने आरोपी पुलिस कर्मियों पर जानबूझकर और दुर्भावना पूर्वक धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धारा 295 A के तहत जुर्म दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की | प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा को ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से गुरुद्वारा बाबा बुड्ढा जी साहब के प्रधान हरकिशन सिंह राजपूत गुरुद्वारा स्टेशन रोड के प्रधान सुरेंद्र सिंह छाबड़ा, अमरजीत सिंह छाबड़ा, मनमोहन सिंह सैलानी, दिलेर सिंह रंधावा, देवेंद्र सिंह रिसम, एडवोकेट मनोज छाबड़ा, मोनू सलूजा, दलजीत सिंह चावला, बंटी चावला, पाल सिंह, बलविंदर सिंह कलसी,बहादुर सिंह, गुरजीत सिंह, मनिंदर पाल भाटिया, अमितेश चड्डा, आईएस बग्गा सहित सिख समाज तथा पीड़ित सिख युवक के ड्राइवर साथी उपस्थित रहे | CG 24 News - 9301094242