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  • PM Modi के संज्ञान से तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख पर लग सकती है रोक !
    *तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख* नए भारत में मोदी जी के राज में भी इस तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख वाले डायलॉग में कोई बदलाव नहीं आया आखिर क्यों ? क्योंकि शायद मोदी जी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया होगा या फिर यह बात उनके संज्ञान में नहीं आई होगी क्योंकि यह तो तय है कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस कार्य के पीछे गंभीरता से लग जाते हैं उसका निराकरण करके ही छोड़ते हैं | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिंदुस्तान में लग रहे लंबित प्रकरणों के अंबार के बारे में संज्ञान लेना चाहिए और अपनी अन्य बड़ी योजनाओं को सफलता पूर्वक पुरी करने के लिए लक्ष्य की भांति देश के नागरिकों को शीघ्र न्याय दिलाने की योजना बनाकर अगर कोई दिशा निर्देश जारी करते हैं तो देश के नागरिकों को त्वरित न्याय की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक और महत्वपूर्ण कम होगा | *न्यायालयों में पेंडिंग केसों की बढ़ती संख्या और पुराने प्रकरणों के निपटान में कमी से नए केस जानबूझकर किए जा रहें हैं लंबित* यह तो सर्व विदित है कि न्यायालय में करोड़ो की संख्या में प्रकरण लंबित है, जिनके निपटारे के लिए जितनी संख्या में मजिस्ट्रेट ( judge) चाहिए उतने नियुक्त नहीं है | नेशनल लोक अदालतों के बावजूद लंबित प्रकरणों में कोई कमी नहीं आ रही है और जनता को कोई खास लाभ नहीं हो रहा है| अभियोजन पक्ष द्वारा नए प्रकरणों पर न्यायालय द्वारा रुचि नहीं ली जा रही है | *वहीं दूसरी तरफ अपराधों की बढ़ती संख्या के अलावा पारिवारिक विवाद के प्रकरण भी न्यायालय में प्रकरणों की गिनती बढ़ाने में आगे हैं |* अपराधों की बढ़ती संख्या और न्यायालयों में मजिस्ट्रेटों द्वारा प्रकरण निपटने के प्रतिशत में जमीन आसमान का अंतर है इसे ऐसे भी कहा जा सकता है कि जितने प्रकरण न्यायालय में प्रतिदिन निपटाए जाते हैं उनसे कई गुना ज्यादा प्रकरण न्यायालय में रोज दर्ज होते हैं | अब सवाल यह उठता है कि न्यायालय में जजों की कमी को पूरा करने में केंद्र सरकार या राज्य सरकारें अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं क्यों ? न्यायालयों में न्यायधीशों पर दबाव है कि एक्शन प्लान के तहत सबसे पहले 5 साल पुराने प्रकरणों को निपटाने की तरफ ध्यान दिया जाए, परंतु यह नहीं बताया जा रहा है कि नए प्रकरणों को निपटने के लिए या उनकी सुनवाई के लिए क्या किया जाए ? अब सवाल यह उठता है कि यदि सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और जिला जज द्वारा अगर यह फरमान जारी किया जाता है कि पुराने प्रकरणों पर ध्यान दिया जाए और उन्हें जल्द से जल्द निपटाया जाए तो ऐसे में नए प्रकरण जो दर्ज होते हैं उन्हें क्या 5 सालों के लिए पेंडिंग कर दिया जाएगा ? उन पर ध्यान नहीं दिया जाएगा ? नए प्रकरणों को निपटाने के लिए यदि गवाह उपस्थिति भी होते हैं तो उनके बयान दर्ज नहीं किए जाएंगे ? उन्हें बार-बार पेशियों में बुलाया जाएगा ? इस तरह उन्हें 5 सालों तक इंतजार कराया जाएगा ? क्या जब यह प्रकरण 5 साल पुराने हो जाएंगे तब कहीं जाकर उनकी सुनवाई होगी ? अगर यही हाल रहा तो अपराधों में लगातार वृद्धि होती जाएगी क्योंकि अपराधी समझने लग गए हैं कि प्रकरण तो लंबित रहेंगे अगले 5 साल तक के लिए और इन 5 सालों में वह मनमाने तरीके से अपराध कर सकते हैं क्योंकि एक बार जमानत मिलने के बाद जब तक प्रकरण 5 साल पुराना नहीं होगा तब तक उनके निपटारे, उनके फैसले, उन में सजा देने या बरी करने के लिए न्यायालय के न्यायधीश ध्यान नहीं देंगे और इस तरह अपराधी बेखौफ होकर और भी अपराध करते रहेंगे और पुलिस प्रशासन न्यायिक आदेशों के तहत मजबूर होकर उन पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर पाएगा जो की प्रशासनिक व्यवस्था की बड़ी चूक का रूप ले सकता है | ऐसे अनेक प्रकरण है जिसमें वकीलों को न्यायाधीशो द्वारा स्पष्ट रूप से कहा जाता है कि हमें निर्देश हैं कि पहले 5 साल पुराने केस निपटाने हैं | इसलिए हम नजदीकी पेशियां नहीं दे सकते, इस प्रकार तीन से चार-चार महीने बाद की पेशियां देकर प्रकरण लंबित हो रहे हैं | अब ऐसे में हर आरोपी और शिकायतकर्ता को 5 साल तक कोर्ट के चक्कर पेशियों के रूप में लगाने पड़ेंगे, कहीं कोई सुनवाई नहीं होगी और ना ही होती है | *विषेश बाते* जजों की संख्या बढ़ाई जाए और छुट्टियों को कम किया जाए और गर्मी की छुट्टी जो 1 महीने की होती है उसको भी कम किया जाए क्योंकि अब अंग्रेज जज नहीं है, बल्कि भारतीय जज है जो की छुट्टी में लंदन नहीं जाते है हैं | विंटर वेकेशन जो कि क्रिसमस के हैं उसको भी बंद किया जाए क्योंकि हमारा देश इसाई देश नहीं है और यहां कोई बर्फबारी भी नहीं होती है विंटर वेकेशन को भी सिर्फ दो या तीन दिन का किया जाए 24 - 25 दिसंबर की छुट्टी और 31 दिसंबर न्यू ईयर की छुट्टी रखी जाए इसके अलावा विंटर वेकेशन देने की कोई आवश्यकता नहीं है | [ समझौता करने वाले वकीलों को अलग से कुछ पारिश्रमिक दिया जाए ताकि बहुत से मामले जो ईगो में लगाए गए हैं उसको वकील अपनी तरफ से कोशिश करके समझौता करवाये | CG 24 News - Sukhbir Singhotra
  • नवीन आरक्षण विधेयक कब तक राजभवन में कैद रहेगा ? - कांग्रेस
    *भाजपा की सरकारों ने ओबीसी के अधिकारों को बांटने और छीनने का काम किया है* *वोट बैंक के लिए फर्जी सर्टिफिकेट बनाना भाजपाइयों का चरित्र है* *भाजपा की सरकारों में ओबीसी वर्ग के अधिकारों का हनन हुआ, अनुसूचित जाति, जनजाति के आरक्षण घटाए* रायपुर/27 मई 2024। फर्जी जाति प्रमाण पत्र और आरक्षण के मसले पर भारतीय जनता पार्टी पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि रमन सरकार के दौरान ओबीसी वर्ग के अधिकारों का हनन हुआ। जानबुझकर षडयंत्र पूर्वक उनके अवसर कम किए गए। छत्तीसगढ़ में 2013 में जब भारतीय जनता पार्टी की रमन सिंह की सरकार थी तब मुस्लिम संप्रदाय के 23 जातियों को ओबीसी का सर्टिफिकेट जारी किया गया। ओबीसी आयोग की वेबसाइट में उक्त संदर्भ में अधिसूचना प्रकाशित की गई। यही नहीं प्रधानमंत्री मोदी जी ने एक साक्षात्कार में यह स्वीकार किया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते उन्होंने मुस्लिम संप्रदाय की 70 जातियों को ओबीसी आरक्षण का लाभ दिया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में खड़े होकर स्वीकार किया कि उन्होंने 52 मुस्लिम जातियों को ओबीसी आरक्षण का लाभ दिया। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की कथनी और करनी में अंतर है। हकीकत यह है कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने ओबीसी के अधिकारों को बांटने और छीनने का काम किया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जितने भी मामले उजागर हुए हैं, लगभग सारे मामले भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल के है। 2003 से 2018 के बीच 267 प्रकरणों में जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। भाजपा नेताओं के संरक्षण में फर्जी जाति प्रमाणपत्र धारीयो को संरक्षण मिला और तत्कालीन भाजपा सरकार की अकर्मण्यता के चलते ही फर्जी प्रमाणपत्र धारी न्यायालय से स्टे पा गए जो आज तक सरकारी नौकरी कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी मूलतः आरक्षण विरोधी है। संघ प्रमुख मोहन भागवत, आरएसएस प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य से लेकर भाजपा के सांसद, मंत्रियों ने समय-समय पर आरक्षण विरोधी जहर उगलते रहे। भारतीय जनता पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार ने आरक्षण के संदर्भ में उच्च न्यायालय में जानबूझकर पक्ष नहीं रखा, सीएस कमेटी की रिपोर्ट और ननकी राम कमेटी के तथ्यों को छुपाया जिसकी वजह से आरक्षित वर्ग का अहित हुआ। यही नहीं अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षण में तो पूर्ववर्ती रमन सरकार ने अनुचित कटौती भी की। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों के लिए उचित आरक्षण के प्रावधान संबंधी नवीन आरक्षण विधेयक पारित किया, जिसमें अनुसूचित जनजाति वर्ग का आरक्षण 20 प्रतिशत से बढ़कर 32 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति का आरक्षण 12 प्रतिशत से बढा़कर 13 प्रतिशत और सामान्य वर्ग के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले ईओडब्ल्यू के लिए भी चार प्रतिशत के आरक्षण का उपबंध किया था जो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को इशारे पर आज तक राजभवन में लंबित है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को क्या बताना चाहिए की छत्तीसगढ़ की सर्वहारा जनता से वह किस बात का बदला ले रही है आखिर नवीन आरक्षण विधेयक कब तक राजभवन में कैद रहेगा?
  •  यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2024 के लिए निशुल्क मॉक टेस्ट : पहली बार हुआ आयोजन
    कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के मार्गदर्शन में पहली बार यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2024 के लिए निशुल्क मॉक टेस्ट का आयोजन हुआ* *जिला प्रशासन की नेक पहल के लिए प्रतिभागियों ने दिया धन्यवाद, छात्र बोले- यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में मिलेगी बड़ी मदद* *कई अन्य जिलों के छात्रों ने भी दिया मॉक टेस्ट* *उत्साह के साथ प्रतिभागियों ने दो पालियों में दिया मॉक टेस्ट* *218 प्रतिभागी दो पालियों में दिए माॅक टेस्ट* *प्रथम 3 स्थान हासिल करने वाले प्रतिभागियों को आकर्षक पुरस्कार* रायपुर 26 मई 2024। कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित यूपीएससी 2024 के लिए निशुल्क मॉक में आज छात्रों में काफी उत्साह देखने को मिला। जिसमें कई अन्य जिलों के छात्रों ने भी मॉक टेस्ट में हिस्सा लिया। छात्रों ने कहा कि ऐसे आयोजन के लिए जिला प्रशासन के नेक पहल से प्रतिभागियो को काफी मदद मिलेगी। सामान्य ज्ञान और सी-सेट के पेपर के माध्यम से मॉक टेस्ट में काफी मदद मिलेगी। इस आयोजन में प्रतिभागियों ने बढ़ चढ़ कर आयोजन में हिस्सा लिया। प्रतिभागियों में काफी उत्साह नजर आया। बेमेतरा निवासी श्री गगन चौबे ने कहा कि यह परीक्षा प्रतिभागियों के लिए काफी सहयोग पूर्ण रहा है। इस टेस्ट से प्रतिभागियों को काफी मदद मिलेगी। रायपुर की सुश्री सृष्टि तिवारी ने कहा कि दूसरे राज्य में यूपीएसी के लिए मॉक टेस्ट का आयोजन किया जाता रहा है। यहां पहली बार ऐसा परीक्षा होने से प्रतिभागियों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। राजनांदगांव के श्री देवेश कुमार ने कहा कि ऐसे आयोजन से तैयारी करने वालों को प्रोत्साहन मिलेगा। 218 प्रतिभागियों ने पंजीयन कराया था, जिसके लिए दो पालियों में यह परीक्षा ली गई। यह मॉक टेस्ट ऑफ लाइन हुआ। युवाओं को वास्तविक परीक्षा के अनुभव के लिए ऑनलाइन के जगह ऑफलाइन मॉक टेस्ट का आयोजन किया गया। मॉक टेस्ट का प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेजी दोनो भाषा में हुआ। जिला प्रशासन द्वारा मॉक टेस्ट के बाद प्रश्नों के विस्तृत उत्तर भी दिया गया। साथ ही प्रथम 3 स्थान हासिल करने वाले प्रतिभागियों को आकर्षक पुरस्कार दिया जाएगा। परीक्षा का आयोजन कालीबाड़ी स्थित जे.आर. दानी कन्या विद्यालय और चौबे काॅलोनी स्थित शासकीय मायाराम सुरजन विद्यालय में हुआ। पहले पाली में सुबह 8 से 10 बजे के मध्य सामान्य अध्ययन और दूसरी पाली में सुबह 11 बजे से 1 बजे के मध्य सी-सेट के टेस्ट हुआ।
  •  *मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने राजनांदगांव, दुर्ग और महासमुंद में मतगणना की तैयारियों का लिया जायजा*
    *मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने राजनांदगांव, दुर्ग और महासमुंद में मतगणना की तैयारियों का लिया जायजा* *स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा, मतगणना कक्षों का किया निरीक्षण* *निर्बाध और सुव्यवस्थित मतगणना के लिए अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश* रायपुर 23 मई 2024/ छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने आज राजनांदगांव, दुर्ग और महासमुंद का दौरा कर आगामी 4 जून को होने वाली मतगणना की तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने तीनों जिला मुख्यालयों में स्ट्रांग-रूम में रखे ईवीएम की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने मतगणना हेतु तैयार किए जा रहे मतगणना कक्षों का अवलोकन किया। श्रीमती कंगाले ने निर्बाध और सुव्यवस्थित मतगणना के लिए मतगणना स्थल पर विभिन्न व्यवस्थाओं के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर, सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रश्मि वर्मा और दुर्ग संभाग के आयुक्त सत्यनारायण राठौर सहित तीनों जिलों के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, पुलिस अधीक्षक, उप जिला निर्वाचन अधिकारी तथा सहायक रिटर्निंग अधिकारी भी इस दौरान उपस्थित थे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने तीनों जिलों में विधानसभावार मतगणना कक्षों, उम्मीदवारों एवं उनके गणना अभिकर्ताओं की बैठक व्यवस्था, प्रवेश पास, सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से मॉनिटरिंग, मतगणना के दिन वीडियोग्राफी, सुरक्षा व्यवस्था, बैरीकेडिंग, डाक मतपत्रों तथा वीवीपैट पर्ची की गिनती की व्यवस्था, मीडिया सेंटर तथा उद्घोषणा स्थल का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि मतगणना हॉल में मोबाइल फोन, आईपेड, लैपटॉप, स्मार्ट वॉच, कैमरा एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण प्रतिबंधित रहेगा। मीडिया प्रतिनिधि मीडिया सेंटर तक मोबाइल ले जा सकते हैं। उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों को छोटे-छोटे समूहों में मतगणना कार्य का अवलोकन कराने निर्देशित किया। श्रीमती कंगाले ने मतगणना स्थल और मतगणना कक्षों की ड्राइंग-डिजाइन का अवलोकन कर निर्वाचन अभिकर्ताओं की सुविधा के लिए इसे मतगणना स्थल में प्रदर्शित करने के निर्देश दिए जिससे अभिकर्ता अपने निर्धारित मतगणना कक्ष तक सुगमता से पहुंच सके। उन्होंने मतगणना स्थल में विधानसभावार मतगणना कक्ष तक पहुंचने के लिए बनाए गए मार्गों का भी अवलोकन किया। श्रीमती कंगाले ने तीनों जिले में मतगणना स्थलों पर सहायक रिटर्निंग ऑफिसर्स (एआरओ) से चर्चा कर मतगणना के लिए टेबलों की व्यवस्था के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने वोटों की गिनती के लिए कंट्रोल यूनिट को स्ट्रांग-रूम से मतगणना कक्ष तक लाने और वापस ले जाने की व्यवस्था के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने स्ट्रांग-रूम के बाहर मौजूद राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर स्ट्रांग-रूम की सुरक्षा व मॉनिटरिंग व्यवस्था तथा मतगणना स्थल पर इंतजामों के संबंध में फीडबैक भी लिया। इन पर दलों के प्रतिनिधियों ने सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बताते हुए संतुष्टि जताई। उल्लेखनीय है कि लोकसभा आम निर्वाचन-2024 के लिए प्रदेश में तीन चरणों में डाले गए वोटों की गिनती आगामी 4 जून को सभी संबंधित जिला मुख्यालयों में होगी।
  • नगर निगम कमिश्नर अविनाश मिश्रा वार्ड के अंदर की बदहाल सफाई व्यवस्था से अनभिज्ञ है |
    महापौर एजाज ढेबर द्वारा विगत दिनों दिया गया बयान कि पीएम को भी महापौर की इस सीट पर बैठा दिया जाए तो भी समस्याएं समाप्त नहीं हो सकती | वहीं दूसरी तरफ नगर निगम रायपुर के कमिश्नर अविनाश मिश्रा द्वारा कैनाल रोड के फ्लाई ओवर की साफ सफाई के लिए तो अधिकारियों को सख्त निर्देश दे दिए गए परंतु निगम कमिश्नर की नजर मुख्य मार्गो तक ही सीमित रहती है, क्योंकि उन्हें अधिकारी के तौर पर मुख्य मार्गों पर ही आवागमन करना है इसलिए उन्हें मुख्य मार्ग पर साफ सुथरी सड़कों पर थोड़ा सा भी कचरा दिख जाए तो वह उन्हें नजर आ जाता है परंतु वे वार्ड के अंदर की गंदगी की स्थिति को नहीं जानते है , ऐसा लगता है की नगर निगम कमिश्नर अविनाश मिश्रा वार्ड के अंदर की बदहाल सफाई व्यवस्था से अनभिज्ञ है, क्योंकि अगर उन्हें पता होता कि राजधानी के सभी 70 वार्डों के अंदरूनी इलाकों में गंदगी का जो आलम है, नालिया नाले बज बजा रहे हैं, नालों में पांच - पांच फीट तक कचरा भरा हुआ है और नालियां एक से डेढ़ फीट तक जो उनकी गहराई है वह गंदगी से भरी पड़ी है, जोन 10 के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 52 के इन दो मंदिरों के आसपास की इन तस्वीरों को देखकर आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं की सफाई के मामले में नगर निगम की क्या स्थिति है, यह ट्रेलर नहीं एक झलक मात्र है, यदि ट्रेलर और पिक्चर को देखेंगे तो रायपुर के आम नागरिकों को पीड़ा होगी क्योंकि उनके खून पसीने की कमाई से दिए जा रहे टैक्स की रकम से सफाई के नाम पर अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और ठेकेदारों के बीच खुले आम बंदर बांट चल रही है | रायपुर के जोन क्रमांक 10 के वार्ड क्रमांक 52 में महावीर नगर के बसंत पार्क में मां दुर्गा और शंकर भगवान के मंदिरों के आजू-बाजू गंदगी के बीच आसपास के भक्त, श्रद्धालु, माताएं - बहने, युवा, बुजुर्ग दर्शन करने मजबूर हैं | नगर निगम का सफाई अमला चाहे पार्षद हो, ठेकेदार हो, अधिकारी हों बिना सफाई कार्य किये हर महीने नियमित रूप से राशि का लेनदेन कर रहे हैं | मजे की बात यह है की शिकायत होने पर साल में एक बार या दो बार ठेकेदार पर नाम मात्र के लिए 5 हजार रूपए का जुर्माना लगाकर कार्यवाही को इतिश्री कर दिया जाता है जबकि होना यह चाहिए कि एक बार या दो बार के बाद ठेकेदार की गलती मिलने पर उसे पर जुर्म दर्ज कर जेल भेज देना चाहिए परंतु ऐसा होता नहीं है क्योंकि सब मिली भगत और लेनदेन का नीचे से ऊपर तक का चक्कर है तो करवाई हो भी तो कैसे ? जबकि देखा जाए तो सफाई ठेकेदारों द्वारा तय कर्मचारियों में से आधे कर्मचारियों से ही आधा कार्य करवा कर हर मां एक से डेढ़ लाख रुपए की अवैध बचत की जाती है इस प्रकार साल भर में ठेकेदारों द्वारा एक वार्ड में 70 से 80 लख रुपए के सफाई घोटाले में से पांच या ₹10000 जुर्माना देकर एक बड़ी रकम अवैध रूप से अंदर कर ली जाती है | जुर्माना उनके लिए सही कार्य करने का सर्टिफिकेट बन जाता है और इस आधार पर सफाई ठेकेदार कानूनी कार्यवाही से बच जाते हैं क्योंकि उन्होंने तो अपनी गलती के लिए 5 हजार या 10 हजार रूपए जुर्माना भर दिया है | परंतु वहीं दूसरी तरफ टैक्स देने वाले नागरिक नियमित रूप से हर माह का टैक्स देने के बावजूद नगर निगम की सुविधा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं और उनकी कोई सुनवाई नहीं होती | अब सवाल या उठना है कि नगर निगम कमिश्नर, महापौर और जनप्रतिनिधि जैसे कि सांसद विधायक और पार्षद सफाई ठेकेदारों पर मेहरबान क्यों रहते हैं यह विचारणीय विषय है जो इस बात की ओर इशारा करता है कि कुछ तो है जो ठेकेदारों के खिलाफ कुछ बोलने के लिए उनके मुंह को बंद रखता है |
  • स्वाति मालीवाल ने X प्लेटफार्म पर लगाया काला धब्बा

     

    पार्टी में कल के आए नेताओं से 20 साल पुरानी कार्यकर्ता को BJP का एजेंट बता दिया। दो दिन पहले पार्टी ने PC में सब सच क़बूल लिया था और आज U-Turn ये गुंडा पार्टी को धमका रहा है, मैं अरेस्ट हुआ तो सारे राज़ खोलूँगा। इसलिए ही लखनऊ से लेकर हर जगह शरण में घूम रहा है।  

    ये गुंडा पार्टी को धमका रहा है, मैं अरेस्ट हुआ तो सारे राज़ खोलूँगा। इसलिए ही लखनऊ से लेकर हर जगह शरण में घूम रहा है। मुझे सूचना मिली है कि अब ये लोग घर के CCTV से छेड़छाड़ करवा रहा है | हर बार की तरह इस बार भी इस राजनीतिक हिटमैन ने ख़ुद को बचाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। अपने लोगों से ट्वीट्स करवा के, आधि बिना संदर्भ की वीडियो चलाके इसे लगता है ये इस अपराध को अंजाम देके ख़ुद को बचा लेगा। कोई किसी को पीटते हुए वीडियो बनाता है भला? घर के अंदर की और कमरे की CCTV फ़ुटेज की जाँच होते ही सत्य सबके सामने होगा। जिस हद तक गिर सकता है गिर जा, भगवान सब देख रहा है। एक ना एक दिन सब की सच्चाई दुनिया के सामने आएगी।

  • स्वाति मालीवाल आईं सामने - कहा BJP वालों से ख़ास गुज़ारिश है इस घटना पे राजनीति न करें

    मेरे साथ जो हुआ वो बहुत बुरा था। मेरे साथ हुई घटना पर मैंने पुलिस को अपना स्टेटमेंट दिया है। मुझे आशा है कि उचित कार्यवाही होगी। पिछले दिन मेरे लिए बहुत कठिन रहे हैं। जिन लोगों ने प्रार्थना की उनका धन्यवाद करती हूँ। जिन लोगों ने Character Assassination करने की कोशिश की, ये बोला की दूसरी पार्टी के इशारे पर कर रही है, भगवान उन्हें भी खुश रखे। देश में अहम चुनाव चल रहा है, स्वाति मालीवाल ज़रूरी नहीं है, देश के मुद्दे ज़रूरी हैं। BJP वालों से ख़ास गुज़ारिश है इस घटना पे राजनीति न करें।

     

  • उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दिया इस्तीफा
    छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा ने आज जिला पंचायत सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया - प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा ने कबीरधाम जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष सुशीला रामकुमार भट्ट को अपना इस्तीफा सौंप दिया |
  • पटना साहिब गुरुद्वारे में प्रधानमंत्री मोदी ने अरदास करने के साथ ही गुरुद्वारा में लंगर सेवा भी की

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को पटना साहिब गुरुद्वारे पहुंचे. पीएम मोदी की कई तस्वीरें सामने आईं, जिसमें वह अलग-अलग तरह से गुरुद्वारे की .. सेवाएं करते नजर आए. एक फोटो में प्रधानमंत्री गुरुद्वारे के बड़े से देग में बड़ी करछुल चलाते भी नजर आए.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को बिहार की राजधानी पटना के प्रसिद्ध हरिमंदिर साहिब गुरुद्वारे पहुंचे. उन्होंने गुरुद्वारे में पहुंचकर सेवा कार्य किय...रोटियां बेलीं, श्रद्धालुओं को खाना परोसा और वहां आने वाले लोगों से मुलाकात भी की

    पटना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पटना सिटी स्थित तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब पहुंचे और गुरु के दरबार में मत्था टेका. गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सिरोपा भेंटकर प्रधानमंत्री को सम्मानित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने अरदास करने के साथ ही गुरुद्वारा में लंगर सेवा भी की. गुरुद्वारे के किचन पहुंचकर वहां पीएम मोदी ने खाना भी पकाया और वहां के इंतजाम देखे. पीएम मोदी ने वहां रोटी भी बेले. पीएम मोदी ने खुद लंगर सेवा भी की और प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं आगंतुकों को खाना परोस कर खिलाया. यह अद्भुत ही प्रेरणादायक तस्वीर रही.

  • राजद्रोह के केस की प्रोसिडिंग पर रोक  - IPS जीपी सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत

     

    ब्लैकमेलिंग के केस में मिल चुकी है राहत

    रायपुर। छत्तीसगढ़ में आईपीएस जीपी सिंह को बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने जीपी सिंह पर लगाए गए राजद्रोह के केस की प्रोसिडिंग पर रोक लगा दी है। पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि, बाद में छत्तीसगढ़ के सस्पेंड अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह पर पुलिस ने राजद्रोह के तहत केस दर्ज किया था। 

    एक हप्ते पहले कैट ने बहाल करने के जारी किये आदेश 

     एक हप्ते पहले आईपीएस जीपी सिंह को कैट ने बड़ी राहत दी है। कैट ने चार हफ़्तों के भीतर जीपी सिंह से जुड़े सभी मामलों को निराकृत कर बहाल किए जाने का आदेश दिया है। जीपी सिंह 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्हें राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते साल जुलाई महीने में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी। 

     

     
  • जातीय जनगणना में हिंदू घटा, मुस्लिम बढ़ा वाली रिपोर्ट पर देश में मचा बवाल
    *Sukhbir Singhotra* हिंदू घटा - मुस्लिम बढ़ा जातीय जनगणना पर आई रिपोर्ट पर देश में बवाल मच गया है | उल्लेखनीय है कि 2011 के बाद अभी तक देश में जनगणना नहीं हुई और एन चुनावों के वक्त हिंदुओं और मुसलमान की जनसंख्या का विश्लेषण राजनीतिक गलियों में चर्चा का विषय बन गया है गरमा गरम बहस चल रही है पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गया है, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति द्वारा तैयार की गई यह रिपोर्ट संदेहों के दायरे में है अनेक लोगों का कहना है कि जब 2011 से जाति जनगणना हुई ही नहीं तो है रिपोर्ट कहां से आई, ऐसे में क्या माना जाए कि यह चुनाव में मतदान को प्रभावित करने वाली रिपोर्ट है या फिर इसके पीछे कोई और बड़ा एजेंडा है ? यहां यह बताना भी जरूरी है की हिंदुस्तान में इस रिपोर्ट के अनुसार मुसलमानों की जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है तो वही पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में हिंदुओं की जनसंख्या में अत्यंत गिरावट हो रही है और इसके बावजूद भारत के मुसलमान अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं परंतु किसी भी विपक्षी राजनीतिक दल के द्वारा कभी भी कोई ऐसा बयान नहीं आया कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ वहां की सरकार पर दबाव बनाने और अत्याचार रोकने के बारे में कहा हो | जबकि पूरी दुनिया में हिंदुस्तान ही एक ऐसा देश है जहां मुसलमान को पूरी स्वतंत्रता है | भारत में मुस्लिम हर क्षेत्र में सहभागिता के साथ भारत के संविधान के अनुसार बिना डर के, बिना दबाव के सभी शासकीय योजनाओं में बराबर की भागीदारी के साथ जीवन जी रहे हैं और हिंदुस्तान ही एक ऐसा देश है जहां बहुसंख्यक हिंदुओं के बीच मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित हैं इसके बावजूद भी भारत के कुछ मुसलमान राष्ट्र विरोधी बातें करते हैं, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान का समर्थन करते हैं , उन्हें भारत के संविधान के अनुसार बोलने की पूरी स्वतंत्रता है और वही दूसरी तरफ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में हिंदुओं की जनसंख्या में भारी गिरावट हो रही है, उन पर अत्याचार हो रहे हैं, उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जाता है, जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराया जाता है जो कि जग जाहिर है फिर भी दुनिया के राजनेता इस पर अपना मुंह खोलने को तैयार नहीं है | इस मामले में हिंदू राष्ट्र की बात करने वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बयान नहीं आया जबकि जिस तरह से वह खुलकर हिंदू राष्ट्र की बात कर रहे थे ऐसे समय में उनका बयान ना आना आश्चर्य का विषय है | ________________________ *DD News की खबर* भारत में घटी हिंदुओं की संख्या, लगभग 8 प्रतिशत की आई कमी आर्थिक सलाहकार परिषद की हालिया रिपोर्ट से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। दरअसल, रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में करीब 43% मुस्लिम आबादी बढ़ी है। 1951 से मुस्लिम आबादी करीब 43 प्रतिशत बढ़ गई रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 1951 से हिंदुओं की आबादी में लगभग 8 प्रतिशत की कमी आई है। जबकि इसी दौर में मुस्लिम आबादी करीब 43 प्रतिशत बढ़ गई है। ऐसे में बहुसंख्यकवाद के नेरेटिव पर इस रिपोर्टे ने पानी फेर दिया है। वहीं चुनावी मौसम में इस पर राजनीतिक बहस जारी है। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में भी हिंदू हो रहे विलुप्त दरअसल, भारत में अल्पसंख्यक के उत्पीड़न को लेकर अभी तक जितना नैरेटिव गढ़ा गया वो सब झूठ निकला है। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में देखा जा सकता है जहां हिंदू विलुप्त होते जा रहे हैं। यानी अल्पसंख्यक वहां पर विलुप्त हो रहे हैं। पाकिस्तान में 18 प्रतिशत हिंदू आबादी इस दौर में 1.18 प्रतिशत पाकिस्तान में 18 प्रतिशत हिंदू आबादी इस दौर में 1.18 प्रतिशत पर सिमट गई। बांग्लादेश की बात करें तो वहां 24 प्रतिशत हिंदू आबादी 8.2 प्रतिशत सिमट कर रह गई है जबकि इसी दौर में मुस्लिम आबादी काफी बढ़ी है। भारत में अल्पसंख्यकों को लेकर नहीं किया गया कभी भेदभाव यदि भारत की बात करें तो यहां अल्पसंख्यकों को लेकर कभी भेदभाव नहीं किया गया। इसकी पुष्टि ये आंकड़े भी कर रहे हैं। पीएम की इकोनॉमिक काउंसिल की स्टडी में 1950 में मुस्लिमों की आबादी 9.84 प्रतिशत थी जो 2015 तक 14.9 प्रतिशत हो चुकी है। प्रियंका गांधी का कहना है कि सवाल महंगाई और बेरोजगारी का है तो बात भी इसी पर होनी चाहिए। यानी वो इस मुद्दे पर बात नहीं करना चाहती। वहीं राहुल गांधी इकोनॉमिक सर्वे की बात करते हैं और जिसकी जितनी आबादी उतना हक का नारा देते हैं। उधर भाजपा नेता कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं कि ये लोग भारत को इस्लामिक स्टेट बनाना चाहते हैं। भारत के लिए वहीं कुछ नेता जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता पर जोर देते हैं। सीएए कानून के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान के पीड़ित अल्पसंख्यकों को जब नागरिकता दी जाती है तो वे इसका विरोध करते हैं और कहते हैं कि इसे लागू नहीं होने देंगे। जनता का बढ़ता घनत्व देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को करता है प्रभावित वहीं समान नागरिकता संहिता का भी विरोध किया जाता है। ऐसे में मुस्लिम को लेकर विक्टिम कार्ड आखिर क्यों खेला जाता है। आप रिपोर्ट के आंकड़ों में पाएंगे कि जनता का बढ़ता घनत्व देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रभावित करता है।
  • आपकी उम्र आराम करने की है, सेवा करने की नहीं : व्यंग
    *देश को डुबा और खुद तैर* *(व्यंग्य : विष्णु नागर)* -- मान लीजिए श्रीमान, इस बार जनता आपसे कहे कि आप कुछ महीने बाद 74 के होकर 75 वें वर्ष में प्रवेश करने वाले हैं, अब आपकी उम्र आराम करने की है, सेवा करने की नहीं, सेवा करवाने की है, तो क्या आप यह बात मान लेंगे? वैसे भी आपने पिछले दस वर्षों में एक भी दिन आराम नहीं किया है। आपका अधिकार और कर्तव्य भी है कि अब आप पूर्णरूप से आराम करें। स्वास्थ्य को खतरे में न डालें! -- मेरी ईश्वर जनता है। उसकी सेवा करना मेरा धर्म है। जनता भी कहेगी कि मैं आराम करूं, तो मैं मानूंगा नहीं। सेवा का पुण्य कमाऊंगा। सेवा है, तो मेवा है। मेरा विश्वास -- मेवा। मेरा संकल्प -- मेवा। मेरी अपने लिए गारंटी -- मेवा। केंद्र में मेवा, परिधि में मुख-सेवा। विपक्ष मुझे मेवे से वंचित करना चाहता है। मैं इस षड़यंत्र को अपने जीते जी सफल नहीं होने दूंगा। मैं मेवा खाकर रहूंगा। मेवा ही सत्य है, बाकी सब असत्य है। -- पर इस उम्र में आपको फल अधिक खाने चाहिए, मेवे नहीं। मेवे भारी होते हैं। उन्हें खाकर आपको अपच हो सकता है। -- अपच तो है मुझे। मेरे भाषण इसी अपच की सच्ची और खरी अभिव्यक्ति हैं। -- अच्छा, मूल बात पर आते हैं। चुनाव में जनता आपकी अभी तक की सभी कुसेवाओं-सेवाओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहे कि अब आप अवकाश लें, तब तो कोई रास्ता बचता नहीं। -- बचता क्यों नहीं है‌? जनता की बात सुनकर हमने आज तक कौन-सा निर्णय लिया है? केवल चार घंटे का समय देकर नोटबंदी मैंने जनता से पूछकर की थी? जनता की बात सुनकर मैंने कोरोना के समय लाकडाउन घोषित किया था? जनता ने कहा था कि किसानों का नहीं, कारपोरेट दुनिया के इन रईसों का कर्ज माफ करो? क्या जनता की मांग पर हमने अभूतपूर्व महंगाई बढ़ाई है, बेरोजगारी को प्रोत्साहित किया है? क्या यह जनता की हार्दिक इच्छा थी कि उसे सस्ता गैस सिलेंडर और पेट्रोल-डीजल नहीं चाहिए? क्या सेना में जाने की तैयारी करने वाले युवकों से पूछकर मैंने अग्निवीर योजना लागू की थी? एक भी उदाहरण देकर बताओ कि मैंने फलां काम जनता की मर्जी से किया? क्या बुलेट ट्रेन मैं जनता से पूछकर चलवा रहा हूं? क्या जनता ने कहा कि ये बड़ा-सा बंगला आपको फबता नहीं, आप तो अपने लिए महल बनवाओ? -- ये आप क्या उल्टी-सीधी बात कर रहे हैं? आप नेता हैं। अभी आप खुद भी जनता की सेवा की बात कर रहे थे और अब आप जनता के खिलाफ ही बोल रहे हैं! -- अरे जनता की सेवा की बात करना मेरा पेशा है। वैसे जनता कुछ होती नहीं। होती तो 15-15 लाख देने, हर साल दो करोड़ रोजगार देने, अच्छे दिन के मेरे झांसे में फंस जाती? और सुनो 2019 तक मैंने इनमें से एक भी बात पूरी नहीं की, तो क्या जनता ने मुझे इसकी सजा दी या और अच्छा पुरस्कार दिया? 2019 में 2014 से अधिक बहुमत देकर जिताया‌ या नहीं जिताया? ये है जनता की असलियत। जनता एक भ्रम है, एक माया है।जिताता-हराता तो पैसा है। जनता तो निमित्त मात्र है। -- मतलब हार गए, तो भी हटेंगे नहीं ? -- क्यों हटेंगे? बेवकूफ हैं क्या? क्या गद्दी छोड़कर झोला लेकर चल देंगे? इतने सीधे हैं हम, फकीर हैं क्या? हम मन की बात करते हैं, तो मन की बात ही सुनते ही हैं। -- मन क्या ये नहीं कह सकता कि चल बेटा,अब बहुत हुआ, अब तू घर बैठ‌। -- हमारा मन ऐसी बात कभी नहीं कह सकता। -- मगर जनता कहेगी कि .... -- फिर जनता? अरे जनता-जनता करने के अलावा आपको कुछ सूझता भी है? -- दो बार तो आपको जनता ने ही इस पद पर बैठाया? -- यह भी बहुत बड़ी गलतफहमी है। जनता ने नहीं, मेरे जुमलों ने, मेरे झूठ ने, मेरे हिंदू-मुसलमान ने और बड़े-बड़े सेठों के अरबों रुपए ने मुझे इस पद पर बैठाया। जनता की क्या हैसियत, जो मुझे जिताए या हराये? मुझे वोट ने नहीं, नोट ने जिताया है। आज भी नोट मेरे पास है, इसलिए वोट भी मेरे पास हैं। -- मतलब आप हटेंगे नहीं। जनता ने हटाया, तो आपके अटल जी हट गए थे। इंदिरा गांधी से लेकर मनमोहन सिंह तक सभी हट गए थे। -- मैं किसी का अनुयायी नहीं हूं। अपना अनुयायी मैं स्वयं हूं। -- तो किसके कहने से हटेंगे? -- किसी के कहने से नहीं,जनता के वोट से भी नहीं। -- आपके मालिक कहें। हटने को तो? -- अडानी- अंबानी कभी नहीं कहेंगे।वे जानते हैं, मैं उनका सबसे सच्चा और सबसे लाड़ला सेवक हूं। -- मान लो, मजबूर होकर उन्होंने भी कह दिया तो! -- तो मन की बात सुनूंगा। -- आपका मन क्या कह रहा है? -- हट मत। देश अभी पूरी तरह डूबा नहीं, तेरा कर्तव्य अभी पूरा हुआ नहीं। इसे इतनी अच्छी तरह डुबा, इतना गहरा डुबा कि अगले सौ साल तक यह देश उठ न सके।इतने झगड़े बढ़ा कि सब आपस में लड़ते रहें और तू मज़ा लेता रहे। गृहयुद्ध हो, तो होने दे। घबरा मत, डर मत। डुबा और डुबा। ये डुबेगा तो ही तू तैर सकेगा, किनारे लग सकेगा। *(व्यंग्यकार प्रसिद्ध साहित्यकार हैं और मध्यप्रदेश सरकार के शिखर सम्मान और साहित्य अकादमी के साहित्य सम्मान सहित विभिन्न सम्मानों से सम्मानित। नवभारत टाइम्स, दैनिक हिंदुस्तान, कादम्बिनी, नई दुनिया और शुक्रवार समाचार साप्ताहिक से जुड़े रहे। भारतीय प्रेस परिषद के पूर्व सदस्य। वर्तमान में स्वतंत्र लेखन।