Top Story
  • श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को सिक्ख समाज जीवित गुरु मानता है
    श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का गुरु गद्दी दिवस: सिख परंपरा में एक महत्वपूर्ण पर्व प्रकाश पर्व का महत्व श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का गुरु गद्दी दिवस सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है, जो गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु के रूप में प्रतिष्ठित करने की स्मृति में मनाया जाता है। यह दिवस हर साल कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपनी अंतिम वाणी में घोषणा की थी कि उनके बाद कोई भी मानव गुरु नहीं होगा, बल्कि सिख धर्म का मार्गदर्शन गुरु ग्रंथ साहिब जी के माध्यम से किया जाएगा। इसे "प्रकाश पर्व" के नाम से भी जाना जाता है और इसे व्यापक उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। गुरु ग्रंथ साहिब जी का महत्व गुरु ग्रंथ साहिब जी केवल एक धार्मिक ग्रंथ ही नहीं, बल्कि सिखों के लिए जीवित गुरु के समान हैं। इसमें 1430 अंगों (पन्नों) में सिख धर्म के दस गुरुओं के अलावा संत कबीर, भक्त रविदास, नामदेव, फरीद जैसे संतों की वाणी भी शामिल है। इसे "गुरु" का दर्जा देकर गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिख धर्म को एक दिशा और स्थायित्व प्रदान किया, जिससे सिख समुदाय को आत्म-निर्भरता का अहसास हुआ। गुरुद्वारों में विशेष कार्यक्रम गुरु गद्दी दिवस के अवसर पर सभी गुरुद्वारों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। अखंड पाठ, कीर्तन दरबार, शब्द कीर्तन और अरदास के माध्यम से भक्तगण गुरु ग्रंथ साहिब जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इस दिन कीर्तन दरबारों में गुरु ग्रंथ साहिब के शिक्षाओं का प्रचार और प्रसार किया जाता है। इसके अलावा, लंगर सेवा (सामुदायिक भोजन सेवा) का भी आयोजन होता है, जहाँ हर धर्म, जाति और वर्ग के लोग एक साथ बैठकर भोजन करते हैं, जो समानता का प्रतीक है। सिख परंपरा का संदेश और उद्देश्य गुरु ग्रंथ साहिब जी का गुरु गद्दी दिवस सिख समुदाय को एकता, सेवा और समर्पण के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। इस दिन गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाओं पर चिंतन किया जाता है, जिसमें मानवता, भाईचारे, करुणा, सहनशीलता और सत्य की शिक्षा मिलती है। यह दिवस हमें एक ऐसी दुनिया का निर्माण करने की प्रेरणा देता है जहाँ प्रेम, समानता और न्याय का साम्राज्य हो। प्रमुख स्थानों पर समारोह इस पर्व के अवसर पर पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर, आनंदपुर साहिब और पटना साहिब में विशेष समारोह आयोजित होते हैं। लाखों श्रद्धालु इन पवित्र स्थानों पर मत्था टेकने के लिए पहुंचते हैं और गुरु साहिब की शिक्षाओं का अनुसरण करने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं। देश-विदेश से भी श्रद्धालु इस पर्व में सम्मिलित होने के लिए आते हैं और अपनी आस्था को प्रकट करते हैं। गुरु गद्दी दिवस का समाज पर प्रभाव यह पर्व समाज में सौहार्द, एकता और सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। इस दिन के आयोजन का उद्देश्य है कि लोग गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाओं को अपने जीवन में आत्मसात करें और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करें। गुरु ग्रंथ साहिब के सिद्धांतों पर चलकर हम एक सशक्त और शांतिपूर्ण समाज की स्थापना कर सकते हैं। निष्कर्ष गुरु गद्दी दिवस सिख धर्म के अनुयायियों के लिए एक ऐसा पर्व है, जो उन्हें अपने धर्म और परंपराओं के प्रति और अधिक श्रद्धा से जोड़ता है। यह पर्व गुरु ग्रंथ साहिब जी की शिक्षाओं के महत्व को उजागर करता है और लोगों को एकता, प्रेम और समर्पण के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। cg24news.in
  • छत्तीसगढ़ में अपराध की स्थिति
    छत्तीसगढ़ में अपराध की स्थिति पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट 1. *संगठित अपराध और अपराध दर में वृद्धि* हाल के वर्षों में छत्तीसगढ़ में अपराध दर में वृद्धि देखी गई है, जिसमें संगठित अपराध, चोरी, डकैती और हत्याओं की घटनाओं में भी बढ़ोतरी हो रही है। पुलिस विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस वृद्धि का मुख्य कारण नगरीकरण, बेरोजगारी और बढ़ती आर्थिक असमानता को माना जा रहा है। 2. माओवाद और नक्सलवाद: छत्तीसगढ़ के बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और नारायणपुर जैसे इलाके लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहे हैं। माओवादियों का प्रभाव इन क्षेत्रों में अब भी सक्रिय है, जिससे जन सुरक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ता है। सरकार ने विशेष बलों और सुरक्षा अभियान चलाकर माओवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने के प्रयास किए हैं, लेकिन इस समस्या का पूरी तरह से समाधान नहीं हुआ है। 3. महिला अपराध और बाल अपराध: महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध भी एक गंभीर समस्या बन चुकी है। विशेषकर महिलाओं के प्रति दुष्कर्म, घरेलू हिंसा, और बच्चों के शोषण के मामले काफी संख्या में दर्ज हो रहे हैं। पुलिस द्वारा इन मामलों पर तेजी से कार्रवाई करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अपराध दर में स्थिरता नहीं आई है। 4. साइबर क्राइम: टेक्नोलॉजी के विकास के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में साइबर अपराध के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। साइबर धोखाधड़ी, फ़िशिंग, और ऑनलाइन वित्तीय घोटालों से लोग प्रभावित हो रहे हैं। पुलिस ने साइबर क्राइम सेल का गठन किया है ताकि इस प्रकार के अपराधों पर नियंत्रण किया जा सके, लेकिन साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण पाने में चुनौतियां आ रही हैं। 5. *कानून व्यवस्था और पुलिस की भूमिका* छत्तीसगढ़ पुलिस राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अनेकों प्रयास कर रही है। इनमें CCTV निगरानी, सामुदायिक पुलिसिंग, और नशामुक्ति अभियान जैसे कदम शामिल हैं। पुलिस की मौजूदगी से कई इलाकों में अपराध पर नियंत्रण पाया गया है, लेकिन सीमित संसाधनों और बल की कमी के कारण चुनौतियां बनी हुई हैं। 6. *राज्य सरकार के प्रयास* राज्य सरकार अपराध पर नियंत्रण के लिए सख्त कानून लागू कर रही है। इसके अलावा, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। युवा वर्ग के लिए रोजगार सृजन के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि बेरोजगारी के कारण अपराध की ओर जाने की संभावना कम हो सके। वहीं दूसरी तरफ राज्य में अपराधों को लेकर विपक्ष लगातार हमले कर रहा है - सत्ता पक्ष को घेर रहा है | विपक्षी कांग्रेस द्वारा बलौदा बाजार अग्निकांड, कवर्धा के अलावा राजधानी में हो रही हत्याओं को लेकर सत्ता पक्ष पर अपराध नियंत्रण न कर पाने के आरोप लगाए जा रहे है | निष्कर्ष : छत्तीसगढ़ में अपराध पर नियंत्रण के लिए पुलिस और सरकार कई स्तरों पर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन चुनौतियों की जड़ें गहरी हैं। संगठित अपराध, माओवाद, साइबर अपराध और महिलाओं एवं बच्चों के प्रति अपराधों को नियंत्रित करने के लिए अभी भी सतत प्रयासों और योजनाओं की जरूरत है। छत्तीसगढ़ को अपराध-मुक्त राज्य बनाने के लिए जागरूकता अभियान, प्रभावी कानूनों और समन्वित सुरक्षा प्रयासों की आवश्यकता है। (सूत्र : छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग की रिपोर्ट और राज्य सरकार के उपलब्ध दस्तावेज )
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (CRIYN) रायपुर का किया वर्चुअली शिलान्यास

     

     

    10 एकड़ क्षेत्र में 24 माह में तैयार होगा 100 बिस्तरों का केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान
    CRIYN से प्रशिक्षण लेकर स्वरोजगार की तरफ अग्रसर होंगे छत्तीसगढ़ के युवा: स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल
    रायपुर, 29 अक्टूबर 2024

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने  केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (CRIYN) रायपुर  का किया वर्चुअली शिलान्यास

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने  केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (CRIYN) रायपुर  का किया वर्चुअली शिलान्यास

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने  केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (CRIYN) रायपुर  का किया वर्चुअली शिलान्यास

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने  केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (CRIYN) रायपुर  का किया वर्चुअली शिलान्यास
    देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर वर्चुअल माध्यम से रायपुर में बनने वाले 100 बिस्तरों वाले केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (CRIYN) का शिलान्यास किया।प्रधानमंत्री श्री मोदी अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से रायपुर से जुड़े थे। श्री मोदी ने कहा कि देश के लोग जितना ज्यादा स्वस्थ रहेंगे, देश की प्रगति उतनी ही तेजी से होगी। पूरी दुनिया के लोग योग और पंचकर्म के लिए भारत आते हैं और आने वाले समय में इनकी संख्या और बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में संवेदनशीलता के साथ काम रही है।
    केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान रायपुर को केन्द्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (सीसीआरवायएन) के तहत स्थापित किया जा रहा है। 90 करोड़ रूपए की लागत से इस संस्थान का निर्माण 24 माह में पूरा होगा। राज्य सरकार ने इस संस्थान के लिए 10 एकड़ की भूमि विभाग को उपलब्ध करा दी है। यह छत्तीसगढ़ का पहला योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र और अस्पताल होगा जो गैर संचारी रोगों जैसे मोटापा, प्रीडायबिटीज, मेटाबोलिक सिंड्रोम, व गठिया आदि के  उपचार की सुविधा प्रदान करेगा।
    अनुसंधान केन्द्र में बाह्य रोगी और प्रशासनिक ब्लॉक, आंतरिक रोगी ब्लॉक, स्टाफ क्वार्टर, योग हॉल, आहार केन्द्र, मालिश और फिजियोथेरेपी अनुभाग के साथ ही अनुसंधान ब्लॉक भी स्थापित होंगे। यह केन्द्र स्पा और वेलनेस थेरेपी में प्रशिक्षण प्रमाणन पाठ्यक्रम और अनुसंधान में फेलोशिप पाठ्यक्रम संचालित करेगा।
    केंद्र में वेलनेस थिरेपी में प्रशिक्षण प्रमाणन पाठ्यक्रम और अनुसंधान में फेलोशिप पाठ्यक्रम का भी संचालन होगा। इस संस्थान के शुरू होने से योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रभावों के बारे में नए ज्ञान का विकास होगा।
    इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अपने संबोधन में कहा कि भारत देश अपनी पुरानी पद्धतियों को संजोकर लगातार आगे बढ़ रहा है। श्री जायसवाल ने कहा कि आज धनतेरस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राज्य को केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के रूप में जो उपहार दिया है उसे हम और हमारी आने वाली पीढ़ियां भी याद करती रहेंगी। उन्होंने कहा कि इस अनुसंधान केंद्र के स्थापित हो जाने के बाद राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। युवा यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर सक्षम बनेंगे और स्वरोजगार को बढ़ावा देंगे। उन्होंने कहा कि भारत देश योग और आयुर्वेद में सदैव अग्रणी रहा है और इस तरह के अनुसंधान केंद्रों के खुलने से इस परंपरा को और बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के चतुर्मुखी विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं। राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार ,मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शामिल है।
    रायपुर के डीडीयू ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, विधायक श्री खुशवंत साहेब, विधायक श्री मोती लाल साहू, आयुष विभाग के अधिकारी एवं आयुर्वेद कॉलेज के विद्यार्थी उपस्थित थे।

  • कांग्रेस के खिलाफ थाने पहुंची भाजपा : चुनाव आयोग से भी करेंगे शिकायत
    भारतीय जनता पार्टी रायपुर द्वारा थाना सिविल लाइन में कांग्रेस के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत में भाजपा ने कांग्रेस पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन, अभद्र भाषा का प्रयोग, और फर्जी वीडियो प्रसारित करने के आरोप लगाए हैं। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस द्वारा सोशल मीडिया और विभिन्न प्लेटफार्मों पर भाजपा नेताओं के खिलाफ भ्रामक और अपमानजनक सामग्री का प्रचार किया जा रहा है, जो कि न केवल चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है, बल्कि समाज में गलत संदेश भी फैलाता है। इस शिकायत में भाजपा ने कांग्रेस के कुछ सदस्यों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। भारतीय जनता पार्टी रायपुर दक्षिण चुनाव संयोजक व विधायक शिवरतन शर्मा व विधायक अजय चंद्राकर के नेतृत्व में भाजपा पदाधिकारी सिविल लाइन थाना पहुंचे | भाजपा के नेताओं ने कहा है कि कांग्रेस के इस तरह के कृत्यों से चुनावी माहौल को दूषित करने का प्रयास किया जा रहा है और जनता को भ्रमित किया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि कांग्रेस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और ऐसे कृत्यों पर लगाम लगाई जाए ताकि चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से संपन्न हो सके। इस शिकायत के साथ भाजपा ने सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए वीडियो और पोस्ट के साक्ष्य भी प्रस्तुत किए हैं, जिनमें कथित तौर पर फर्जी जानकारियां फैलाई गई हैं। थाना सिविल लाइन के थानेदार रोहित पुलिस ने इस मामले पर जांच शुरू कर दी है और कहा है कि यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो उचित कार्रवाई की जाएगी। राजनीतिक दलों के बीच इस प्रकार की शिकायतों से राज्य में चुनावी माहौल गर्माता दिख रहा है और आगामी चुनावों में इसकी गूंज भी सुनाई दे सकती है।cg24news.in
  • दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने एनआईटी रायपुर ने 1044 बी.टेक और बी.आर्क छात्रों, 225 एमसीए और एम.टेक छात्रों, और 170 पीएचडी छात्रों को डिग्रियाँ प्रदान कीं
    एनआईटी रायपुर में 14वां दीक्षांत समारोह किया गया आयोजित, भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु रही मुख्य अतिथि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर ने 25 अक्टूबर, 2024 को अपना 14वां दीक्षांत समारोह पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित किया, जिसमें भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। इस समारोह में छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, और माननीय राज्य मंत्री, नगरीय एवं नगर योजना तोखन साहू भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। समारोह की अध्यक्षता एनआईटी रायपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. सुरेश हावरे ने की और इस कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना ,सीनेट सदस्य, रजिस्ट्रार, डीन, विभागाध्यक्ष और संकाय सदस्य उपस्थित रहे। इस दीक्षांत समारोह में एनआईटी रायपुर ने 1044 बी.टेक और बी.आर्क छात्रों, 225 एमसीए और एम.टेक छात्रों, और 170 पीएचडी छात्रों को डिग्रियाँ प्रदान कीं। कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को 13 गोल्ड और 12 सिल्वर मेडल बी.टेक और बी.आर्क के लिए और 11 गोल्ड तथा 11 सिल्वर मेडल एमसीए और एम.टेक के लिए दिए गए। कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के बी.टेक छात्र यश बंसल को संस्थान का ओवरऑल टॉपर घोषित किया गया। अपने संबोधन में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने सभी स्नातक छात्रों को उनकी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर बधाई दी और शिक्षकों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा, "आज, जब आप जीवन के एक नए अध्याय में कदम रख रहे हैं, तो दुनिया की चुनौतियों का समाधान करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका को हमेशा याद रखें। एनआईटी रायपुर में अर्जित ज्ञान का उपयोग जलवायु परिवर्तन, वैश्विक भूख, गरीबी और तकनीकी विकास जैसी चुनौतियों को सुलझाने में करें।" श्रीमती मुर्मू ने भारत की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में उपलब्धियों का उल्लेख किया और हालिया नोबेल पुरस्कारों उधारण दिया, जो एआई में प्रगति की ओर इशारा करते हैं। उन्होंने भारत के स्टार्टअप और नवाचार को समर्थन देने के संकल्प को दोहराया और स्नातकों को प्रेरित किया कि वे इस क्षेत्र में योगदान दें और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जैसे वैज्ञानिकों की विरासत को आगे बढ़ाएं। छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने श्रीमती मुर्मु का आभार व्यक्त किया, और उनके दीक्षांत समारोह में शामिल होने को सभी उपस्थितजनों के लिए गर्व और प्रोत्साहन का स्रोत बताया। उन्होंने एनआईटी रायपुर की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा, "छत्तीसगढ़ के लिए यह गर्व का क्षण है कि हमारे छात्र इतने प्रतिष्ठित संस्थान से स्नातक हो रहे हैं। इंजीनियरिंग शिक्षा केवल तकनीकी ज्ञान तक सीमित नहीं है; यह ज्ञान को समाज की जरूरतों के साथ जोड़ने का माध्यम है।" उन्होंने स्नातकों से छत्तीसगढ़ के विकास में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया। "छत्तीसगढ़, जहाँ अधिकतर जनसंख्या ग्रामीण और वन क्षेत्रों में निवास करती है, ग्रामीण और पर्यावरणीय विकास में युवाओं के तकनीकी कौशल से बहुत लाभान्वित हो सकता है"। मुख्यमंत्री साय ने छात्रों को प्रेरित किया कि वे अपने ज्ञान का उपयोग अपने आसपास के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में करें और राज्य को प्रगति की ओर अग्रसर करें। माननीय राज्यपाल श्री रमेन डेका ने स्नातकों को उनके कठिन परिश्रम और उपलब्धियों के लिए बधाई दी। अपने संबोधन में उन्होंने छात्रों को दृढ़ संकल्प और साहस बनाए रखने का महत्व बताया। उन्होंने कहा, "आज की चुनौतियाँ जटिल हैं, जिनमें जलवायु परिवर्तन, लैंगिक असमानता और बेरोजगारी शामिल हैं। लेकिन एक इंजीनियर के रूप में आपके पास इन क्षेत्रों में बदलाव लाने के लिए अद्वितीय कौशल और दृष्टिकोण हैं।" श्री डेका ने छात्रों से अनुरोध किया कि वे केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समाज की सेवा के लिए अपने ज्ञान का उपयोग करें। "कठिन परिस्थितियों से डरें नहीं। आपकी शिक्षा का उद्देश्य केवल पेशेवर उत्कृष्टता नहीं है, बल्कि वैश्विक मुद्दों को संबोधित करना और अपने तकनीकी कौशल से सतत विकास लाना है," उन्होंने जोर दिया। उनकी बातों ने छात्रों को इस बात की याद दिलाई कि उनकी जिम्मेदारियाँ कार्यस्थल से आगे जाकर एक बेहतर भविष्य की दिशा में योगदान देने में निहित हैं। संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ सुरेश हावरे ने अपने भाषण में भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें राष्ट्रपति मुर्मु के आगमन से अत्यंत हर्ष की अनुभूति हो रही है | उन्होंने माननीय राष्ट्रपति की जीवन यात्रा पर बात करते हुए कहा कि माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी की यात्रा गांव से ज्ञान तक की यात्रा है | उन्होंने उनकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और कहा कि हमें माननीय राष्ट्रपति के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए| उन्होंने सभी से खुद की क्षमता पहचानने और कभी एक सीमा में न बंधे रहने की बात कही | उन्होंने कहा कि बड़े चैलेंज लो और बड़े बनो , हार से निराश न हो बल्कि उससे सिख के और बड़ी जीत की और बढ़ो | अपने भाषण में एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव ने माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु व अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और संस्थान की 1956 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में स्थापना से लेकर 2005 में इसे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के रूप में परिवर्तित होने तक की यात्रा को साझा किया। उन्होंने संस्थान की उपलब्धियों की सराहना की, जिसमें 2025 के टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में #1001-1200 की रैंकिंग और एनआईआरएफ इंजीनियरिंग श्रेणी में 71वीं रैंक (48.88 अंक) शामिल है। डॉ. राव ने संस्थान की हाल की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया: 95 प्रायोजित शोध परियोजनाएँ (32.9 करोड़ रुपये मूल्य), 43 एमओयू पर हस्ताक्षर, शहरी योजना में पीजी पाठ्यक्रम की शुरुआत, और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की सूची में 15 शिक्षक शामिल थे। इसके अतिरिक्त, संस्थान के संकाय और छात्रों को 14 पेटेंट और डिज़ाइन पुरस्कार प्राप्त हुए, जो नवाचार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ सुरेश हावरे ने अपने भाषण में भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें राष्ट्रपति मुर्मु के आगमन से अत्यंत हर्ष की अनुभूति हो रही है | उन्होंने माननीय राष्ट्रपति की जीवन यात्रा पर बात करते हुए कहा कि माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी की यात्रा गांव से ज्ञान तक की यात्रा है | उन्होंने उनकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और कहा कि हमें माननीय राष्ट्रपति के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए| उन्होंने सभी से खुद की क्षमता पहचानने और कभी एक सीमा में न बंधे रहने की बात कही | उन्होंने कहा कि बड़े चैलेंज लो और बड़े बनो , हार से निराश न हो बल्कि उससे सिख के और बड़ी जीत की और बढ़ो | कार्यक्रम के दूसरे भाग में पी एच डी विद्यार्थीयों को उपाधि प्रदान की गई साथ ही पी जी प्रोग्राम के विद्यार्थियों को मेडल्स प्रदान किए गए | इसके अतिरिक्त अन्य विद्यार्थियों को भी डिग्री प्रदान की गई | समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिससे एनआईटी रायपुर के स्नातक छात्रों, संकाय और विशिष्ट अतिथियों के लिए यह एक यादगार दिन बन गया।
  • राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के 14 वें दीक्षांत समारोह में पहुंची

    राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम पहुंची

    राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के 14वें दीक्षांत समारोह में की शिरकत

    छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमेन डेका, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री श्री तोखन साहू भी दीक्षांत समारोह में मौजूद

    रायपुर, 25 अक्टूबर 2024

    राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के 14वें दीक्षांत समारोह में की शिरकत

    राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के 14वें दीक्षांत समारोह में की शिरकत

    राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के 14वें दीक्षांत समारोह में की शिरकत

    राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के 14वें दीक्षांत समारोह में की शिरकत

    राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के 14वें दीक्षांत समारोह में की शिरकत

    राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के 14वें दीक्षांत समारोह में की शिरकत

    राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम पहुंची

    राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के 14वें दीक्षांत समारोह में की शिरकत

    छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमेन डेका, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री श्री तोखन साहू भी दीक्षांत समारोह में मौजूद

    राष्ट्रपति के मुख्य आतिथ्य में पहली बार राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का दीक्षांत समारोह हो रहा आयोजित

    राष्ट्रपति के हाथों 11 होनहार विद्यार्थियों को मिलेगा 12 स्वर्ण  पदक

    यश बंसल को मिलेंगे दो स्वर्ण पदक , कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग शाखा तथा संस्थान में ओवर ऑल टॉपर बनने पर

    दीक्षांत समारोह में 1439 विद्यार्थियों को  मिलेगी डिग्री

    ऑडिटोरियम उत्साही विद्यार्थियों से भरा हुआ

    राष्ट्रपति के साथ गोल्ड मेडलिस्ट का हो रहा फोटो सेशन

  • गोल्डन टेंपल के पहले हेड ग्रंथि बाबा बुड्ढा जी साहिब का जन्मोत्सव कार्यक्रम

    *गोल्डन टेंपल के पहले हेड ग्रंथि बाबा बुड्ढा जी साहिब का जन्मोत्सव कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया |*

    रायपुर, 23 अक्टूबर 2024 : तेलीबांधा स्थित गुरुद्वारा धन-धन बाबा बुड्ढा जी साहब में बाबा बुड्ढा जी साहिब का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह अमृत वेले से हुई, जिसमें गुरबाणी का पाठ और कीर्तन का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में गुरुद्वारे में उपस्थिति दर्ज कराई और अरदास में हिस्सा लिया।

    इस अवसर पर गुरुद्वारे में विशेष कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया जिसमें दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी जत्था भाई जुझार सिंह जी, कथा वाचक भाई जसवंत सिंह जी परवाना, टाडी जत्था भाई मनवीर सिंह जी ने अपनी टीम के साथ और गुरुद्वारा धन-धन बाबा बुड्ढा जी साहब तेलीबांधा के भाई बाज सिंह जी ने अपनी प्रस्तुतियों से संगत को निहाल (भाव-विभोर) किया।

    मुख्य ग्रंथी द्वारा बाबा बुड्ढा जी साहिब के जीवन और उनके योगदान पर प्रवचन दिए गए, जिसमें उन्होंने बताया कि बाबा बुड्ढा जी सिख इतिहास के महान संतों में से एक थे, जिन्होंने गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु हरगोबिंद साहिब जी तक की सेवा की, उनका सिख धर्म में महत्वपूर्ण स्थान है।

    धन धन बाबा बुड्ढा जी साहब के जन्मदिवस के अवसर पर तीन दिन तक महान कीर्तन दरबार का आयोजन हुआ जिसमें रायपुर सहित छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से संगत (श्रद्धालुओं ) ने बढ़-चढ़ का हिस्सा लिया |

     

    *बाबा बुड्ढा जी साहब के जन्म दिवस समारोह के अवसर पर हिंदू, मुस्लिम एवं ईसाई समाज के आर्च बिशप हेनरी - छ.ग. हैड, शफीक अहमद खान - जमाते इस्लामी छग हैड, मोबिन खान - जमाते इस्लामी, सेबेस्टियन - सचिव सर्व आस्था मंच, हसैनी हसन - सर्व आस्था मंच, जान राजेश पाल - अध्यक्ष चर्च कोर्ट सेंटपाल कैथ्रेडल, एड‌वोकेट आदित्य झा, शैलेन्द्र सिंह कौशल, प्रेम शंकर गौंठिया, एडवोकेट फैजल रिजवी, मोहम्मद सिराज - आल इंडिया मुस्लिम फाउंडेशन ने उपस्थित होकर कौमी एकता का परिचय देते हुए, सर्वधर्म एकता की बात करते हुए गुरुद्वारा में माथा टेक कर अरदास में शामिल हुए, सभी ने एक साथ गुरु का लंगर भी ग्रहण किया |

    * बाबा बुड्ढा जी साहब के जन्मदिवस अवसर पर आयोजित महान कीर्तन दरबार के अंतिम दिन हजारों श्रद्धालुओं ने लंगर रूपी प्रसाद ग्रहण किया। लंगर सेवा में सेवादारों ने पूरे समर्पण के साथ सेवा की जो गुरुद्वारों की पुरानी परंपरा है। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार हरकिशन सिंह राजपूत एवं सदस्य दिलेर सिंह रंधावा ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य बाबा बुड्ढा जी साहब के उपदेशों और शिक्षाओं को जनमानस तक पहुँचाना है, ताकि लोग उनकी आध्यात्मिकता और सेवाभाव से प्रेरणा ले सकें। *इस अवसर गुरुद्वारा साहिब के लिए समर्पित निष्काम भाव से सेवा करने वाले सभी समाज के लोगों को शॉल और मोमेंटो, स्मृति चिन्ह देकर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से सम्मानित किया गया |* श्रद्धालुओं ने कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और बाबा बुड्ढा जी साहिब के आशीर्वाद से अपनी आध्यात्मिक यात्रा को और भी मजबूत किया।

  • राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान NIT का 14वां दीक्षांत समारोह - राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू होगी मुख्य अतिथि

    राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर में 25 अक्टूबर, 2024 को आयोजित किया जाएगा 14वां दीक्षांत समारोह, भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू होगी मुख्य अतिथि

    राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2024 को दोपहर 3:00 बजे पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर में अपना 14वां दीक्षांत समारोह आयोजित करने जा रहा है। भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में समारोह की शोभा बढ़ाएंगी। छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल श्री रामेन डेका और छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय सम्माननीय अतिथि के रूप में कार्यक्रम में मौजूद होंगे।

    समारोह की अध्यक्षता एनआईटी रायपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. सुरेश हावरे करेंगे। एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन.वी. रमना राव, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स सदस्य सीनेट सदस्य, रजिस्ट्रार, डीन, विभागाध्यक्ष और संस्थान के संकाय सदस्य भी इस शुभ अवसर पर उपस्थित रहेंगे।

    समारोह के दौरान, बी.टेक और बी.आर्क प्रोग्राम के 1044 छात्रों, एमसीए और एम.टेक प्रोग्राम के 225 छात्रों और 170 पीएचडी विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की जाएगी। बी.आर्क और बी.टेक के टॉपर्स को कुल 13 स्वर्ण पदक और 12 रजत पदक प्रदान किए जाएंगे, जबकि एमसीए और एम.टेक के टॉपर्स को 11 स्वर्ण और 11 रजत पदक प्रदान किए जाएंगे।

    एनआईटी रायपुर ने 1956 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में अपनी यात्रा शुरू की और एक अद्वितीय और प्रतिष्ठित इतिहास से भरे 68 वर्षों में संस्थान ने कई उल्लेखनीय कार्य किये। संस्थान को एनआईटी का दर्जा 2005 में प्राप्त हुआ था, और 2007 में इसे राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया।

    दीक्षांत समारोह के दौरान स्नातक वर्ग के 11 लड़कियां और 13 लड़के पदक प्राप्त करेंगे। संस्थान के ओवरऑल टॉपर यश बंसल (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बी.टेक) हैं। दिशा जैन (सूचना प्रौद्योगिकी) और प्रियांशु कुमार (खनन अभियांत्रिकी) क्रमशः सेकंड ओवरऑल टॉपर और थर्ड ओवरऑल टॉपर हैं।

    इस साल एनआईटी रायपुर ने टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में bm शानदार पर्दापण किया और, #1001-1200 रेंज में स्थान हासिल कर संस्थान का परचम विश्व स्तर पर लहराया है। संस्थान 48.88 के अब तक के सर्वोच्च स्कोर के साथ इंजीनियरिंग श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर की एनआईआरएफ रैंकिंग में 71वें स्थान पर है। 2024-25 के सत्र में, आई. सी. एस. एस. आर. से 32.9 करोड़ रुपये की 95 प्रायोजित शोध परियोजनाएं प्राप्त हुई हैं। इस वर्ष वास्तुकला और योजना विभाग ने अर्बन प्लानिंग में एक नया पीजी पाठ्यक्रम भी शुरू किया है। वर्ष 2022-2023 के दौरान हुए 29 एमओयू को जोड़कर एनआईटी रायपुर द्वारा विभिन्न संस्थाओं जैसे सिपेट, बी एस पी इत्यादि संस्थानों के साथ अभी तक कुल 43 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके अलावा, संस्थान के 15 संकाय सदस्यों को वर्ष 2024 के लिए स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, यूएसए द्वारा जारी शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की प्रतिष्ठित विश्व रैंकिंग की सूची में नामित किया गया है। वर्ष 2023-24 के दौरान एनआईटी रायपुर के संकाय सदस्यों और छात्रों को 14 पेटेंट और डिजाइन प्रमाण पत्र प्राप्त हुए हैं, साथ ही, अंतःविषय अनुसंधान, उद्यमशीलता और नवाचार के जीवंत और लचीले वातावरण को बढ़ावा देने के लिए 'विज़न 2030' तैयार किया |

    रायपुर को यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि संस्थान के विगत वर्ष के 2023 बैच के छात्रों ने 823 प्लेसमेंट ऑफर हासिल किए हैं, जिसमें 728 यूजी और 95 पीजी छात्रों का चयन शामिल है, जिनकी औसत सीटीसी क्रमशः 14.36 लाख और 6.61 लाख प्रति वर्ष है। प्लेसमेंट देने वाली कम्पनियों में देश विदेश की नामी कम्पनियों जेन लिंक्डइन, एडोबी माइक्रोसॉफ्ट के नाम शामिल है। लिंक्डइन इंडिया द्वारा एक छात्र को 62 लाख रुपये प्रति वर्ष का उच्चतम पैकेज मिला है, जबकि पांच यूजी छात्रों को माइक्रोसॉफ्ट से 55 लाख रुपये प्रति वर्ष का पैकेज मिला है। 

    संस्थान ने लगातार अकादमिक उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित किया है। शैक्षणिक वर्ष 2024- 25 तक, एनआईटी रायपुर में 4135 बी.टेक., 195 बी. आर्क, 323 एमसीए, 295 एम.टेक, 99 एम.एससी. और 618 पीएचडी छात्र नामांकित हैं, जिससे कुल छात्र संख्या 5665 हो जाती है। संस्थान अपने छात्रों की सफलता में योगदान देने के लिए प्रयत्नशील है। छात्रों को लगभग सभी क्षेत्रों से प्लेसमेंट ऑफर मिले हैं, फिर चाहे वह कोर इंजीनियरिंग (पीएसयू सहित), सॉफ्टवेयर (आईटी उद्योग) सेवाएं हो या एनालिटिक्स और परामर्श सेवा हों।

    इस बीच 42 नए शामिल हुए संकाय सदस्यों को संस्था की ओर से 2.05 करोड़ रुपये की सीड ग्रांट अनुसंधान परियोजनाएं प्राप्त हुई हैं। इसके अलावा, संस्थान बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता देता है और नवीनतम तकनीकी प्रगति के साथ अद्यतन रहता है। हाल ही में, बोर्ड ने यूनिट ऑपरेशन प्रयोगशाला के स्थान पर जी +6 भवन के निर्माण को मंजूरी दी है। शारीरिक फिटनेस और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक नया स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स भी बनाया जा रहा है, इसके साथ ही भरेंगा भांटा में एक नए परिसर के निर्माण की प्रक्रिया भी चल रही है।

    एनआईटी रायपुर को प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित एजेंसियों जैसे डी.बी. टी., डी. एस. टी. और आई. सी. एस. एस. आर. से 32.9 करोड़ रुपये की 95 प्रायोजित शोध परियोजनाएं प्राप्त हुई हैं। इस वर्ष वास्तुकला और योजना विभाग ने अर्बन प्लानिंग में एक नया पीजी पाठ्यक्रम भी शुरू किया है। वर्ष 2022-2023 के दौरान हुए 29 एमओयू को जोड़कर एनआईटी रायपुर द्वारा विभिन्न संस्थाओं जैसे सिपेट, बी एस पी इत्यादि संस्थानों के साथ अभी तक कुल 43 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके अलावा, संस्थान के 15 संकाय सदस्यों को वर्ष 2024 के लिए स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, यूएसए द्वारा जारी शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की प्रतिष्ठित विश्व रैंकिंग की सूची में नामित किया गया है। वर्ष 2023-24 के दौरान एनआईटी रायपुर के संकाय सदस्यों और छात्रों को 14 पेटेंट और डिजाइन प्रमाण पत्र प्राप्त हुए हैं, साथ ही, अंतःविषय अनुसंधान, उद्यमशीलता और नवाचार के जीवंत और लचीले वातावरण को बढ़ावा देने के लिए 'विज़न 2030' तैयार किया


    एनआईटी रायपुर के छात्र हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रहे हैं। मेधा कुमारी और अर्शी खान, इस सत्र में टाटा स्टील वीमेन ऑफ मेटल सीजन 7 में राष्ट्रीय फाइनलिस्ट के रूप में उभरीं। साथ ही, संस्थान के पूर्व छात्र भी लगातार अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। अनुषा पिल्ले (धातुकर्म-2021) ने AIR 202, मयंक दुबे (सिविल-2016) ने AIR 313, प्राची राठी (मैकेनिकल-2020) ने AIR 443 और अभिषेक डांगे (मैकेनिकल-2016) ने UPSC 2023 परीक्षाओं में AIR 452 हासिल की है।

    एनआईटी रायपुर विद्यार्थियों के समग्र विकास में विश्वास करता है, जो किसी व्यक्ति के शारीरिक, बौद्धिक, नैतिक, भावनात्मक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सह-पाठ्यचर्या गतिविधियों पर जोर देता है। संस्थान, संस्थान के सदस्यों के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य जागरूकता सत्र आयोजित करता है। संस्थान द्वारा विभिन्न सामजिक जागरूकता कार्यक्रम जैसे स्वछता ही सेवा एवं उन्नत भारत अभियान के तहत गोद ग्रामों के विकास के लिए कार्य किये जाते हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ मौजूद विभिन्न छात्र क्लब भी शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में संतुलन बनाए रखने में भाग ले रहे हैं। यह क्लब हर वर्ष आयोजित कुछ महत्वपूर्ण कार्यक्रमः सांस्कृतिक उत्सव इक्लेक्टिका, श्रुति, समर इत्यादि कार्यक्रमों के द्वारा छात्रों में एक नयी उर्जा का संचार करते है।

    एनआईटी रायपुर देश की बेहतरी के लिए युवाओं को शिक्षित करने और उनके कौशल को बढ़ाने पर पूरी तरह से केंद्रित है, जिससे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में इसकी स्थिति मजबूत हुई है। संस्थान का यह 14वां दीक्षांत समारोह पूरे देश के विकास में योगदान देने की दिशा में एनआईटी रायपुर की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

  • जानें भारतीय जनता पार्टी की अदला बदली वाले प्रत्याशियों के बारे में
    बृजमोहन अग्रवाल और सुनील सोनी: रायपुर के दो प्रभावशाली नेताओं का तुलनात्मक अध्ययन छत्तीसगढ़ की राजनीति में बृजमोहन अग्रवाल और सुनील सोनी दोनों ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख नेता हैं, जिनका रायपुर की राजनीति में गहरा प्रभाव है। दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी भूमिकाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, लेकिन उनके व्यक्तित्व, राजनीतिक अनुभव, और काम करने के तरीके में कई भिन्नताएं भी हैं। इस रिपोर्ट में इन दोनों नेताओं का तुलनात्मक अध्ययन किया जा रहा है। 1. व्यक्तिगत परिचय और राजनीतिक करियर बृजमोहन अग्रवाल: बृजमोहन अग्रवाल का जन्म 1 मई 1959 को हुआ। वे छत्तीसगढ़ में भाजपा के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं। उनका राजनीतिक सफर 1980 के दशक में प्रारंभ हुआ, जब वे छात्र राजनीति से जुड़े और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य बने। बृजमोहन अग्रवाल 1990 से लगातार विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं और उन्होंने कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला है, जिनमें कृषि, जल संसाधन, धर्मस्व एवं पर्यटन विभाग शामिल हैं। रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से वे छह बार विधायक चुने गए हैं। सुनील सोनी: सुनील सोनी का जन्म 6 नवंबर 1960 को हुआ। वे रायपुर के प्रमुख राजनीतिज्ञ हैं और वर्तमान में रायपुर के सांसद हैं। उनका राजनीतिक करियर 1999 में रायपुर नगर निगम के महापौर बनने से शुरू हुआ, जहां उन्होंने जनता के बीच अपनी पहचान बनाई। सुनील सोनी ने 2019 में रायपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और विजय प्राप्त की। वे भी भाजपा के मजबूत नेताओं में गिने जाते हैं, लेकिन उनकी सक्रियता विधानसभा से अधिक संसदीय राजनीति में रही है। 2. राजनीतिक अनुभव और जनाधार बृजमोहन अग्रवाल: बृजमोहन अग्रवाल का राजनीतिक अनुभव लगभग चार दशकों का है। वे छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से ही राज्य की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा रहे हैं। उनके पास मजबूत जनाधार है, विशेषकर रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में। वे ग्रामीण और शहरी दोनों मतदाताओं के बीच समान रूप से लोकप्रिय हैं। मंत्री रहते हुए उन्होंने कृषि, जल संसाधन और पर्यटन क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया। उनके कुशल नेतृत्व और प्रशासनिक क्षमताओं के कारण उन्हें छत्तीसगढ़ में विकास पुरुष के रूप में भी जाना जाता है। सुनील सोनी: सुनील सोनी का जनाधार मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों, विशेषकर रायपुर में है। महापौर रहते हुए उन्होंने नगर निगम के कार्यों में जनता के प्रति उत्तरदायित्व और विकास कार्यों में पारदर्शिता के साथ प्रशासन चलाया। सांसद बनने के बाद वे राष्ट्रीय स्तर पर रायपुर की आवाज बने और लोकसभा में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। हालांकि विधानसभा चुनावों का अनुभव उनके पास सीमित है, लेकिन संसदीय राजनीति में उनकी सक्रियता और जनता से सीधे संवाद की क्षमता उनकी एक बड़ी ताकत है। 3. विकास कार्य और योगदान बृजमोहन अग्रवाल: बृजमोहन अग्रवाल ने अपने लंबे राजनीतिक करियर में रायपुर और पूरे छत्तीसगढ़ के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके कार्यकाल में रायपुर दक्षिण में बुनियादी ढांचे का विकास, सड़क निर्माण, जल आपूर्ति, और शहरी सौंदर्यीकरण जैसे कई कार्य किए गए। उन्होंने कृषि और जल संसाधन मंत्रालय में रहते हुए किसानों के हित में कई योजनाओं की शुरुआत की, जैसे कि सिंचाई परियोजनाओं का विस्तार और नई कृषि नीतियों का कार्यान्वयन। बृजमोहन को जमीनी स्तर पर विकास कार्यों का प्रणेता माना जाता है। सुनील सोनी: महापौर और सांसद के रूप में सुनील सोनी ने रायपुर शहर के विकास में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। उनके कार्यकाल में शहर में स्वच्छता अभियान, सड़क निर्माण, और शहरी योजनाओं को गति मिली। सांसद रहते हुए उन्होंने रायपुर में स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका ध्यान शहरी विकास और बुनियादी सेवाओं को सुधारने पर रहा है, जिसमें नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाना प्राथमिकता रही है। 4. राजनीतिक दृष्टिकोण और शैली बृजमोहन अग्रवाल: बृजमोहन अग्रवाल की राजनीतिक शैली बहुत ही सुलझी हुई और दूरदर्शी मानी जाती है। वे अपने अनुभव का उपयोग कर दूरगामी निर्णय लेने में सक्षम हैं। उनकी छवि एक जननेता की है, जो जनता के मुद्दों को लेकर हमेशा सजग रहते हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी ने रायपुर दक्षिण में एक मजबूत आधार बनाया है। वे सामुदायिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर भी ध्यान देते हैं, जिससे उन्हें विभिन्न समाजों का समर्थन प्राप्त है। सुनील सोनी: सुनील सोनी की राजनीति जनता के साथ सीधे संवाद और सक्रियता पर केंद्रित है। वे जनहित के मुद्दों को उठाने और जनता की समस्याओं को हल करने के लिए त्वरित निर्णय लेने में विश्वास करते हैं। उनकी छवि एक सहज, विनम्र, और जनता के बीच लोकप्रिय नेता की है। संसदीय राजनीति में रहते हुए उन्होंने कई बार राष्ट्रीय मंच पर रायपुर की समस्याओं को उजागर किया है, जो उनकी रणनीतिक सोच को दर्शाता है। 5. लोकप्रियता और चुनौतियां बृजमोहन अग्रवाल: बृजमोहन अग्रवाल की लोकप्रियता रायपुर दक्षिण क्षेत्र में व्यापक है, और वे लगातार कई बार इस सीट से जीतते आ रहे हैं। हालांकि, लंबे समय से इस सीट पर होने के कारण उनके सामने विरोधियों द्वारा सत्ता विरोधी लहर (एंटी-इन्कम्बेंसी) का सामना करना पड़ सकता है। इसके बावजूद, उनका मजबूत संगठनात्मक ढांचा और जनता के बीच गहरी पैठ उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाते हैं। सुनील सोनी: सुनील सोनी की लोकप्रियता शहरी क्षेत्रों में अधिक है, और रायपुर शहर के मतदाताओं के बीच उनकी अच्छी पकड़ है। हालांकि, विधानसभा चुनावों में उनका अनुभव सीमित है, जो उनके सामने एक चुनौती हो सकती है। लेकिन उनकी सरल और सीधे संवाद की शैली और सांसद के रूप में किया गया कार्य उनकी ताकत है, जो उन्हें मतदाताओं के बीच पसंदीदा बना सकता है। निष्कर्ष: बृजमोहन अग्रवाल और सुनील सोनी दोनों ही भाजपा के प्रमुख नेता हैं, लेकिन उनके राजनीतिक करियर, कार्यशैली, और जनाधार में भिन्नताएं हैं। जहां बृजमोहन अग्रवाल का अनुभव और प्रशासनिक कौशल उन्हें राज्यस्तरीय राजनीति में एक सशक्त नेता बनाता है, वहीं सुनील सोनी की शहरी क्षेत्रों में लोकप्रियता और राष्ट्रीय राजनीति में उनकी सक्रियता उन्हें एक युवा, ऊर्जावान नेता के रूप में स्थापित करती है। आने वाले चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों नेता किस प्रकार अपने अनुभव और कार्यशैली से भाजपा को आगे बढ़ाते हैं।
  • रायपुर दक्षिण विधानसभा से सुनील सोनी भाजपा के प्रत्याशी घोषित: चुनावी मुकाबला हुआ दिलचस्प
    रायपुर दक्षिण विधानसभा से सुनील सोनी भाजपा के प्रत्याशी घोषित: चुनावी मुकाबला हुआ दिलचस्प भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से सुनील सोनी को प्रत्याशी घोषित कर आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक समीकरणों को नया मोड़ दे दिया है। सुनील सोनी, जो वर्तमान में रायपुर के सांसद हैं, लंबे समय से पार्टी के एक सशक्त और जनप्रिय नेता के रूप में पहचाने जाते हैं। उनके नाम की घोषणा के बाद, रायपुर दक्षिण का चुनावी मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है। सुनील सोनी की राजनीतिक पकड़ और उनके अनुभव को देखते हुए भाजपा ने उन पर विश्वास जताते हुए इस महत्वपूर्ण सीट से उन्हें उतारा है। रायपुर दक्षिण भाजपा का पारंपरिक गढ़ रहा है, और पार्टी को उम्मीद है कि सुनील सोनी के नाम से यहां की जनता का व्यापक समर्थन मिलेगा। उनका नामांकन भाजपा की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें पार्टी अनुभवी नेताओं को चुनावी मैदान में उतारकर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है। भाजपा द्वारा सोनी को प्रत्याशी घोषित किए जाने पर पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उत्साह का माहौल है। सुनील सोनी ने अपनी उम्मीदवारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे पार्टी के भरोसे पर खरा उतरने के लिए पूरी मेहनत करेंगे और जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे। रायपुर दक्षिण सीट पर हमेशा से ही कड़ा मुकाबला देखा गया है, और इस बार भी कांग्रेस और भाजपा के बीच संघर्ष रोचक होने की संभावना है। कांग्रेस भी इस क्षेत्र में मजबूत उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है, जिससे यह सीट चुनावी अखाड़े में चर्चा का केंद्र बन गई है। सुनील सोनी की उम्मीदवारी के बाद अब भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक उन्हें विजयी बनाने के लिए कमर कस चुके हैं। आगामी चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि रायपुर दक्षिण की जनता किसे अपना जनप्रतिनिधि चुनती है।
  • रेलवे के टिकट बुकिंग नियमों में बड़ा बदलाव

    रेल मंत्रालय ने भारतीय रेलवे के टिकट बुकिंग नियमों में बड़ा बदलाव किया है। रेलवे ने एक आधिकारिक आदेश में कहा है कि 1 नवंबर, 2024 से टिकटों के एडवांस आरक्षण की समय सीमा 120 दिन से घटाकर 60 दिन कर दी गई है। इसमें यात्रा की तिथि को शामिल नहीं किया गया है। रेलवे ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि विदेशी पर्यटकों के लिए 365 दिनों की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। टिकटों के एडवांस आरक्षण की अवधि में कमी का असर 31 अक्टूबर 2024 से पहले की गई बुकिंग पर भी नहीं पड़ेगा।

     

     

     जानिए कब लागू हो रहे नए नियम भारतीय रेलवे के आदेश के मुताबिक, 120 दिनों के एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (एआरपी) के तहत 31 अक्टूबर तक की सभी बुकिंग बरकरार रहेगी। नया नियम 1 नवंबर से होने वाली बुकिंग पर ही लागू होगा।

    रेलवे ने कहा कि एडवांस आरक्षण के लिए समय सीमा में कमी के बावजूद 60 दिनों के एआरपी से अधिक बुकिंग रद्द करने की अनुमति दी जाएगी।

    इन ट्रेनों की एडवांस बुकिंग में नहीं होगा बदलाव मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि ताज एक्सप्रेस और गोमती एक्सप्रेस जैसी कुछ दिन की एक्सप्रेस ट्रेनों के मामले में एडवांस आरक्षण की समय सीमा में कोई बदलाव नहीं होगा।

     टिकटिंग सिस्टम में ‘माई ट्रांजेक्शन’ एक नई सुविधा टिकटिंग सिस्टम में ‘माई ट्रांजेक्शन’ नामक एक नई सुविधा भी आई है, जिसमें यूजर यात्रा की तारीख, बुकिंग की तारीख, आगामी यात्रा और पूरी यात्रा के आधार पर टिकट बुक को देख सकता है। नए यूजर इंटरफेस ने मोबाइल, डेस्कटॉप, लैपटॉप और टैबलेट में आसानी से टिकट बुकिंग करने की सुविधा प्रदान की है। 

  • दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के दौरान सांप्रदायिक हिंसा
    उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में 13 अक्टूबर 2024 को दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई। महसी इलाके में यह विवाद तब शुरू हुआ जब मूर्ति विसर्जन के जुलूस में बज रहे संगीत को लेकर दो समुदायों के बीच झगड़ा हो गया। विवाद के दौरान पत्थरबाजी और गोलीबारी की घटनाएं हुईं, जिसमें 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्रा की गोली लगने से मृत्यु हो गई और कई लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद बहराइच में हिंसा और आगजनी की घटनाएं भी सामने आईं, जिसमें अस्पताल, मोटरसाइकिल शोरूम और मेडिकल स्टोर को आग के हवाले कर दिया गया। इसके चलते प्रशासन ने जिले में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया, जिसमें पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स भी शामिल थीं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ड्रोन के जरिए निगरानी की जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने मृतक का अंतिम संस्कार रोक दिया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। अब तक लगभग 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है, और हिंसा फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के दोषियों को कड़ी सजा देने का आश्वासन दिया है। हिंसा से प्रभावित इलाकों में प्रशासन स्थिति पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रहा है और इलाके की शांति बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान शुरू हुए सांप्रदायिक विवाद ने आसपास के कई इलाकों में तनाव बढ़ा दिया। इस हिंसा का केंद्र बहराइच का महसी तहसील था, लेकिन हिंसा की घटनाएं बहराइच के अन्य ग्रामीण इलाकों जैसे चंदपैया और कबाड़ीपुरवा गांवों में भी फैल गईं। इन इलाकों में आगजनी और झड़पें हुईं, जिसके कारण पुलिस को भारी संख्या में बल तैनात करना पड़ा। वर्तमान में हिंसा सिर्फ बहराइच जिले के कुछ क्षेत्रों तक सीमित रही है, और आसपास के जिलों में दंगे या फसाद की जानकारी नहीं मिली है।